Category: विचार

चिंताओं से घिरा भारत का मध्यम वर्ग ………

मध्यम वर्ग के लोगों की चिंताओं का कोई अंत नहीं होता। क्योंकि ये बच्चों को लायक बनाने में अपना पूरा जीवन निकाल देते हैं। फिर उस अनुरूप बच्चों का विवाह…

आज दिल जीते हैं, कल फिर कप जीतेंगे …….

जन्म मरण के चक्र-सी है हार जीत लग रही। लड़े-भिड़े शौर्य से, आज नही तो कल सही।। कप जितने से बड़ी बात दिल जीतना होता है। क्रिकेट खत्म नही हो…

डॉक्टरी बना कारोबार, ‘झोलाछाप’ कर रहे उपचार

देशभर में खासकर गांवों में बिना जरूरी डिग्री वाले डॉक्टरों की भरमार है। कोई तीन-चार साल तक मेडिकल स्टोर पर काम करने के बाद डॉक्टर बन जा रहा है, तो…

पुरुष संवेदनशीलता के बिना महिला सशक्तिकरण अधूरा

यह कहना कि केवल महिलाएं ही इस मानसिकता की शिकार हैं, आधा सच होगा। हाल के दिनों में, पुरुषों पर पितृसत्ता के प्रभाव के संबंध में अधिक जागरूकता उत्पन्न हुई…

तकनीक का दुरुपयोग मानवता के भविष्य के लिए खतरनाक?

डीपफेक तकनीक के तहत किसी फोटो या वीडियो में दूसरे का चेहरा लगा दिया जाता है। इसमें मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआइ का सहारा लिया जाता है। इसमें…

चिंताजनक है अखबारों और लेखकों की स्थिति ……..

समाचार पत्र और यहां तक कि लेखकों को भी अस्तित्व बचाने के लिए गूगल व फे़सबुक को मात देना होगा। बदहाल होती स्थिति पर सवाल यह है- वे ऐसा कैसे…

दिवाली का बदला स्वरूप …….

दिवाली के शुभ अवसर पर हमारे देश में रोशनी, मिठाईयां, सुख-समृद्धि और सौभाग्य की बात करने की परंपरा है लेकिन विडंबना ये है कि आज के दौर में दिवाली के…

रंगत खोते हमारे सामाजिक त्यौहार ………

बाजारीकरण ने सारी व्यवस्थाएं बदल कर रख दी है। हमारे उत्सव-त्योहार भी इससे अछूते नहीं रहे। शायद इसीलिए प्रमुख त्योहार अपनी रंगत खोते जा रहे हैं और लगता है कि…

बदलती रामलीला ……….. आस्था में अश्लीलता का तड़का

जब आस्था में अश्लीलता का तड़का लगा दिया जाता है तो वह न सिर्फ उपहास का कारण बन जाती है बल्कि बहुसंख्यक लोगों की भावनाएं भी आहत होती हैं। मर्यादा…

कन्या-पूजन नहीं बेटियों के प्रति दृष्टिकोण बदलने की जरूरत ………

नवरात्रि का पर्व नारी के सम्मान का प्रतीक है। नौ दिनों तक नवदुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना होती है। कहते हैं कि जिस घर में माता की पूजा होता…