एचएयू के होम साइंस कॉलेज की ओर से गांव शाहपूर में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

हिसार : 08 अक्टूबर – चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के होम साइंस कॉलेज के पारिवारिक संसाधन विभाग की ओर से गांव शाहपुर में खाद्य सुरक्षा और हरित उपभोक्तावाद (फूड सेफ्टी एंड ग्रीन कंज्यूमर) पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस दौरान खाद्य पदार्थों में मिलावट का जहर स्वास्थ्य पर कहर विषय के प्रति ग्रामीणों को जागरूक किया गया।

कार्यक्रम की संयोजक सहायक वैज्ञानिक डॉ. प्रोमिला कृष्णा चहल ने बताया सामान्यत बाजार में उपलब्ध खाद्य पदार्थों में मिलावट का संशय बना रहता है। अनाज, दूध, मसाले,घी से लेकर सब्जी व फल तक कोई भी खाद्य पदार्थ मिलावट से अछूता नहीं है। इसलिए समय-समय पर इसके प्रति आम नागरिक को जागरूक करना बहुत जरूरी है ताकि वे अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत हो सकें। उन्होंने उपभोक्ता अधिकार और जिम्मेदारियां के बारे में बताया। उसने बताया कि खाद्य अपमिश्रण से उत्पाद की गुणवत्ता कम हो जाती है एवं मिलावट करने से उत्पाद आकर्षक दिखने लगता है। इसलिए हमें उत्पाद की गुणवत्ता को जांच लेना चाहिए व उत्पाद की समाप्ति तिथि व अधिकतम खुदरा मूल्य आदि की जांच करके ही लेना चाहिए।

कार्यक्रम में सरंपच की धर्मपत्नी विजयलक्ष्मी बतौर मुख्यातिथि मौजूद रही। उन्होंने महाविद्यालय की ओर से किए जा रहे इस तरह के प्रयासों की सराहना की। डॉ. किरण सिंह ने उपभोक्ता कानून वह उपभोक्ता संरक्षण नियम 1986 के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत उपभोक्ता न्यायालय में शिकायत दर्ज करा सकता है। डॉ. वीनू सांगवान ने ग्रामीण महिलाओं को स्वस्थ और ताजा भोजन स्वास्थ्य के लिए अति आवश्यक है। पैकेट खाद्य पदार्थों से व्यक्ति के स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है। विस्तार शिक्षा और संचार प्रबंधन की सहायक वैज्ञानिक डॉ. संतोष ने बताया कि जैविक खेती के बहुत लाभ हैं। महिलाएं किचन गार्डन द्वारा बिना रासायनिक खाद के सब्जियां उगा सकती हैं ऐसी सब्जियों का सेवन हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता हैं।

मां का दूध बच्चों के लिए बहुत जरूरी

मानव विकास व पारिवारिक अध्ययन की सहायक वैज्ञानिक डॉ. पूनम मलिक ने बताया कि बच्चों के विकास के लिए मां का दूध अति आवश्यक है व छह महीने तक बच्चे को सिर्फ मां का दूध ही पिलाना चाहिए। वस्त्र और परिधान डिजाइनिंग विभाग की सहायक वैज्ञानिक डॉ. पारुल गिल ने बताया कि नीम का इस्तेमाल कीटनाशक के रूप में किया जाना चाहिए जो कि हमारे लिए काफी फायदेमंद है क्योंकि हमारे पूर्वज भी इनका प्रयोग करते थे। छात्राओं ने उत्पादों की गुणवत्ता में रसायनिक पदार्थ मिलाए जाने की प्रक्रिया को व्यावहारिक रूप से समझाया ताकि उनकी गुणवत्ता को आसानी से पहचाना जा सके। छात्रा नैंसी कंबोज ने लाल मिर्च पाउडर में मिलावट के बारे में बताया। छात्रा रेखा ने हल्दी की मिलावट की घर पर जांच करने का तरीका बताया और छात्रा पूजा ने शहद की गुणवत्ता की जांच के प्रयोग को दर्शाया। इसी दौरान इस प्रशिक्षण से संबंधित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित कराई गई जिसकी विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अंत में महिलाओं व बच्चों को खाद्य सामग्री वितरित की गई। कार्यक्रम का संचालन छात्रा ज्योति व महिमा ने किया। अंतिम वर्ष की छात्राओं ने इस कार्यक्रम के आयोजन में अहम भूमिका निभाई। कार्यक्रम में गांव की आंगनवाड़ी वर्कर व हेल्पर एवं ग्रामीण महिलाओं एवं बच्चों ने बढ़-चढक़र हिस्सा लिया।