नियम 134ए के तहत दाखिला के लिए 24 अक्तूबर से 7 नवंबर तक ऑनलाइन जमा होंगे फार्म -स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने की थी निदेशालय को शिकायत -बृजपाल सिंह बोले: प्रदेशभर में एक लाख 2 हजार 963 गरीब बच्चे कर रहे निजी स्कूलों में दाखिले का इंतजार चंडीगढ़, 09 अक्तूबर। प्रदेशभर के करीब 8600 निजी विद्यालयों में गरीब बच्चों को मुफ्त दाखिला के लिए पिछले दो साल से चला आ रहा इंतजार खत्म हो गया है। स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह की शिकायत के बाद शिक्षा निदेशालय ने नियम 134ए के तहत दाखिला शेड्यूल जारी किया है। जिसके तहत 24 अक्तूबर से 7 नवंबर तक गरीब बच्चों के निजी स्कूलों में मुफ्त दाखिला के लिए आनलाइन आवेदन किए जाएंगे। स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि शिक्षा सत्र 2020-21 के लिए प्रदेशभर के 6980 निजी स्कूलों ने एक लाख 87 हजार 984 सीटें गरीब बच्चों के लिए आरक्षित दर्शायी थी। जिस पर नियम 134ए दाखिला लेने के लिए प्रदेशभर में एक लाख 2 हजार 963 बच्चों ने आनलाइन आवेदन किया था, जिनके दाखिले आज तक लंबित हैं। जबकि 2021-22 में भी अभी तक गरीब बच्चों को दाखिला नहीं मिला है। बृजपाल सिंह ने बताया कि नियम 134ए के जारी किए शेड्यूल के अनुसार 9 से 17 अक्तूबर तक निजी स्कूलों को नोटिस बोर्ड पर खाली सीटों की सूची लगानी होगी। 14 अक्तूबर को ब्लाक और जिला स्तर पर खाली सीटों की सूची जारी की जाएगी। 18 से 22 अक्तूबर तक निजी स्कूलों द्वारा दर्शायी गई सीटों की वेरिफिकेशन की जाएगी। 24 अक्तूबर से 7 नवंबर तक गरीब बच्चों के आनलाइन दाखिला फार्म जमा कराएं जाएंगे। पात्र बच्चों की 11 नवंबर को सूची तैयार की जाएगी। 14 नवंबर को पात्र गरीब बच्चों का असेसमेंट टेस्ट होगा। बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि 19 नवंबर को रिजल्ट घोषित किया जाएगा। पहले दाखिला ड्रा के तहत 24 नवंबर को शिक्षा निदेशालय स्तर पर बच्चों को स्कूल अलाट किए जाएंगे। पहले ड्रा में शामिल बच्चों के 26 नवंबर से 8 दिसंबर तक दाखिले होंगे। दूसरा ड्रा खाली सीटों पर बाद में निर्धारित किया जाएगा। गरीब बच्चों को दाखिला से किया इंकार तो होगी निजी स्कूल पर कार्रवाई स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि गरीब बच्चों को नियम 134ए के तहत दाखिला देने से इंकार करने पर हरियाणा शिक्षा नियमावली 2003 व संशोधित नियमावली 2013 के तहत निजी स्कूल की मान्यता रद्द किए जाने का प्रावधान है। बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि दाखिला न देने वाले निजी स्कूलों की संगठन के समक्ष अभिभावक शिकायत भी कर सकते हैं, जिनके बाद संगठन ऐसे अभिभावकों की उनके बच्चों को दाखिला दिलाने में पूरी मदद करेगा और निजी स्कूल के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई कराएगा। संगठन अब तक प्रदेशभर में करीब डेढ़ लाख गरीब बच्चों का निजी व नामी स्कूलों में मुफ्त दाखिला करा चुका है। Post navigation प्रधान सचिव डा. अमित अग्रवाल के सभी उपायुक्तों को निर्देश असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें पांच भाजपा विधायकों के ज्ञापन पर क्या कार्यवाही हुई ? : विद्रोही