विभिन्न संगठनों के द्वारा सौंपा नया एसडीएम-एसीपी को ज्ञापन. नवरात्र में होते हैं माता के जागरण, कन्या पूजन, धार्मिक अनुष्ठान फतह सिंह उजालापटौदी । भारतीय सनातन संस्कृति मैं नवरात्र का अपना एक अलग ही विशेष महत्व है। नवरात्र के दौरान हिंदू धर्म के प्रति आस्थावान और तमाम सनातनी अनुयाई नवरात्र में 9 दिन तक विभिन्न प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान, माता के जागरण, कन्या पूजन करने सहित उपवास भी रखते हैं । इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न सामाजिक और धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों के द्वारा पटौदी शहर और हेली मंडी तथा आसपास के इलाके में जहां-जहां भी गोश्त बिक्री के लिए दुकानें बनी हुई हैं अथवा रेडी इत्यादि पर गोश्त की बिक्री की जाती है , ऐसे तमाम सभी स्थानों पर गोश्त की पूरी तरह से बिक्री पर रोक लगाई जाने की मांग की है। इस संदर्भ में विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों के द्वारा पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार , पटौदी नगरपालिका सचिव , पटौदी के एसीपी को अलग-अलग ज्ञापन भी सौंपा गए हैं। ज्ञापन सौंपने वाले प्रतिनिधिमंडल में टेसवा के प्रधान राजेंद्र यादव, हेली मंडी नगर पालिका के पार्षद राजेंद्र गुप्ता, रविंदर, विक्रम सिंह, अजय, दीपक यादव,, कृष्ण चौहान, वीर सिंह,, शिवचरण, फतेह सिंह सैनी सहित और भी सदस्य मौजूद रहे । नवरात्र के दौरान गोश्त अथवा मीट की बिक्री के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के पशु वध पर पाबंदी की मांग संबंधित सौपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि नवरात्र हिंदू धर्मावलंबियों सहित सनातन अनुयायियों के लिए बेहद पवित्र दिन होते हैं । इन 9 दिनों के दौरान माता के नौ स्वरूपों का पूरे विधि विधान के साथ में पूजन करते हुए उपवास भी रखा जाता है। इतना ही नहीं देवी स्वरूपा कन्याओं को साक्षात माता रानी का स्वरूप मानकर उनका पूजन भी किया जाता है । नवरात्र के दौरान सनातन अनुयाई और हिंदू धर्मावलंबी पूरी तरह से शुद्ध और शाकाहारी तरीके से अपनी अपनी दैनिक दिनचर्याओं को पूरा करते हैं । ज्ञापन सौंपने के उपरांत विभिन्न वक्ताओं ने कहा कि पटौदी शहर में ही रेवाड़ी रोड पर, तावडू रोड पर, नयागांव रोड पर और मुस्लिम बहुल व्यापारी मोहल्ला में गोश्त अथवा मीट बिक्री की अनेक दुकानें तथा रेडिया मौजूद हैं । ऐसे गोश्त बिक्री के स्थानों पर खुलेआम गोश्त की बिक्री की जाती है । वही रेहडियो पर मछली और अंडा बिक्री का भी काम किया जाता है । ऐसे में नवरात्र में पूजा पाठ वह धार्मिक अनुष्ठान की सामग्री बाजार से खरीद कर लाने ले जाने के दौरान गोश्त अथवा मीट की सरेआम बिक्री होती रहने से धार्मिक भावनाएं आहत होते हुए मन भी बेहद विचलित होता है । सौंपे गए ज्ञापन में पुरजोर मांग की गई है कि पटोदी प्रशासन नवरात्र आरंभ होने से पहले ही सभी ऐसी दुकानों और प्रतिष्ठानों की पहचान कर गोश्त अथवा मीट की बिक्री पर पाबंदी लगाए जहां-जहां भी इनकी दुकानें प्रतिष्ठान और रहरिया मौजूद है। Post navigation अफसरों की मनमानी से गठबंधन सरकार की हो रही बदनामी एमएसपी पर बाजरा खरीद नहीं होने से अहीरवाल में भी आया उबाल