गुरुग्राम, 03 अक्तूबर। हरियाणा में विवादित बयान देकर सुर्खियों में रहने वाले मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर साहब ने आज भाजपा किसान मोर्चा की कार्यशाला में अपने कार्यकर्ताओं को लट्ठ वाले वोलेंटियर्स बनने की सीख दी और फिर जेल में रहकर नेता बनने के नुस्खा भी समझाया ।

2-अक्टूबर अहिंसा के पुजारी गाँधी जी की जयंती के अगले दिन ही खट्टर साहब के भीतर का गोडसे जाग गया , लगता है पूज्य बापूजी को पुष्प अर्पित करते हुए ही सोच लिया होगा कि फ्री होते ही लट्ठ खरीदने जाना है और भाजपा किसान मोर्चा के कार्यकर्ताओं को लट्ठ थमा सैंकड़ों-हजार की संख्या में उनकी टीमें बना मोर्चेबंदियों पर लगा उनसे किसानों का मुकाबला कराना है उन्हें उकसाकर ।

प्रगतिशील किसानों की सूची तैयार करने की बातें करते हुए खट्टर साहब ने कहा कि उन्हें प्रोत्साहन राशि दी जाएगी मगर उन्होंने इस सूची के लिए पांच एकड़ भूमि से अधिक वाले किसानों के विषय में यह बात कही थी न कि एकाध एकड़ जमीन वाले छोटे किसानों की ।

तरविंदर सैनी (माईकल) आम आदमी पार्टी नेता गुरुग्राम ने कहा कि केंद्र सरकार ने फसल खरीद के लिए 11 अक्टूबर तारीख निर्धारित की थी मगर मंडियों के बाहर किसान अपनी फसलें बिक्री के लिए लेकर पहुंच चुके थे और सरकार के इस निर्णय से नाराज होकर मुख्यमंत्री के घर को घेर लिया और वहां धरना प्रदर्शन करने लगे जिसके कारण अपने कदम पीछे खींचते हुए सरकार को किसानों की फसल तुरन्त खरीदी के लिए मजबूर होना पड़ा !

अब सवाल यह उठता है कि वोलेंटियर्स टीमें बना लट्ठ उठाकर मुकाबला किससे करने को कह रहे हैं मुख्यमंत्री जी और जैसे को तैसा क्या करके जेल जाकर नेता बनने की विधि बता रहे हैं ?

किसानों की फसल अभीहाल खरीदने के लिए मजबूर कर दिए जाने की खीज तो नहीं ?

यदि आपके इशारे से किसानों का कोई अहित हुआ उन्हें चोटें आई तो वह दिन दूर नहीं जब प्रदेश की शांति व्यवस्था पुनः भंग होने के आसार बन जाएंगे और अबकी बार खट्टर सरकार आप स्वम् जिम्मेदार होगें ।।

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