Tag: -डॉ सत्यवान सौरभ

अन्य देशों के साथ संबंधों के निर्माण में भारतीय सिनेमा

खुशी की बात है कि हमारा क्षेत्रीय सिनेमा बड़ी तेजी से आगे बढ़ रहा है। इन क्षेत्रों से कई दमदार फिल्में आ रही हैं। भारतीय सिनेमा हमारे देश की विशाल…

उत्तर भारत में सर्दियों में बिगड़ती हवा की गुणवत्ता

नीति निर्माताओं को महामारी विज्ञान, पर्यावरण, ऊर्जा, परिवहन, सार्वजनिक नीति और अर्थशास्त्र के विशेषज्ञों को शामिल करना चाहिए। यह दृष्टिकोण जलवायु और वायु गुणवत्ता उपायों को गति देगा। हमें समझना…

सात पाप वर्तमान में एक मार्गदर्शक ज्योति पुंज हैं।

वर्तमान में, व्यक्तियों, समाजों और देशों को बिगड़ते नैतिक और नैतिक ताने-बाने के कारण कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। चेतना और इन पापों की स्वीकृति नैतिक जागृति…

क्या गर्भपात नैतिक रूप से उचित है ?

लैंगिक समानता के लिए गर्भपात का अधिकार महत्वपूर्ण है। अलग-अलग महिलाओं के लिए अपनी पूरी क्षमता हासिल करने के लिए गर्भपात का अधिकार महत्वपूर्ण है। गर्भपात पर प्रतिबंध लगाने से…

भगवान विश्वकर्मा, शिल्प कौशल के दिव्य वास्तुकार

विश्वकर्मा शिल्प कौशल के हिंदू देवता और देवताओं के वास्तुकार हैं। उन्होंने महलों, विमानों और देवताओं के दिव्य हथियारों को डिजाइन किया और बनाया। वह ब्रह्मांड के वास्तुकार भी हैं।…

हरियाणा के डॉ सत्यवान सौरभ के दोहे…… ‘अपने प्यारे गाँव से’ शोध-पत्र में शामिल

डॉ सत्यवान सौरभ देश के ग्रामीण पृष्ठ भूमि के युवा कवि है और उनके लेखन में एक गज़ब की निरंरता है और समसामयिक विषयों पर बेबाकलेखन के साथ-साथ वो उसी…

17 अक्टूबर 2022, (गरीबी उन्मूलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस)….भारत में अभी भी गरीबी भारी, कारण जनसंख्या और बेरोजगारी

अधिकांश ग्रामीण गरीब खेतिहर मजदूर (जो आम तौर पर भूमिहीन होते हैं) और स्वरोजगार करने वाले छोटे किसान हैं जिनके पास 2 एकड़ से कम जमीन है। उन्हें साल भर…

लुभावने चुनावी वादे, महज वोट बटोरने के इरादे

खाली चुनावी वादों के दूरगामी प्रभाव होंगे। जो विचार सामने आया वह यह था कि चुनाव प्रहरी मूकदर्शक नहीं रह सकता और स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के संचालन पर कुछ…

राष्ट्रीय क्षमा और खुशी दिवस – 7 अक्टूबर…….कमज़ोर कभी माफ नहीं कर सकते; क्षमा ताकतवर की विशेषता है

सामाजिक जीवन तभी संभव है जब हम बात करें, चर्चा करें और एक-दूसरे की छोटी-छोटी गलतियों को क्षमा करें। क्षमा के लिए एक आवश्यक मूल्य इस प्रकार प्रत्येक मनुष्य के…

खुशियाँ देख पड़ोस की……

-डॉ सत्यवान सौरभ ये कैसा पड़ोस है, किंचित नहीं तमीज।दया दर्द पर कम हुई, ज्यादा दिखती खीज।। ऐसा आस पड़ोस है, अपने में मशगूल।गायब है सद्भावना, जमी मनों पर धूल।।…

error: Content is protected !!