खट्टर सरकार के सात साल, सड़क पर किसान-मजदूर-युवा, सब वर्ग बेहाल सेवा में, माननीय श्री मनोहरलाल खट्टर जी, आज हमारे उत्सवजीवी मुख्यमंत्री के रूप में आपकी ताजपोशी को 7 साल पूरे हो रहे हैं। समझ नहीं आ रहा कि इस अवसर पर मैं आपको बधाई दूँ या घोर नाकामियों का आईना दिखाऊँ? औपचारिकता का तकाज़ा है कि मैं आपको मुबारकबाद दूं और जनता के हालातों को देखूँ तो आपको आईना दिखाते हुए नसीहत देने का ही मन करता है। 26 अक्तूबर, 2014 को जब आपकी ताजपोशी हुई उस समय हरियाणा प्रदेश देश ही नहीं, पूरी दुनिया के आकर्षण का केंद्र था। विगत सात वर्षों के दौरान आपकी सरकार के घोर कुशासन, चौतरफ़ा भ्रष्टाचार, संघवाद और बेलगाम अफसरशाही ने प्रगति के पथ पर सरपट दौड़ रहे हरियाणा प्रदेश को बर्बाद करके रख दिया है। जिस हरियाणा में आज़ादी के उपरांत कभी कोई दंगा नहीं हुआ, उस प्रदेश को आपकी सरकार ने तीन बार बड़ी खूनी हिंसा झेलने पर मजबूर कर दिया। इन हिंसक घटनाओं में जितने लोगों को प्राण गंवाने पड़े, इतने नागरिकों की मौत तो शायद जम्मू-कश्मीर में भी नहीं हुईं। 2016 की हिंसा पर आप और आपके चेले-चपाटों ने खूब राजनीति की तथा जातीय ध्रुवीकरण किया लेकिन जब जवाब देने की बारी आई तो विधानसभा में खड़े होकर बोले, ‘मुझे अपने ही लोगों ने गुमराह कर दिया था।’ बात यहीं नहीं रुकी। इस हिंसा की साज़िश को दबाने के लिए खुद ही गठित की गई प्रकाश सिंह कमेटी की रिपोर्ट को भी आप दबाकर बैठ गए और इस रिपोर्ट को आज तक हवा भी नहीं लगने दी, क्योंकि उससे भाजपा की संलिप्तता और आपकी सरकार का षडयंत्र बेनकाब हो जाता। खट्टर साहेब, आपकी सरकार उत्सव मनाती रहती है और प्रदेश सज़ा भुगतता है। पिछले 7 साल में आपकी नाकारा सरकार ने हरियाणा जैसे शांतिप्रिय प्रदेश को अपराध के मामले में देश के सबसे बुरी स्थिति वाले राज्यों की कतार में लाकर खड़ा कर दिया। अमित शाह जी के अधीन आने वाले गृह मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की 2020 की रिपोर्ट ने हरियाणा सरकार के तमाम दावों की बखिया उधेड़कर रख दी। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार प्रदेश में वर्ष 2020 के दौरान आईपीसी तथा स्थानीय कानूनों को मिलाकर कुल 1 लाख 92 हज़ार आपराधिक मामले दर्ज हुए जिनमे से 1,03,276 मुकद्दमे अकेले आईपीसी के अंतर्गत आते हैं। हर रोज खेतों में, नहरों में, सड़कों के किनारे मिलती लावारिश लाशें खुद गवाह हैं कि प्रदेश के हालात क्या हैं? साल, 2020 में प्रदेश में…. o कुल 1143 हत्या के मामले दर्ज हुए यानी हर रोज 3 हत्यायें। o दलितों पर अत्याचार के मामलों में 11.4 प्रतिशत की वृद्धि के साथ-साथ दलितों की हत्याओं के मामले में प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। o कुल 1373 बलात्कार की एफआईआर दर्ज हुईं, जिनमे से 169 में गैंगरेप के आरोप थे। पुलिस विभाग में 10 हज़ार से ज्यादा कॉन्स्टेबल के पद खाली हैं, 800 से ज्यादा सब-इंस्पेक्टर के पद खाली हैं और सरकार नई गाड़ियों के साथ ‘डायल 112’ सेवा का जश्न मनाकर फोटोसेशन कर रही है। आपको कोई समझाने वाला हो तो समझाए कि अगर आपने थोड़ा भी गंभीरता से काम किया होता तो ‘100’ नम्बर डायल करने पर भी पुलिस पहुंचाई जा सकती थी। लेकिन, समझाए कौन? गृहमंत्री विपक्ष पर बेतुके बयान देकर सुर्खियों के जुगाड़ में लगे रहते हैं और आप उनके साथ अपने अहम की लड़ाई में व्यस्त रहते हैं। राजधानी दिल्ली से नजदीकी, विश्वस्तरीय आधारभूत ढांचा, बेहतर कानून व्यवस्था, जनहितैषी औद्योगिक नीति, जानमाल की सुरक्षा की गारंटी के कारण 2014 में हरियाणा प्रदेश प्रति व्यक्ति निवेश की दर में देश में प्रथम स्थान पर था, और बड़े राज्यों में प्रति व्यक्ति आय के क्षेत्र में गोवा के उपरांत दूसरे स्थान पर। पूरी दुनिया के उद्योगपति यहां निवेश करना चाहते थे। आपकी सरकार की कुनीतियों, हर रोज गिरती कानून व्यवस्था की स्थिति, लालफीताशाही के कारण आज प्रदेश में बाहरी निवेशक आना नहीं चाहते। मारुति जैसी कंपनियां हरियाणा छोड़कर गुजरात चली गई हैं। आप और आपके डिप्टी बस एक अमेज़न कंपनी के गोदाम का झुनझुना बजाकर लोगों को बहका रहे हैं, वो भी उस अमेज़न कंपनी, जिस पर हिंदुस्तान में 8,000 करोड़ रु. से अधिक के पैसे के भ्रष्टाचार के आरोप हैं। उद्योग ठप्प हैं और किसान बेहाल। पूरे ग्यारह महीने हो गए, हजारों किसान अपने हक की लड़ाई के लिए दिल्ली की सीमाओं पर कुर्बानी दे चुके हैं और आप तथा आपकी पार्टी उनकी समस्याओं का समाधान करने की बजाय उन्हें ‘गद्दार, देशद्रोही, विदेशी एजेंट’ जैसी घटिया गालियां देकर अन्नदाता का अपमान कर रहे हैं। इस आंदोलन को बदनाम करने के लिए तरह-तरह की चालें चल रहे हैं। आप लोग कहते हैं, ‘एमएसपी था, एमएसपी है और एमएसपी रहेगा।’ बाजरा के किसानों को एमएसपी दे दिया? धान के किसान को एमएसपी दे दिया? जिस तरह से धान बारिश में नालियों में बहा है, वह आपकी सरकार की निर्दयता, व बेरुखी का एक जीता-जागता उदाहरण है। खट्टर साहब, आप लोगों ने 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करने के नारे लगाकर वोट मांगे थे। अब 2022 आ गया। किसानों की आय दुगुनी कर दी क्या? आज किसान को बिजाई करने के लिए डीएपी नही मिल रहा। लोग खाद के लिए पुलिस थानों में लाइनों में खड़े हैं और आपकी पुलिस उन्हें लाठियों से पीट रही है, मुकद्दमे दर्ज कर रही है। खट्टर साहब! फेसबुक पर लाइव आकर भाषण पढ़ने से विकास नहीं होता। निवेश लाने के लिए निवेशक को भरोसा दिलाना पड़ता है कि उसका निवेश सुरक्षित है। आधारभूत ढांचा तैयार करना पड़ता है। आपने तो कानून व्यवस्था और प्रशासन, दोनों का ही भट्टा बैठा दिया। प्रदेश के विकास को ही गड्ढों में डाल दिया। वाहनों के पंजीकरण के समय रोड़ टैक्स, पेट्रोल-डीजल की खरीद में टैक्स, लेकिन प्रदेश की सड़कों में सड़क कम बची है और गड्ढे ज्यादा हो गए हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग जितने बनाए वहां सभी पर बहुत महंगे-महंगे टोल टैक्स ठोंक दिए। 7 साल पहले जब आप सत्ता में आए, हरियाणा रोडवेज की सेवा पूरे देश में सर्वश्रेष्ठ मानी जाती थी। राज्य परिवहन के बेड़े में 4,500 से अधिक बसें होती थीं, जो इंदौर और जम्मू तक जाती थीं। अब प्रदेश में पिछले सात साल में बसों की संख्या बढ़ने की बजाय चार हज़ार से भी कम हो गई। हरियाणा राज्य परिवहन का आपने भट्ठा बैठा दिया, और अब आप रोडवेज के कर्मचारियों के संघर्ष के बाद नई बसें खरीदने की घोषणा कर रहे हैं। खट्टर साहब इन सात साल में हरियाणा की जनसंख्या 35 लाख से ज्यादा बढ़ चुकी है और आप बसों की पहले वाली संख्या भी बनाए नहीं रख पा रहे। आप जनता को सुविधाएं नहीं दे पा रहे और भारी वाहन चालक का लाइसेंस लिए बैठे युवाओं के रोजगार की उम्मीद तोड़ दी। आप जुमले गढ़ने में अपने गुरू, श्री नरेंद्र मोदी जी से भी ऊपर हैं। कभी नई शिक्षा नीति पर गप्पें हांकते हैं तो कभी कौशल विकास पर। लेकिन धरातल पर शिक्षा विभाग की दुर्दशा तो हर कोई देख ही रहा है। सरदार मनमोहन सिंह जी की सरकार ने शिक्षा का संवैधानिक अधिकार देकर ग्रामीण-गरीब-दलित के बच्चे का शिक्षा का मार्ग प्रशस्त किया था। सात साल हो गए आपकी सरकार ने एक भी प्राथमिक अध्यापक की नई नियुक्ति नहीं की। करीब 900 से ज्यादा वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में विज्ञान की पढ़ाई बन्द कर दी। पिछले चार साल से कॉलेज कैडर की वैकेंसीज़ फाइलों में घूम रही हैं। सरकारी सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में कुल 1,750 शिक्षक भी नहीं बचे। इन महाविद्यालयों के स्टाफ को समय पर तनख्वाह नहीं दी जा रही। इनका एचआरए और मेडिकल की सुविधा का मुद्दा आपने वर्षों से लटकाया हुआ है। युवा बेरोजगारी झेल रहे हैं और इन कॉलेजों में आप भर्तियां नहीं होने दे रहे। मनोहरलाल जी, नए विश्वविद्यालय जो हमने बनाए थे, उनमें आप शिक्षक भर्ती नहीं कर रहे। जींद विश्वविद्यालय में कुछ शिक्षकों की भर्ती हुई, उसमें आपके पूर्व वीसी और रजिस्ट्रार ने जो कांड किए, उन पर आज भी विजिलेंस जांच चल रही है। रोहतक विश्वविद्यालय के पूर्व वीसी के कुकर्मों की जांच विजिलेंस के पास लंबित है। कांग्रेस सरकार के समय सोनीपत में भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान का प्रस्ताव था लेकिन आपने उसको आज तक धरातल पर नहीं उतरने दिया। आपकी पार्टी मनेठी में एम्स बनाने के नाम पर चुनाव लड़कर आई थी। आज तक आप दक्षिणी हरियाणा की जनता को मूर्ख बनाए हुए हैं। भिवानी और जींद में आपने 7 साल पहले मेडिकल कॉलेज बनाने की घोषणा की थी। उस पर कितना काम हुआ प्रदेश की जनता जानना चाहती है। एक तरफ महंगाई लोगों को रुला रही है और दूसरी तरफ बेरोजगारी। खट्टर साहब आपने इन सात साल में प्रदेश को देश मे बेरोजगारी का मुख्य केंद्र बना दिया। आप और आपके चेले-चपाटे कुछ भी डींगें हांकते रहें, आपकी ही केंद्र सरकार की एजेंसी का डेटा बता रहा है कि आपके नेतृत्व में प्रदेश इस देश का सर्वाधिक बेरोजगारी दर वाला राज्य बन चुका है। खट्टर साहब! ये बेरोजगारी किसी दैवीय प्रकोप से नहीं आई है। यह आपकी सरकार की नीतियों का दुष्परिणाम है। वर्ष 2016 में प्रदेश में 3 लाख 35 हज़ार नियमित कर्मचारी थे, जो घटकर 2 लाख 85 हज़ार रह गए। इन पांच साल में लाखों नए युवा नौकरी की कतार में आ गए लेकिन आपने नियमित भर्तियां नहीं की। अंग्रेज़ी अध्यापक, संस्कृत पीजीटी की भर्तियां प्रक्रिया पूरी होने के बाद आपने रद्द कर दी। 1900 पीटीआई का रोजगार आप कोर्ट में बचा सकते थे लेकिन आपने उनको बेरोजगार कर दिया। आपकी चयन संस्थाएं कैंडिडेट्स की लगातार मांग के बावजूद ना भर्तियों का कलेंडर जारी करती ना सिलेबस। सन 2019 में जब आपको जनता से वोट लेने थे तब आपने 35 हज़ार भर्तियां की लेकिन, दूसरे कार्यकाल में आपकी सरकार केवल 11 हज़ार भर्तियां करके अपने उत्सवों में मशगूल हो गई। वर्षों बाद राजनैतिक सहूलियत से वैकेंसीज निकलती हैं, मनमर्जी से परीक्षाएं होती हैं। कुछ भर्तियां कोर्ट में लटकी रहती हैं और 30 से अधिक नौकरियों के पर्चे लीक हो जाते हैं। क्लर्क, नायब तहसीलदार, पुलिस कांस्टेबल सहित 30 से ज्यादा भर्तियों के पर्चे पेपर-लीक माफिया ने बेच खाए। किसी की ज़िम्मेदारी तय नहीं हुई, कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, किसी को सजा नहीं मिली। सिर्फ पाखण्ड के सहारे आपके चेले-चपाटे पारदर्शिता के झूठे ढोल पीटकर उन युवाओं का अपमान करते रहते हैं जो पर्चे नहीं खरीद पाते और फेल हो जाते हैं। खट्टर साहब! एक बार आपने एचएसएससी में छापा मारा था और आपके ही प्रचार तंत्र ने बताया था कि आपने बड़ी अनियमितताएं पकड़ी हैं। चार साल बीत गए एक भी आदमी पर कोई कार्रवाई हुई हो तो बता दीजिए? हाल ही में चल रही सब इंस्पेक्टर की भर्ती का तो आप लोगों ने मज़ाक ही बनाकर रख दिया। खट्टर साहब! 2014-15 में जब आप सत्ता में आए तब प्रदेश की 48 साल की कुल देनदारियां 70,931 करोड़ रुपये थीं। इन 48 साल में प्रदेश के हर गांव को पक्की सड़क, बिजली की सप्लाई, पानी की आपूर्ति, विद्युत उत्पादन केंद्र, रोडवेज, स्कूल-कॉलेज-विश्विद्यालय, मेडिकल कॉलेज, आईआईएम सहित सब तरह के विकास कार्य हुए। आपने केवल 6 साल में इस देनदारी को बढ़ाकर 1,99,823 करोड़ पर पहुंचा दिया। इस पैसे से क्या किया, मोदी जी के ‘ईमानदार’ मुख्यमंत्री जी? o जीएसटी आपने थोप लिया। o पेट्रोल-डीजल के माध्यम से टैक्स की लूट जारी है। o स्टाम्प ड्यूटी, वाहन पंजीकरण शुल्क सहित सभी सरकारी सेवाओं की फीस कई-कई गुणा बढ़ा ली फिर भी पूरा नही पट रहा!!! o कोई नया विकास कार्य नही, कोई नया पावर प्लांट नहीं, राज्य के सरकारी खर्च पर कोई नया राजमार्ग नहीं, नए विद्यालय नही, कोई बड़ी परियोजना नही। o फिर 1 लाख 20 हज़ार करोड़ कहां गया खट्टर साहब? इस प्रदेश की जनता ने आपको प्रदेश के सबसे बड़े पद पर बैठाकर अपना विश्वास जताया था। इस विकसित प्रदेश को यूं बर्बाद मत करिए। अगर प्रदेश चलाना आपके बस की बात नहीं तो कम से कम अब मेहरबानी व रहम कर गद्दी छोड़ दीजिए। मुझे लगता है कि आपकी राजनैतिक विदाई का समय आ गया है। मेहरबानी करके आप व आपके डिप्टी सत्ता का चोला त्यागिए और कुर्सी छोड़कर एकांतवास में प्रायश्चित कीजिए। शुभकामनाओं आदर सहित, आपका शुभेच्छु, रणदीप सिंह सुरजेवाला Post navigation प्रदेश में खाद की कोई कमी नहीं , न ही कमी रहेगी- कृषि मंत्री किसान आंदोलन नई ऊर्जा और दृढ़ संकल्प के साथ अपने ऐतिहासिक संघर्ष के 12वें महीने में पहुंचा