धान की खरीद 15 सितंबर से शुरू हो जानी चाहिए थी, लेकिन तारीख पर तारीख बढ़ाकर बहुत बड़े धान घोटाले को अंजाम दिया जाएगा
आरोप – धान खरीद की तारीख पर तारीख इसलिए दे रही है क्योंकि किसानों की फसल एमएसपी पर खरीदने की इनकी मंशा ही नहीं है
भाजपा गठबंधन सरकार का यह हाल तो तब है जब किसान एमएसपी को लेकर करो या मरो की लड़ाई लड़ रहा है
मांग की – भाजपा सरकार तुरंत प्रभाव से धान की खरीद शुरू करे और बेमौसमी बरसात के कारण खेतों में हुए जलभराव के कारण खराब हुई फसल की विशेष गिरदावरी करवा कर 50 हजार रूपए मुआवजा किसानों को दे

चंडीगढ़, 1 अक्तूबर: भाजपा गठबंधन सरकार द्वारा मंडियों में धान फसल की खरीद न करके किसानों की बेकद्री करने और झज्जर में कृषि के तीन काले कानूनों के खिलाफ सरकार का विरोध कर रहे किसानों पर लाठीचार्ज करने की इंडियन नेशनल लोकदल के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि यकीनन भाजपा गठबंधन सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों की काले कृषि कानूनों को लेकर चिंता जायज है। उन्होंने कहा कि आज हालात यह हैं कि भाजपा गठबंधन सरकार द्वारा मंडियों में किसानों की धान एवं बाजरे की फसल एमएसपी पर खरीदी नहीं जा रही, खाद मिल नहीं रहा, बेमौसमी बरसात के कारण खेतों में हुए जलभराव के कारण बर्बाद हुई फसल की कोई सुध ली नहीं जा रही। भाजपा गठबंधन सरकार का किसान विरोधी होने का इससे बड़ा सबूत और क्या होगा कि इनका यह हाल तो तब है जब किसान एमएसपी को लेकर करो या मरो की लड़ाई लड़ रहा है।

अभय सिंह चौटाला ने कहा कि धान की खरीद 15 सितंबर से शुरू हो जानी चाहिए थी लेकिल भाजपा गठबंधन सरकार के मंत्री ने प्रेस वार्ता कर धान की खरीद की तारीख 25 सितंबर कर दी, जैसे ही तारीख आई तो धान खरीद की तारीख 1 अक्तूबर कर दी गई, अब उसे आगे बढ़ाकर धान की खरीद की तारीख 11 अक्तूबर कर दी गई है। भाजपा सरकार धान खरीद की तारीख पर तारीख इसलिए दे रही है क्योंकि किसानों की फसल एमएसपी पर खरीदने की इनकी मंशा ही नहीं है। ऐसे में किसान दुखी होकर धान की फसल को व्यापारियों को औने-पौने दामों में बेचने पर मजबूर हो जाएंगे और फिर किसान की वही धान की फसल व्यापारी सरकार से मिलीभगत कर एमएसपी पर बेचकर मोटा मुनाफा कमाएंगे जिससे फिर से एक बहुत बड़े धान घोटाले को अंजाम दिया जाएगा। किसान पिछले 15 दिन से अपना धान लेकर मंडी में बैठा है और अब तक 16 लाख टन धान मंडियों में आ चुका है जो बिना बिक्री के खुले में पड़ा बारिश में भीग कर खराब होने की कगार पर है। उस पर भाजपा सरकार ने किसानों की तबाही का एक और फरमान जारी कर दिया है कि सरकार अब किसानों से प्रति एकड़ सिर्फ 25 क्विटंल धान ही खरीदेगी।

उन्होंने कहा कि धान खरीद न होने से किसानों में भारी रोष है और किसान मार्केट कमेटी के दफ्तरों पर ताला लगाने पर मजबूर हो गए हैं। भाजपा सरकार तुरंत प्रभाव से धान की खरीद शुरू करे और बेमौसमी बरसात के कारण खेतों में हुए जलभराव के कारण खराब हुई फसल की विशेष गिरदावरी करवा कर 50 हजार रूपए मुआवजा किसानों को दे।