गुडग़ांव। साहित्य लघुकथा : सत्य परिभाषित – डॉ सुरेश वशिष्ठ 11/10/2020 Rishi Prakash Kaushik सुंदर शहरों में ऐसी बहुत सी जगह हैं जहां हर शाम हमारे रहनुमाओं और दरबारियों का मिलन होता है । हम गरीबों का वहां जाना वर्जित है । वहां पहुंचकर…