गुडग़ांव। मां अथवा जननी की व्याख्या संभव नहीं – शंकराचार्य नरेंद्रानंद 14/05/2023 bharatsarathiadmin माता , कुमाता नहीं हो सकती – पूत, कपूत हो सकता है मां का कर्ज अपने शरीर की जूतियां पहना कर भी नहीं उतार सकते फतह सिंह उजाला गुरुग्राम ।…