Category: विचार

वो छह वजहें जो बताती हैं कि क्यों भारत जोड़ो यात्रा सिर्फ सियासी तमाशा भर नहीं

राजनीति भी फुटबॉल के खेल की तरह है: गेंद पर पकड़ मायने रखती है. गेंद पर पकड़ इतनी मजबूत है इस बार कि राजस्थान में चला सियासी संकट भी भारत…

आदिपुरुष : क्रिएटिव लिबर्टी के बहाने, आस्था पर निशाने

बुद्धिजीवियों और बॉलीवुड को इस बात पर मंथन करना चाहिए। भगवान् श्री राम और रामायण से हमारी आस्था जुडी हुई इसलिए उनसे जुडी हुई किसी भी चीज़ का लोकतान्त्रिक तरीके…

9 अक्टूबर विश्व डाक दिवस विशेष………. अब नहीं आती अपनों की चिट्ठी-पत्री

संचार क्रांति के इस युग में अब नहीं आती कहीं से भी अपनों की चिट्ठी-पत्री। बदलते दौर में घर से जाते समय अब कोई नहीं कहता कि पहुंतें ही चिट्ठी…

शील, करुणा और मैत्री का ‘संगम’ है भारत का स्वधर्म

योगेन्द्र यादव इस लेख की पिछली दो कडिय़ों में देश की वर्तमान अवस्था को भारत के स्वधर्म की रोशनी में परखने का आग्रह किया गया है। आज जो हो रहा…

लोकतंत्र की पवित्रता और आदर्श आचार संहिता

सैद्धांतिक रूप से यह जितना आदर्श से युक्त है, व्यवहार में इसका अनुपालन कम ही होता दिखाई देता है। जातिवाद, क्षेत्रवाद, बाहुबल और धनबल के रसूख से भरे चुनावी अभियान…

राष्ट्रीय क्षमा और खुशी दिवस – 7 अक्टूबर…….कमज़ोर कभी माफ नहीं कर सकते; क्षमा ताकतवर की विशेषता है

सामाजिक जीवन तभी संभव है जब हम बात करें, चर्चा करें और एक-दूसरे की छोटी-छोटी गलतियों को क्षमा करें। क्षमा के लिए एक आवश्यक मूल्य इस प्रकार प्रत्येक मनुष्य के…

भारतीय संस्कृति में सहजीवन ( लिव इन रिलेशनशिप )

डाॅ0 कामिनी वर्मा …….. एसोसिएट प्रोफेसर, काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, आत्मसंयम, इन्द्रियनिग्रह, परोपकार, सहनशीलता, उदारता, अपरिग्रह आदि वैयक्तिक गुण भारतीय संस्कृति में जीवनतत्व के रूप जन-जन में विद्यमान है।…

जलते है केवल पुतले, रावण बढ़ते जा रहे ?

शहरे पर रावण का दहन एक ट्रेंड बन गया है। लोग इससे सबक नहीं लेते। रावण दहन की संख्या बढ़ाने से किसी तरह का फायदा नहीं होगा। लोग इसे मनोरंजन…

गैंगस्टर , फिल्म और जीवन

-कमलेश भारतीय गैंगस्टरों पर मुम्बइया फिल्मी दुनिया ने अनेक फिल्में बनाई हैं जिनमें सबसे लोकप्रिय डाॅन रही जिसमें डाॅन का रोल पहले अमिताभ बच्चन तो दूसरी फिल्म में शाहरुख खान…

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