हरियाणा में बेमौसमी बारिश से हुई फसलों की भारी बर्बादी : सुरजेवाला

स्पेशल गिरदावरी करके 15 दिन में मुआवजे का भुगतान करे सरकार
बिना बीमे वाले किसानों भी मिले आर्थिक राहत और सहायता

चंडीगढ़, 23 सितम्बर 2021 – वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने हरियाणा में बारिश के कारण बर्बाद हुई फसलों की स्पेशल गिरदावरी के अलावा पीड़ित किसानों को तुरंत 25,000 रुपए प्रति एकड़ की आर्थिक राहत व मुआवजे के भुगतान करने की मांग की है।

सुरजेवाला ने कहा कि प्रदेश में पिछले कुछ दिनों में हुई बारिश से किसानों की छह माह की मेहनत पर पानी फिर गया है, फतेहाबाद, सिरसा, रेवाड़ी, हिसार, नारनौल, सोनीपत, जींद, रोहतक, झज्जर, भिवानी आदि विभिन्न जिलों में नरमा, कपास, धान, बाजरा, मूंग, सब्जियों तथा अन्य फसलों में 50 से 80 प्रतिशत तक फसलों का नुकसान हुआ है, जिससे महंगाई और गलत नीतियों की दोहरी मार झेल रहा हरियाणा का किसान बर्बादी के कगार पर पहुँच गया है। अन्नदाता की मेहनत ज़मीन में बिछी पड़ी है और बारिश ने चारों और तबाही मचा दी है इसलिए सरकार को बिना बीमे वाले किसानों भी आर्थिक राहत और सहायता देनी चाहिए। 

मुख्यमंत्री खट्टर से अनुरोध करते हुए सुरजेवाला ने कहा कि स्पेशल गिरदावरी कर किसानों को मुआवजा की व्यवस्था करने के साथ-साथ पानी की निकासी का प्रबंध और मंडियों में फसल खरीद तुरंत शुरू करना चाहिए। किसान के इस मुश्किल समय में भाजपा-जजपा सरकार को अपना घमंड और बदले की भावना त्याग देनी चाहिए और किसानों की चिंताओं को कम करने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बारिश से नष्ट हुई फसल के साथ ही उस फसल को भी खराब माना जाए जिन फसलों ने गुणवत्ता खो दी है या जहाँ कम पैदावार होगी।

सुरजेवाला ने कहा कि आज भी प्रदेश के अनेक इलाकों में गुरुवार को भी अनेक जगहों पर बारिश हुई, पहले के पानी की जल्द निकासी न होने के कारण इलाकों में जलभराव और हर जगह पानी ही पानी हो गया है। बारिश से हजारों एकड़ फसलें बिछ गई हैं। कई जिलों में तो हालात ज्यादा बिगड़ने के समाचार मिले हैं, कहीं-कहीं तो बारिश से घर और पशुओं के बाड़े ढह गए, जिससे घरेलू सामान के अलावा पशुओं की जान-माल का नुकसान बताया गया है।

सुरजेवाला ने कहा कि विशेषज्ञों का मानना है की धान की तैयार फसल के गिरने से उसके सड़ने की संभावना पूरी बन गई है। इसी प्रकार कपास की फसल में टिंडे गिर गए हैं, जो सड़ने के कगार पर हैं। इसी प्रकार मूंग की फलियां काली पड़ चुकी है और ग्वार की फसल में भी भारी नुकसान दिखाई दे रहा है। इस प्रकार कुदरत की यह मार किसानों के लिए बिल्कुल ही असहनीय है, जिसे दूर करने के लिए सरकार द्वारा तुरंत प्रभावी कदम उठाए जाने की जरूरत है।

सुरजेवाला ने कहा कि खट्टर सरकार को बड़े-बड़े दावे करने की बजाय पानी के निकासी की व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि आम जनजीवन को राहत मिले। किसानों ने मेहनत कर कपास व धान की फसल तैयार की थी, किसानों को फसल में जो लागत आनी थी वह आ चुकी थी, वे मेहनत भी कर चुके थे लेकिन अब जब फसल काटने की बारी आई तो बेमौसमी बारिश ने उनके अरमानों पर पानी फेर दिया। किसानों को काफी खर्च हुआ है, इसलिए सरकार को इस नुकसान की भरपाई करनी ही चाहिए।

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