भगवान राम के जीवन आदर्शों को हम सभी करें जीवन में आत्मसात.
आसुरी कुल के दशानन रावण के जीवन मूल्य भी देते हैं प्रेरणा.
भगवान राम के मंदिर से जुड़ी है प्रत्येक सनातनी की अटूट आस्था

फतह सिंह उजाला

पटौदी । पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र में भाजपा नीत सरकार दो के कार्यकाल में सबसे बड़ी उपलब्धि भगवान राम मंदिर का निर्माण रहा है । भगवान राम का जीवन सही मायने में एक ऐसा अध्याय है , जिसको शब्दों में बयान करना और अक्षरों में लिखना किसी के लिए भी संभव नहीं है। भगवान राम के जीवन आदर्श को आज के परिवेश में प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में भी आत्मसात करने चाहिए । यह बात पटौदी के एमएलए एवं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मंत्री एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता ने पटौदी की ऐतिहासिक 115 वर्ष से अधिक पुरानी दिन की रामलीला के अंतिम दिन दशहरा पर्व के उपलक्ष पर अपने संबोधन में कहीं ।

गौरतलब है कि पटौदी के नवाब कहलाने वाले अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर और भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे युवा कप्तान रहे नवाब मंसूर अली खान पटौदी के पूर्वज नवाब मुट्टन के द्वारा अपनी मन्नत पूरी होने के उपलक्ष पर पटौदी में रामलीला का शुभ आरंभ करवाया गया था। पटौदी की पहचान अब यहां आश्रम हरी मंदिर संस्कृत महाविद्यालय की बदौलत हरिओम की नगरी के रूप में भी स्थापित हो चुकी है। पटौदी का अपना ही एक हिंदू-मुस्लिम भाईचारे का अलग ही इतिहास कायम है। यहां दिन की रामलीला में सभी वर्गों के लोग अपना सहयोग देते आ रहे हैं । बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में रावण पुतला दहन से पहले पटौदी रामलीला आयोजन कमेटी के सदस्यों में तेजभान तलहाटी , सुशील शास्त्री , अशोक शर्मा भगत जी, लवकेश गुप्ता, राधेश्याम मक्कड़, बिजेंदर यादव, राजेंद्र शर्मा पप्पी, बालकिशन नैन, रामानंद सैनी सहित अन्य के द्वारा रामलीला मैदान में पहुंचने पर एमएलए एडवोकेट जरावता का पारंपरिक तरीके से अभिनंदन किया गया।

दशहरा पर्व के मौके पर एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता ने भगवान राम को तिलक कर आरती उतारते हुए पूजा अर्चना कर पटौदी, हरियाणा प्रदेश और देश की सुरक्षा भाईचारा और तरक्की के लिए कामना की । इसी मौके पर एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता ने कहा भगवान राम के साथ-साथ असुर कुल में जन्म लेने वाले ब्रह्मांड में सबसे बड़े ज्ञानी और चारों वेदों के ज्ञाता अजर अमर रावण के भी ऐसे जीवन आदर्श और मूल्य रहे हैं जिनको आज के परिवेश में अनदेखा नहीं किया जा सकता है। रावण को इस बात का पूरी तरह से ज्ञान था कि भगवान राम ही उसका कल्याण करने वाले और जीवन के तारणहार हैं । राम और रावण के बीच में जो भी युद्ध हुआ, वह अपने अपने तर्क , आदर्श , मुद्दों, सिद्धांतो के साथ ही समाज को शिक्षा देने के लिए पर्याप्त है ।

एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता ने कहा पीएम मोदी के कार्यकाल के दौरान भगवान राम का भव्य मंदिर का निर्माण होना भारतीय सनातन इतिहास की अमिट उपलब्धि है । हमारे अपनी पारंपरिक जीवन में भी दिनचर्या राम राम कहने से ही आरंभ होती है और कहा भी गया है कण-कण में और रोम रोम में राम बसते हैं । सही मायने में भगवान राम त्याग, वचनबद्धता, पृत भक्ति, असुर प्रवृत्ति के लोगों के संहारक के साळा-साथ जीव कल्याण के लिए ही इस ब्रह्मांड में अवतरित हुए थे । उन्होंने सभी के मंगलकारी जीवन की कामना करते हुए भगवान श्रीराम का जयघोष करते हुए आह्वान किया कि हमें अपने जीवन में सभी धर्म ,वर्ग ,संप्रदाय का सम्मान करते हुए समाज, प्रदेश और राष्ट्र की एकता अखंडता को बनाए रखने के लिए ही काम करते रहने का संकल्प करना चाहिए।

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