गुरुग्राम में शुरू हुआ तीन दिवसीय दिव्य गीता सत्संग

गुरुग्राम। गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद के मुखारबिंद से मंगलवार से गुरू की नगरी गुरुग्राम में दिव्य गीता सत्संग का शुभारंभ हुआ। इस सत्संग में स्वामी ज्ञानानंद ने कहा कि गुरुग्राम आचार्य द्रोण के भाव से है। यहां गुरू-शिष्य की परम्परा की मिसाल मिलती है। आचार्य द्रोण ने भी अपने पुत्र को इसलिए पीछे रखा कि उनका शिष्य अर्जुन विश्व का सर्वश्रेष्ठ धनुर्धारी बने।  

दिव्य गीता सत्संग का यह आयोजन श्रीकृष्ण कृपा सेवा समिति और जीओ गीता परिवार गुरुग्राम की ओर से आयोजित किया जा रहा है। शहर के धर्म प्रेमियों की इस सभा में गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने आगे कहा कि जीओ गीता का प्रयास है कि भारत के जन जन को भारत ही नहीं विश्व भर में सबको यह लगे कि गीता जीवन मूल्य है। पारिवारिक मूल्य, सामाजिक मूल्य आदि सभी मूल्य इस ग्रंथ के भीतर समाए हैं। पारिवारिक मूल्यों का गीता में आदर्श है। उन्होंने कहा कि जहां-जहां भी मतभेद हुए हैं। पिता-पुत्र में मतभेद हुए हैं या फिर भार्ई-भाई में मतभेद हुए हैं, वहां महाभारत जैसे युद्ध की स्थिति बनी है। गीता के भावों को समझकर उसे जीवन में ढालें।

गीता मनीषी ने कहा कि भागवत गीता में जीवन मूल्यों की बात कही गई है। गीता हमारी आस्था का गौरव है। हमें इस गौरव को बनाए रखना है। आज हकीकत यह है कि गीता ग्रंथ को केवल मंदिरों, पूजा स्थलों की शोभा मान लिया गया है। इसे केवल सन्यायियों के लिए मान लिया गया है। ऐसा नहीं होना चाहिए। हर घर में गीता का पाठ होना चाहिए। गीता को हर परिवार पढ़़े और समझे। क्योंकि इसमें जीवन का सार समाया है। गीता के हर श्लोक में जीवन के समस्याओं का समाधान हमें मिलता है।

उन्होंने उपस्थित श्रद्धालुओं से कहा कि किसी भी वस्तु को हासिल करने के लिए पात्र खाली होना चाहिए और सही रखा होना चाहिए। इसी तरह से ज्ञान पाने के लिए हमारे दिमाग सही होना चाहिए। हमें सही सोच रखनी चाहिए। अगर पात्र उल्टा होगा तो लाभ नहीं होगा। पात्र पहले से भरा होगा तो लाभ नहीं होगा। यहां भी वही स्थिति है। लोभ, मोह भरा पड़ा है। सोच हमारी नकारात्मक हो चली है। इसे हमें बदलना होगा।

इस अवसर पर जीओ गीता के युवा राष्ट्रीय सचिव नवीन गोयल, हरियाणा सीएसआर ट्रस्ट के उपाध्यक्ष बोधराज सीकरी, पूर्व मंत्री धर्मबीर गाबा, मेयर मधु आजाद, रेलवे सलाहकार बोर्ड के सदस्य डीपी गोयल, सुरेंद्र खुल्लर, श्रीकृष्ण कृपा सेवा समिति के प्रधान गोविंद लाल आहुजा, महासचिव सुभाष गाबा समेत अनेक धर्मप्रेमी उपस्थित रहे।

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