हरीश रावत के बयान पर बवाल, उधर चरणजीत चन्नी की सीएम पद की शपथ, इधर सुनील जाखड़ ने खड़ी कर दीं सियासी अटकलें पंजाब के मुख्य मंत्री चरणजीत चन्नी शपथ के बाद ,आंगामी विधान सभा का चुनाव किसके नेतृत्व में लड़ा जाएगा । काग्रेस पार्टी प्रभारी हरिश रावत के बयान पर काग्रेस के पूर्व प्रांतीय अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने सवाल उठाकर राजनीति में हलचल पैदा कर दी हांसी । मनमोहन शर्मा पंजाब सरकार में बड़ा फेरबदल हुआ है| अब कैप्टन अमरिंदर सिंह नहीं बल्कि चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब के सीएम होंगे| पार्टी के अंदर काफी उठापटक के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह बीते शनिवार को सीएम पद से इस्तीफा दे चुके हैं| जहां इसके बाद पंजाब के नए सीएम को लेकर जो सस्पेंस बरकरार था, उसपर से बीते रविवार को पर्दा उठ गया| कांग्रेस आलाकमान की तरफ से पंजाब के नए सीएम के लिए चरणजीत सिंह चन्नी के नाम का ऐलान कर दिया गया| कहा गया की सभी की सहमति से चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम पद के लिए चुना गया है| जहां यह माना ही जा रहा था कि पंजाब कांग्रेस में काफी लम्बे समय जो उठापटक होती चली आ रही है, वह अब थम जाएगी| लेकिन सोमवार को ऐसा सोचने पर प्रश्नचिन्ह लग गया| दरअसल, सोमवार को जहां पंजाब के नए सीएम के रूप में चरणजीत सिंह चन्नी शपथ ले रहे हैं तो वहीं पंजाब राज्य कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने इस दौरान एक ऐसा ट्वीट किया कि जिससे कई प्रकार की सियासी अटकलें खड़ी हो गईं| ऐसा क्या ट्वीट किया सुनील जाखड़ ने? कांग्रेस के सीनियर नेता सुनील जाखड़ ने हरीश रावत के एक बयान पर एतराज जताया| पंजाब में आने वाला चुनाव सिद्धू के नेतृत्व में लड़ा जाएगा…रावत के इस बयान पर सुनील जाखड़ का साफ तौर पर विरोध दिखा| जाखड़ ने ट्वीट कर लिखा- चरणजीत चन्नी मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले रहे हैं और ऐसे समय में रावत का इस प्रकार का बयान चौंकाने वाला है। यह मुख्यमंत्री के अधिकार को कमजोर करने की संभावना है, साथ ही मुख्यमंत्री के रूप में चन्नी के चयन को भी कहीं न कहीं नकारता है। मुख्य मंत्री के बेटे का शादी कार्यक्रम के दौरान परिजनों को टीवी समाचार से सुचना मिलने पर जमकर भंगडा व मिटाईयों बाटी । राजनीति क्षेत्रों में माना जाता है कि कैष्टन व सिन्धु के 36 आंकड़ा के बाद प्रदेश में मुख्य मंत्री के बदलने के बाद इसका फायदा काग्रेस को मिलता है या नही । यह समय बताएगा I हां मुख्य मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की छवि बेदाग ,जमीन से जुड़े वर्कर से जुड़े हुए के कारण कई बार विधायक व कैष्टन सरकार में मन्त्री भी रहे । वे दलित समाज से सम्बन्ध रखते है । रविवार को काग्रेस विधायक दल की बैठक में गान्धी परिवार के साथ अच्छे पुराने संबंध व स्वास पात्र विश्वासपात्र पूर्व केन्द्रिय मंत्री अम्बिका सोनी का नाम मुख्य मंत्री रखा मगर उन्होने इसे अस्वीकार कर दिया । इसके साथ नया मन्त्री परिषद् में कितने नए चेहरे को लिया जाता है या पुराने को खुश करने के लिए हाईकमान कोई बिरादरी को नाराज़ करनी चाहिए । काग्रेस की फुट का फायदा विपक्ष को चुनाव में मिलता हैं या नही I यह तो चुनाव परिणाम बताएगा । पंजाब में आम आदमी पार्टी , शिरोमणि अकाली दल व बहुजन समाज पार्टी गठबंधन भाजपा व अन्य दलों के बीच में मुकाबला होगा । Post navigation नगर निकाय के दोबारा ड्रॉ करवाना हास्यास्पद : सचिन जैन लाॅकडाउन में भी लाखों का तेल फूंक डाला मंत्रियों ने, जनता से मिले तक नहीं- सैलजा