-कमलेश भारतीय अभी एक दिन नहीं बीता था कांग्रेस हाईकमान सोनिया गांधी को यह नसीहत दिये कि मीडिया में जाकर बात कहने की जरूरत नहीं । जो कहना है वह सीडब्ल्यूसी में आकर कहिए । अभी इस नसीहत का कितना असर जी 23 पर होता है , यह इंतज़ार है लेकिन हमारे बड़बोलेपन के शिकार नवजोत सिंह सबसे पहले आ गये मीडिया में तेरह सूत्रीय एजेंडा लेकर । साथ में यह तंज भी कस दिया कि पहली बार पता चला कि कोई हाईकमान भी है । वाह । कितने मासूम हो सिद्धू ? लड़ते हो और हाथ में तलवार भी नहींतुम पर कौन न क़ुर्बान हो जाए ऐ खुदा ,,,,, मीडिया में जाना की यह बुरी आदत सभी दलों में फैल चुकी है बल्कि अब तो महामारी का रूप ले चुकी है । राजनीतिक दलों में अनुशासनहीनता बढ़ती जा रही है और उसकी जगह फटाफट क्रिकेट की तरह मीडिया में जाने की बीमारी बढ़ती जा रही है । इससे अनुशासनहीनता के बावजूद कोई कार्यवाही भी नहीं होती जिससे ऐसा करना वालों के हौंसले दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं । अब अगर नवजोत सिद्धू पर कोई कार्यवाही नहीं होती तो जाहिर है सोनिया गांधी की अनुशासन की अपील किसी पर कोई असर कहां दिखा पायेगी ? ऐसा भाजपा में भी हो रहा है । कितनी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को याद दिलाना पड़ता है कि मन की बात सभी न कहें । मैं ही कहूंगा लेकिन लोग हैं कि कहे बिना रहा नहीं जाता । किसान आंदोलन पर कोई कुछ का कुछ कह जाता है और मामला सुलझ नहीं रहा । काफी हद तक बयानबाज़ी ने बिगाड़ रखा है । इसी प्रकार किसान नेताओं में भी बयानबाज़ी के चलते विचार बदलते रहते हैं । कोई पंजाब का चुनाव लड़ना चाहता है तो कोई ऐलनाबाद का चुनाव लड़ने की चुनौती दे रहा है । जब ऐलनाबाद में सभी किसान हैं तो फिर अलग से लड़ाई कैसी ? वैसे अभय चौटाला ने किसानों के लिए इस्तीफा दिया था ।।किसान आंदोलन तो वैसे का वैसा है लेकिन मज़ेदार बात कि अब फिर चुनाव में कूद गये । क्या फर्क पड़ा? सिवाय एक उप चुनाव का बोझ एक गरीब प्रदेश की जनता पर जरूर डाल दिया । जीत भी निकट है या हो सकती है । भाजपा के पास कितना टोटा था प्रत्याशी का । गोपाल कांडा के भाई गोबिंद कांडा को प्रत्याशी कर अपना बोझ उतार दिया । कांग्रेस में बेनीवाल रूठे हैं आपस में तो जीत की कल्पना कैसी ? अभय के पिता श्री पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला आश्वस्त हैं कि बेटा जीत कर फिर एम एल ए बनेगा । वैसे एक मजेदार बात सामने आई है कि सबसे ज्यादा मज़े जजपा ले रही है भाजपा सरकार में । अब मज़े नहीं दोगे तो भाजपा सरकार चलेगी कैसे ?-पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी । Post navigation उचित भंडारण सुविधा के अभाव में खराब हो सकती हैं तीस प्रतिशत तक सब्जियां : डॉ. गोदारा पूरे भारत में किसानों ने सेकड़ों स्थानों पर रेल रोको कार्यक्रम को शांतिपूर्वक कार्यान्वित किया