Category: विचार

सरकारी स्कूलों में पढ़कर राज्यभर में टॉप करना कोई छोटी बात नहीं है

देश के प्रधानमंत्री मोदी जी को एक मन की बात देश भर के सरकारी स्कूलों की स्थिति और अध्यापकों की भर्ती और उनकी कार्यशैली को लेकर करनी चाहिए — डॉo…

लोकतंत्र बचाने निकली आपातकाल वाली कांग्रेस

-कमलेश भारतीय आखिर राजस्थान कांग्रेस और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थन में कांग्रेस लोकतंत्र बचाओ अभियान चलाने निकली । हरियाणा में भी यह अभियान चलेगा । प्रदर्शन होंगे और नारेबाजी…

सबका ध्यान रखने वाले कोरोना योद्धाओं का हम ध्यान रखें

इन वीरों के मान-सम्मान को बरकरार रखना चाहिए, ये देश की सरकार और न्यायालय की अहम जिम्मेदारी बनती है –प्रियंका सौरभ रिसर्च स्कॉलर इन पोलिटिकल साइंस,कवयित्री, स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार,…

महामंदी के दौर में भी चमक रहा है सोना

औंधे मुहं गिरी अर्थव्यवस्था में सोने की बढ़ती चमक से लोगों को एक सुरक्षित निवेश की आशा नज़र आ रही है — डॉo सत्यवान सौरभ, रिसर्च स्कॉलर इन पोलिटिकल साइंस,कवि,स्वतंत्र…

आयुर्वेद को दवा माफियाओं से बचाना होगा

आयुर्वेद के नाम पर झूठे दावों, दवाइयों के जालसाजी आदि के लिए भारी जुर्माना का प्रावधान करनाअत्यंत जरूरी है — —-प्रियंका सौरभ रिसर्च स्कॉलर इन पोलिटिकल साइंस,कवयित्री, स्वतंत्र पत्रकार एवं…

यह राजस्थान कांग्रेस आईपीएल है

–कमलेश भारतीय आईपीएल तो अभी दूर हैं लेकिन आईपीएल के बराबर मज़ा देता राजस्थान कांग्रेस बनाम राज्यपाल मैच बहुत रोमांचक रहा । कौन जीता, कौन हारा , यह तो रेफरी…

एक चिट्ठी प्रिय मोदी जो के नाम

–कमलेश भारतीय वैसे तो आजकल चिट्ठियों का ज़माना कहां ? सब जगह नेटवर्किंग और ईमेल का चलन । कौन पूछता है चिट्ठी को ? फिर भी हम ठहरे पुराने ज़माने…

कितना खर्च विधायकों पर किसी को क्या फिक्र ?

-कमलेश भारतीय राजस्थान में सत्ता की उठी पटक लम्बी खिंचती जा रही है और इसी कारण दोनों खेमों के विधायकों के रिसोर्ट्स में रहने के दिन भी बढ़ते जा रहे…

सोशल साइट्स शांतिपूर्ण समाज के लिए एक बड़ा खतरा

—डॉo सत्यवान सौरभ, रिसर्च स्कॉलर इन पोलिटिकल साइंस,दिल्ली यूनिवर्सिटी,कवि,स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार, आकाशवाणी एवं टीवी पेनालिस्ट, फेसबुक, ट्विटर, गूगल और कई अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने हमारे संवाद करने के…

पायलट के उठे जो कदम , वापसी न होने देंगे सनम

-कमलेश भारतीय कदम तेरे दर से जो उठ गये थे ,,,,फिर वापस आने मुश्किल हो गये । शायद सचिन पायलट यही सोच रहे हों या न भी सोच रहे हों…

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