एचएयू में 21 दिवसीय रिफ्रेशर कोर्स का समापन, देशभर के विभिन्न विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों ने लिया हिस्सा हिसार : 12 अक्टूबर – कोरोना महामारी के चलते बदलते परिवेश में शिक्षण कार्य एक चुनौती बन गया था, लेकिन शिक्षकों ने आधुनिक तकनीकों का प्रयोग कर इसे रूचिकर बना दिया। इससे न केवल विद्यार्थियों को इस संकट की घड़ी में फायदा हुआ बल्कि उनका शिक्षण कार्य भी निर्बाध गति से जारी रहा। ये विचार चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने व्यक्त किए। वे विश्वविद्यालय के मानव संसधान प्रबंध निदेशालय के कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा प्रबंधन अकादमी की ओर से आयोजित 21 दिवसीय रिफे्रशर कोर्स के समापन अवसर पर बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि चुनौती को अवसर पर में बदलना ही अपने आप में शिक्षक के लिए सबसे बड़ी कला है। शिक्षा में तकनीक का प्रयोग शिक्षक की महत्ता को कम नहीं करता बल्कि शिक्षक तकनीक के प्रयोग से शिक्षण को विद्यार्थियों के लिए ओर अधिक रूचिकर व बेहतर बना सकता है। शिक्षक को चाहिए कि वह पारंपरिक शिक्षण कार्य और आधुनिक तकनीकों के बीच सामंजस्य स्थापित कर आगे बढ़े। एक शिक्षक ही अपने अनुभव व तकनीकों के प्रयोग से शिक्षा को विद्यार्थियों के लिए आसान व रूचिकर बना सकता है। उन्होंने प्रतिभागी शिक्षकों से आह्वान किया कि वे यहां से सीखी गई आधुनिक तकनीकों को अपने-अपने संस्थानों में जाकर प्रयोग करें और अन्य शिक्षकों को भी इसके लिए प्रेरित करें। शिक्षण में आधुनिक व पारंपरिक तकनीकों के सामंजस्य की दी जानकारी यह कोर्स शिक्षण में आधुनिक तकनीकों और पारंपरिक तकनीकों के सामंजस्य व उनके प्रयोग से शिक्षण कला को ओर अधिक बेहतर बनाने को लेकर आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में निदेशालय के निदेशक डॉ. एम.एस. सिद्धपुरिया ने निदेशालय की ओर से कराए जाने वाले विभिन्न प्रशिक्षणों की जानकारी दी। उन्होंने मुख्यातिथि एवं इस रिफे्रशर कोर्स को सफल बनाने के लिए प्रतिभागियों व वक्ताओं का स्वागत एवं आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में पाठ्यक्रम संयोजिका एवं संयुक्त निदेशक डॉ. मंजू मेहता ने इस कोर्स के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस कोर्स में कुल 38 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया जिसमें एचएयू के अलावा राजस्थान, पंजाब, हैदराबाद, लुवास से भी प्रतिभागी शामिल हुए। मंच का संचालन सहायक निदेशक डॉ. अंजू सहरावत ने किया। प्रशिक्षण में मैनेज हैदराबाद, नाम हैदराबाद, एमडीयू रोहतक, इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय दिल्ली, जीजेयू, लुवास, जाट शिक्षण महाविद्यालय हिसार सहित विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त शिक्षकों ने शिक्षण तकनीकों को बेहतर बनाने के लिए अपने-अपने व्याख्यान दिए और प्रतिभागियों को व्यावहारिक रूप से समझाने का प्रयास किया। प्रतिभागियों ने इस 21 दिवसीय कोर्स के दौरान हासिल अपने अनुभवों को मुख्यातिथि के साथ साझा किया और कहा कि इस तरह के रिफे्रशर कोर्स समय-समय पर आयेाजित किए जाने चाहिए ताकि आधुनिक तकनीकों से शिक्षकों को रूबरू कराया जा सके। कार्यक्रम में कुलपति के ओएसडी डॉ. अतुल ढींगड़ा भी मौजूद रहे। कार्यक्रम के समापन अवसर पर सभी प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र वितरित किए गए। Post navigation नेतागिरी का मतलब ,,,,गाड़ी चढ़ा दोगे क्या ? अब कमला पान मसाला नहीं पसंद