Category: देश

“जीवन का उपहार, धर्म से परे”…….. विभिन्न धर्मों के गुरू एकसाथ मिलकर करेंगे अंगदान का प्रचार

मिरारोड के वॉक्हार्ट अस्पताल का अनोखा उपक्रम अनिल बेदाग मुंबई : मृत्यू पश्चात अंगदान से किसी जरूरतमंद व्यक्ती को नई जिंदगी मिल सकती हैं। इसलिए अंगदान करना काफी जरूरी हैं।…

थियेटर किया है, थियेटर ही करूंगा : युवराज शर्मा

-कमलेश भारतीय आज तक थियेटर ही किया है , थियेटर ही जिया है और आगे भी थियेटर ही करता रहूंगा ! यह कहना है प्रसिद्ध रंगकर्मी युवराज शर्मा का जो…

अमित शाह से मिले कुलदीप बिश्नोई

हरियाणा व राजस्थान पर विस्तृत चर्चा, बिश्नोई समाज को ओबीसी में शामिल करने की मांग नई दिल्ली, 28 जून: हिसार एवं भिवानी से पूर्व सांसद तथा अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा…

महिलाओं से आकाश छीनता पितृसत्ता विश्वास

पितृसत्तात्मक समाज औरत को स्वतंत्रता और फैसला लेने का अधिकार नहीं देता। यह समाज हमेशा ही महिलाओं को सामाजिक रोक-टोक से जकड़कर रखना चाहता है। हमारे समाज को महिला की…

समान नागरिक संहिता कैसे लागू करें ?

योगेन्द्र यादव भारत के संविधान में आस्था रखने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए सवाल यह नहीं होना चाहिए कि समान नागरिक संहिता (यूनिफॉर्म सिविल कोड) होनी चाहिए या नहीं।…

दृढ़ता और संतोष, खुशियों के स्त्रोत

मनुष्य के रूप में हम उस पर ध्यान केंद्रित करते हैं जो हमारे पास नहीं है, और जो हमारे पास है उसे नज़रअंदाज़ करते हैं या यहाँ तक कि अनदेखा…

प्रसिद्ध कथाकार सुभाष पंत से संवाद : मैं पक्का किस्सागो हूं, अब क्लासिक लिखने का समय नहीं : सुभाष पंत

-कमलेश भारतीय अब क्लासिक लिखने का समय नहीं रहा । क्लासिक लिखने की कोई गुंजाइश नहीं बची इस डिजीटल व भागदौड वाले युग में ! यह कहना है प्रसिद्ध कथाकार…

मोदी को मात देने के लिए कांग्रेस से निकल जाएंगे 309 लोकसभा सीट वाले 10 बड़े राज्‍य?

विपक्षी एकता हुई तो कांग्रेस 10 राज्यों में बन जाएगी दोयम दर्जे की पार्टी कांग्रेस के हिस्से आएंगे ज्यादातर छोटे राज्य कांग्रेस को अपने हितों से समझौता नहीं करना चाहिए…

साक्षरता और पढ़ने की संस्कृति को बढ़ावा देते हैं सार्वजनिक पुस्तकालय

ज्ञान और संस्कृति के प्रवेश द्वार के रूप में, पुस्तकालय समाज में मौलिक भूमिका निभाते हैं। वे जो संसा धन और सेवाएँ प्रदान करते हैं, वे सीखने के अवसर पैदा…

आपातकाल भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में काला अध्याय….. इससे सबक लेने की जरूरत : विद्रोही    

25 जून 1975 को देश में आपातकाल लगाने वाले उस समय की प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने अपने जीवनकाल में ही इसे अपनी गलती माना : विद्रोही सवाल उठता है…