कांग्रेस और भाजपा दोनों के पास खुद के उम्मीदवार भी नहीं हैं: अभय चौटाला
कांग्रेस ने तो एक ऐसे आदमी को टिकट दी है जो कुछ दिन पहले ही भाजपा छोडक़र कांग्रेस में शामिल हुआ है और भाजपा ने एक ऐसे व्यक्ति को उम्मीदवार बनाया है जो चार दिन पहले भाजपा में शामिल हुआ है
कांग्रेस दूध की धुली नहीं है क्योंकि वर्ष 2012-13 में कांग्रेसराज में ही तीनों कृषि कानूनों के ड्राफ्ट तैयार किए गए थे
सही मायने में कांग्रेस किसान हितैषी होती तो कांग्रेस नेता उनके साथ ही हरियाणा विधानसभा से इस्तीफा देते। इससे ऐलनाबाद का उपचुनाव नहीं होता बल्कि हरियाणा में आज मध्यावधि चुनाव होता

सिरसा, 8 अक्तूबर: इंडियन नेशनल लोकदल के प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद उपचुनाव में इनेलो प्रत्याशी अभय सिंह चौटाला ने शुक्रवार को अपने समर्थकों के साथ ऐलनाबाद में अपना चुनावी नामांकन दाखिल किया। नामांकन दाखिल करने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने अपनी जीत के प्रति आश्वस्त होते हुए एक सवाल के जवाब में कहा कि वे इस बार ऐलनाबाद में जीत का चौका लगाएंगे और समय आने पर छक्का भी लगाएंगे। ये लड़ाई उनकी नहीं बल्कि ऐलनाबाद की जनता और किसानों की तीन कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ाई है। उन्होंने कहा कि उन्होंने ऐलनाबाद के विधायक पद से इस्तीफा ऐलनाबाद की जनता और संयुक्त किसान मोर्चा के कहने से दिया था और अब वे उपचुनाव भी उन्हीं के कहने के मुताबिक लड़ रहे हैं। उन्होंने तीनों कृषि कानूनों को किसानों का डेथ वारंट करार दिया।

अभय सिंह चौटाला ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा दोनो ही पार्टियों का दिवाला पिटा हुआ है और उनके पास खुद के उम्मीदवार भी नहीं हैं। कांग्रेस ने तो एक ऐसे आदमी को टिकट दी है जो कुछ दिन पहले ही भाजपा छोडक़र कांग्रेस में शामिल हुआ है और भाजपा ने एक ऐसे व्यक्ति को उम्मीदवार बनाया है जो चार दिन पहले भाजपा में शामिल हुआ है। इस उपचुनाव में ऐलनाबाद हलके के किसान दोनो राष्ट्रीय पार्टियों की जमानत जब्त करवाएंगे। ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र में भाजपा-जजपा गठबंधन का कोई नामलेवा भी नहीं है और इस बात का एहसास हलके की जनता इस चुनाव में उसे करवा देगी। उन्होंने कहा कि भरत सिंह बेनीवाल पुराने कांग्रेसी नेता हैं मगर उनका टिकट काटकर कांग्रेस ने उनके साथ अन्याय किया है।  इस पर भरत सिंह बेनीवाल का यह आरोप कि पार्टी ने पैसे देकर टिकट दी है, यह साबित करती है कि कांग्रेस किसानों के हितों के प्रति कितनी हितैषी है।

उन्होंने भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस किसी भी प्रकार से दूध की धुली नहीं है क्योंकि वर्ष 2012-13 में कांग्रेसराज में ही तीनों कृषि कानूनों के ड्राफ्ट तैयार किए गए थे मगर संसद में बहुमत न होने के कारण ये पारित नहीं हो सके। कांग्रेस को भाजपा की बी टीम बताते हुए उन्होंने कहा कि हरियाणा विधानसभा में नो-कांफिडेंस प्रस्ताव लाकर भाजपा को राहत दी गई। अभय चौटाला ने कहा कि यदि कांग्रेस किसानों की इतनी ही हितैषी थी तो हरियाणा के किसी भी टोल या धरने पर कांग्रेस नेता शामिल क्यों नहीं हुए? हरियाणा के पिपली में पुलिस लाठीचार्ज के बाद कांग्रेस ने धरने देने की बात कही थी मगर उस पर भी वह खरी नहीं उतरी। इनेलो नेता ने कहा कि यदि सही मायने में कांग्रेस किसान हितैषी होती तो कांग्रेस नेता उनके साथ ही हरियाणा विधानसभा से इस्तीफा देते। इससे ऐलनाबाद का उपचुनाव नहीं होता बल्कि हरियाणा में मध्यावधि चुनाव ही होते। इस अवसर पर उनके साथ सिरसा प्रभारी कर्ण चौटाला, आईएसओ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अर्जुन चौटाला, इनेलो जिलाध्यक्ष कश्मीर सिंह करीवाला, पूर्व मंत्री भागी राम, अभय सिंह खोड, कैप्टन विनोद गोदारा, इनेलो नेता विनोद बेनीवाल, इनेलो प्रेस प्रवक्ता महावीर शर्मा सहित अन्य पार्टी पदाधिकारी भी मौजूद थे।

अधिवक्ताओं से की मुलाकात
नामांकन के बाद में उन्होंने ऐलनाबाद बार में पहुंचकर अधिवक्ताओं से मुलाकात की और उनका कुशलक्षेम जाना। इस दौरान बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने उनका बार पहुंचने पर स्वागत किया। तत्पश्चात इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला ने सिरसा रोड स्थित इनेलो चुनावी कार्यालय का शुभारंभ भी किया। इस अवसर पर उनके साथ इनेलो के तमाम पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद थे।

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