चंडीगढ़, 28 नवंबर – हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग ने हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम (एचएसआईआईडीसी) को  आदेश जारी करते  हुए कहा कि प्लॉट आवंटन या राशि वापिस करने में हुई अनावश्यक देरी तथा परेशानी के चलते पीड़ित चार आवंटियों को 5,000-5,000 रुपये का मुआवजा प्रदान किया जाये। 

इस सम्बन्ध में आदेश जारी करते  हुए हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग के मुख्य आयुक्त श्री टी.सी. गुप्ता ने बताया कि इन आवंटियों ने नीलामी में 10 प्रतिशत बयाना राशि जमा करके औद्योगिक विकास केंद्र (आईजीसी) साहा में प्लॉट आवंटन के लिए आवेदन किया था। हालांकि, एक त्रुटि के कारण, उन्हें एचएसआईआईडीसी के आंतरिक पोर्टल पर आईजीसी साहा (अंबाला) में सेक्टर-7 के बजाय गलती से सेक्टर-1 के तहत सूचीबद्ध किया गया। इस त्रुटि के परिणामस्वरूप इन चार आवंटियों के लिए नियमित आवंटन पत्र रोक दिए गए, जो निर्धारित समय सीमा के भीतर जारी नहीं किए गए।

एचएसआईआईडीसी द्वारा निर्धारित अवधि के भीतर अधिसूचित सेवा प्रदान करने में विफल रहने के बाद, चारों  पीड़ित आवंटियों ने हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग में आवेदन किया। संबंधित अधिकारियों से सुनवाई के बाद, हरियाणा सेवा का अधिकार  आयोग ने आदेश दिया है कि चारों आवंटियों को 5,000-5,000 रुपये का मुआवजा दिया जाए।

इसके अलावा, आयोग ने यह भी आदेश दिये कि एचएसआईआईडीसी जिम्मेदार दोषी अधिकारियों से मुआवजे की राशि वसूल सकता है, जिनकी पहचान एचएसआईआईडीसी के प्रबंध निदेशक द्वारा की जाएगी। एचएसआईआईडीसी को 10 दिसंबर, 2024 तक मुआवजे के भुगतान सहित इन आदेशों के अनुपालन की रिपोर्ट आयोग को देनी होगी।

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