Category: साहित्य

मेरी यादों में जालंधर- भाग ग्यारह ……. अश्क और‌ मोहन राकेश के ठहाके….कुछ कदम आगे, कुछ कदम पीछे

-कमलेश भारतीय यादें भी क्या चीज़ हैं, जो आती हैं, तो आती ही जाती हैं । इनके आने का न‌ तो कोई सबब होता है और न ही कोई ओर-…

मेरी यादों में जालंधर‌- भाग दस : उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो ……

-कमलेश भारतीय मित्रो, जालंधर, एक ऐसा शहर, जहाँ मेरा साहित्यिक जीवन शुरू हुआ। यही वह शहर है, जहाँ मैंने साहित्य में अच्छे- बुरे, खट्टे- मीठे अनुभव प्राप्त किये! यही वह…

यादें जालंधर कीं- भाग छह ……….कौई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन

-कमलेश भारतीय सच! कितनी प्यारी पंक्तियाँ हैं :कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिनप्यारे प्यारे दिन,वो मेरे प्यारे पल छिन!कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन! नहीं हम सब जानते…

मेरी जालंधर कीं- भाग पांच ………. अपनी पीढ़ी की बात

-कमलेश भारतीय आज फिर मन जालंधर की ओर उड़ान भर रहा है। आज अपनी पीढ़ी को याद करने जा रहा हूँ । जैसे कि रमेश बतरा ने अपने एक कथा…

27 दिसंबर मिर्जा गालिब जयंती अवसर पर ……. शायरों के शायर बेतकल्लुफ मिर्जा गालिब

“हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसीं, कि हर ख़्वाहिश पर दम निकले, बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले…” “हमको मालूम है जन्नत की हक़ीक़त, लेकिन, दिल के खुश रखने को…

कला और साहित्य अकादमी पुरस्कारों की बंदर बांट

आज जिस प्रकार से सम्मान एवं पुरस्कार प्राप्त करने के लिए कुछ योग्य एवं अयोग्य साहित्यकार, कवि, लेखक, कलाकार साम-दाम-दण्ड-भेद सब अपना रहे हैं और अपने प्रयासों में प्रायः सफल…

मेरी यादों में जालंधर-भाग दो …….. वो कागज़ की कश्ती, वो बारिश का पानी

-कमलेश भारतीय जगजीत सिंह की आवाज में गायी यह ग़ज़ल आप सब सुनते ही नहीं सराहते भी हैं : वो कागज़ की कश्ती, वो बारिश का पानी,,,,,,,सुनते ही आप दाद…

यादों की धरोहर ……. महज साक्षात्कारों का संचयन नहीं वरन एक संदर्भ ग्रंथ

इंदिरा किसलय चीड़ों पर चाँदनी का भावुक अक्स उकेरते हुए “निर्मल वर्माजी” हों, आँखिन देखी कहने वाले “हरिशंकर परसाई”, आषाढ़ का एक दिन की यादों में भीगी “अनिता राकेश”,तमस के…

साहित्य से रोजी रोटी नहीं चल सकती , मेरी किताब के विदेशी अनुवाद से पैसे मिले : बेबी हालदार

-कमलेश भारतीय साहित्य से रोजी रोटी नहीं चल सकती । मेरी पहली ही किताब इतनी चर्चित हूई कि देश विदेश की 27 भाषाओं में अनुवाद हुई जिससे मुझे पैसे मिले…

हरियाणा के डॉ. सत्यवान सौरभ को लखनऊ में ‘पं. प्रताप नारायण मिश्र राष्ट्रीय युवा साहित्यकार सम्मान’

भाऊराव देवरस सेवा न्यास द्वारा देशभर से चयनित छह साहित्यकारों में से एक विभूषित साहित्यकार डॉ सत्यवान सौरभ को पच्चीस हजार पुरस्कार राशि, अंग वस्त्र, सरस्वती प्रतिमा व पंडित प्रताप…

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