वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

मुरथल : – 11अक्टूबर 2021 शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास ( एस.एस.यू.एन.) हरियाणा और दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मुरथल द्वारा संयुक्त रूप से “एक दिवसीय प्रांतीय शैक्षिक कार्यशाला ( आभासी )” का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुभारम्भ मुख्य अतिथि दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय , मुरथल के कुलपति माननीय डा. राजेंद्र कुमार अनायथ महोदय एवं न्यास के अधिकारीगण द्वारा दीप प्रज्वलन तथा सरस्वती वंदना गायन से हुआ । कार्यक्रम की अध्यक्षता शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, हरियाणा के अध्यक्ष  डा. विवेक कोहली ने की।

इस अवसर पर कुलपति डा. राजेंद्र कुमार अनायथ ने अपने उद्बोधन में शिक्षा, संस्कृति व धर्म आदि कई महत्वपूर्ण विषयों पर अपने सारगर्भित विचारों से सब को प्रेरित किया। अन्य प्रमुख वक्ताओं में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास उत्तर क्षेत्र संयोजक श्री जगराम, अतुल कोठारी , राष्ट्रीय सचिव, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, डा. राजीव पंड्या, शासकीय शिक्षा महाविद्यालय, उज्जैन रहे। इस अवसर पर विषयों का प्रतिवेदन विषय विशेषज्ञों द्वारा क्रमवार प्रस्तुत किया गया जिसमें चरित्र निर्माण पर डा. बांके बिहारी, शिक्षा में स्वायत्तता पर डा. अमित शर्मा, तकनीकी शिक्षा पर डा. पी. सी. तिवारी, शिक्षक शिक्षा पर डा. अनीता शर्मा, प्रबंधन शिक्षा पर डा. शेफाली नागपाल, मातृभाषा में शिक्षा पर डा. गजराज आर्य, पर्यावरण शिक्षा पर डा. हितेंद्र त्यागी तथा वैदिक गणित पर डॉ. राकेश भाटिया ने प्रकाश डाला। सह विषय संयोजक ( तकनीकी शिक्षा ), शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास प्रो. पी. सी. तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि इसमें युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करते हुए विभिन्न क्षेत्रों से इंजीनियरिंग, पॉलिटेक्निक तथा आई.टी.आई. के छात्र-छात्राओं को भी विशेषज्ञों का व्याख्यान सुनने हेतु आमन्त्रित किया गया था ।

कार्यक्रम में करीब 500 लोगों ने प्रत्यक्ष अथवा आभासी रूप से हिस्सा लिया। श्री जगराम ने कहा कि हमारी महान सभ्यता व् संस्कृति की विरासत को आज संजोये रखने की जरूरत है जो कि आत्म – निर्भरता का पाठ पढ़ाती है। इस एकदिवसीय कार्यशाला में  में वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों सहित कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई जिसका मानवीय जीवन पर सीधा अथवा परोक्ष रूप से प्रभाव है। मंच का कुशल संचालन  डा. हितेंद्र त्यागी ने किया।कार्यक्रम का समापन कल्याण मंत्र से किया गया।

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