अहीरवाल का सरकारी शिक्षण संस्थान ढांचा आधा अधूरा लडखडाया हुआ है : विद्रोही

मुख्यमंत्री मनोहरलाल रेवाडी के ब्याईज कालेज भवन निर्माण व जिला पुस्तकालय के लिए जमीन अलाट करने के प्रति आश्चर्यजनक रूप से मौन क्यों है? विद्रोही

रेवाडी , 24 अक्टूबर 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर से सवाल किया कि वे रेवाडी के ब्याईज कालेज भवन निर्माण व जिला पुस्तकालय के लिए जमीन अलाट करने के प्रति आश्चर्यजनक रूप से मौन क्यों है? विद्रोही ने कहा कि वर्ष 2015 में मुख्यमंत्री खट्टर जी ने रेवाड़ी में ब्याईज कालेज खोलने की घोषणा की और वर्ष 2016 में रेवाड़ी के ही राजकीय ब्याईज सीनियर सकेंडरी स्कूल में ब्याईैज कालेज की कक्षाएं भी प्रारंभ की, लेकिन विगत पांच सालों में अभी तक इस कालेज के स्थाई भवन निर्माण के लिए जमीन तक अलाट नही हुई। हुडा सैक्टर में इस कालेज के लिए जो 5.32 एकड़ जमीन देने का प्रस्ताव था, उस प्रस्ताव को भी हुडा विभाग ने लगभग तीन माह पूर्व वापिस ले लिया। अब स्थिति यह है कि रेवाड़ी ब्याईज कालेज के लिए स्थाई भवन कहा बनेगा, कब बनेगा कोई नही जानता।

विद्रोही ने कहा कि जिस तरह सैनिक स्कूल गोठडा पाली के भवन निर्माण का कार्य 13 सालों से अधूरा पड़ा है, उसी तरह लगता है कि रेवाडी ब्याईज कालेज को भी अपना स्थाई भवन पाने के लिए कम से कम दस साल और इंतजार करना पड़ेगा। भाजपा खट्टर सरकार का रेवाड़ी क्षेत्र के शिक्षा संस्थाओं के आधारभूत ढांचा, शैक्षणिक स्टाफ, आवश्यक शिक्षा सुविधाएं उपलब्ध करवाने में नाममात्र की रूचि नही है। तभी तो वर्ष 2013 में शुरू हुए भक्त फूलसिंह महिला विश्वविद्यालय रीजनल सैंटर कृष्ण नगर का भवन निर्माण अभी तक नही हुआ। यहीं स्थिति रेवाडी जिले के घोषित अन्य शिक्षण संस्थानों की है। किसी शिक्षण संस्थान के पास भवन नही और भवन है तो प्रिंसीपल व प्रोफेसर नही। कहीं लैब नही तो कहीं विज्ञान संकाय नही। कुल मिलाकर पूरे जिले व अहीरवाल का सरकारी शिक्षण संस्थान ढांचा आधा अधूरा लडखडाया हुआ है।

विद्रोही ने मुख्यंमत्री से आग्रह किया कि अहीरों का लंदन कहलाने वाले रेवाड़ी जो पूरे दक्षिणी हरियाणा की राजनीतिक, सामाजिक गतिविधियों का केन्द्र है और जिसकी आबादी लगातार बढ़ती जा रही है, उसकी भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए रेवाड़ी ब्याईज कालेज के लिए 12 एकड़ जमीन यथाशीघ्र अलॉट करे और इसका एक निश्चित समय सीमा में निर्माण करवाये ताकि इसका भवन निर्माण भी क्षेत्र की अन्य सरकारी शिक्षण संस्थाओं की तरह लटका न रहे।

वहीं विद्रोही ने कहा कि रेवाड़ी जिले को बने हुए 32 वर्ष हो चुके है, लेकिन 32 वर्ष बाद भी रेवाड़ी जिले में पुस्तकालय नही होना दुर्भाग्यपूर्ण है। बार-बार मांग करने पर भी सरकार इस दिशा में कोई भी सार्थक कदम उठाने की बजाय दड़ मारे पडी है जो क्षेत्रिय भेदभाव का जीवंत प्रमाण है। ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री खट्टर जी रेवाडी के भविष्य के मध्यनजर आधुनिक डिजीटल विशाल जिला लाईब्रेरी के निर्माण के लिए भी 8 एकड़ जमीन अलॉट करके जिला पुस्कालय बनवाये जिसमें सन 1857 के प्रथम स्वतत्रंता संग्राम से लेकर इस क्षेत्र के वीर सैनिकों, स्वतत्रंता सेनानियों के इतिहास के साथ सभी विषयों व क्षेत्रों की विश्वस्तरीय पुस्तके उपलब्ध हो। 

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