Tag: डॉ सत्यवान सौरभ

“बुराई तब बढ़ती है जब अच्छे लोग कुछ नहीं करते”?

अच्छे लोगों पर अपने समुदाय को बनाए रखने के लिए बुराइयों के सामने बोलने और कार्य करने की जिम्मेदारी है। एडमंड बर्क ने कहा था; “बुराई की जीत के लिए…

प्रतिष्ठा की हानि में सबूत हो संस्कारधानी

पिछले कुछ वर्षों में भारत में मानहानि के मामलों में वृद्धि हुई है। तुच्छ आधारों पर, सरकार के नेता एक-दूसरे के खिलाफ मानहानि के मुकदमे दायर करते हैं, इसके बाद…

विकलांग व्यक्तियों के लिए गरिमापूर्ण जीवन के हो प्रयास

हमारी शिक्षा प्रणाली समावेशी नहीं है। मामूली से मध्यम विकलांग बच्चों को नियमित स्कूलों में शामिल करना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। विशेष स्कूलों की उपलब्धता, स्कूलों तक पहुंच,…

सुख-सुविधा का पागलपन रौंद रहा मनुष्यता

आज के भागदौड़ भरे जीवन में अच्छे जीवन की एक संकीर्ण धारणा पर ध्यान केंद्रित करने से विभिन्न नैतिक मूल्यों का क्षरण हो रहा है। नैतिक मूल्यों के संकट का…

महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाते हैं स्वयं सहायता समूह

स्वयं सहायता समूह दृष्टिकोण ग्रामीण विकास के लिए एक सक्षम, सशक्त और नीचे से ऊपर का दृष्टिकोण है जिसने विकासशील देशों में कम आय वाले परिवारों को काफी आर्थिक और…

रामचरित मानस पर विवाद, राजनीतिक फसाद

दरअसल आजकल लोग जातिवाद के चलते चौपाई और श्लोकों के गलत अर्थ निकालने लगे हैं। उसके संदर्भ को काटकर वे उसके भाव को नहीं पकड़ते हैं। प्राचीन काल के गुरुकुल…

सामाजिक ताने- बाने को कमजोर करती जातिगत कट्टरता

राजनीतिक लाभ के लिए जातिगत ध्रुवीकरण के अलावा उपरोक्त मांग के पीछे कुछ कारक सक्रिय नजर आते हैं।इस परिदृश्य में, यह कहना गलत नहीं होगा कि सामाजिक आर्थिक समानता लाने…

दूसरों की मदद कर, स्वयं को बेहतर करे

दूसरों की मदद करने से आपको लोगों में नए गुण देखने को मिलेंगे, जिससे आप अपने और दूसरों में नए गुणों की खोज कर पाएंगे। गांधी का उद्धरण विनम्र है,…

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