मुकेश वशिष्ठलेखक मुख्यमंत्री हरियाणा के मीडिया कॉडिनेटर हैं।

पूरा देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 71वें जन्मदिन मनाने की तैयारी में जुटा है। यह एक सुखद तथ्य है कि मोदी जी के कारण बीते सात साल में देश ने कई नई परिभाषाएं गढ़ी। उन्होंने अपने कृतित्व से कई नए मूल्यों का सृजन किया और ऐसी नई चीजों को हमारे सामने लाने का प्रयास किया जो कल सुखद परिणाम देने वाली होंगी। वास्तव में मोदी जी की कार्यशैली में सेवा और समर्पण का अदभुत समन्वय हैं, जिसने एक नये तेजस्वी राष्ट्रवाद का निर्माण किया है। जिसके बलबूते भारत ने न केवल विश्व-मंच पर अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई, बल्कि अनेकों मोर्चों पर अगुवाई की भूमिका भी निभाई। 20 साल की निष्कलंक राजनैतिक जीवन में उन्होंने सदा विकास को एजेंडा बनाया। तकनीकी का भरपूर उपयोग करते हुए गरीबों की भलाई के लिए कल्याणकारी योजनाओं को जमीन पर उतारा।

20 वर्ष पहले 7 अक्तूबर 2001 में मोदी जी ने गुजरात में मुख्यमंत्री का पद संभाला था। उस समय गुजरात विनाशकारी भूकंप की भारी विपदा का सामना कर रहा था। कच्छ और भुज के कई इलाके पूरी तबाह हो गए थे। उस समय उम्मीद की किरण बनकर राज्य की कमान संभालने वाले नरेंद्र मोदी के 13 वर्षों के नेतृत्व में गुजरात विकास के मामले में अग्रणी बनकर उभरा। मोदी के प्रयासों के कारण कच्छ-भुज आज हस्तकला और पर्यटन के क्षेत्र में विश्व के मानचित्र पर छाये हुए हैं। गुजरात की जनता को भूकंप की विभीषिका और दंगों की साजिश से निकालकर विकास के पथ पर आगे बढ़ाने वाले नरेंद्र मोदी की पूरा देश मुरीद हो गया और 2014 में देश की कमान सौंप दी। पहले हम विकास, तकनीक, चिकित्सा, शिक्षा, विज्ञान में शोध, रक्षा उपकरण आदि मामलों में अन्य देशों की तरफ ताकते थे। पिछले सात वर्षों में भारत दुनिया में एक ताकत बनकर उभरा है।

प्रधानमंत्री जन-धन योजना के माध्यम से मोदी जी ने गरीब की जिंदगी में खुशी लौटाई है। इस योजना से 43.04 करोड़ गरीब लोगों को सीधा फायदा मिला रहा है। इसमें भी 55 प्रतिशत महिलाएं हैं। जबकि 67 प्रतिशत गांव और दूर—दराज वाले इलाकों के सक्रिय खाते हैं। वर्तमान में कुल 86 प्रतिशत जनधन खाते चालू है। कारोबार को आसान बनाने के ‘मेक इन इंडिया’ से निवेशकों और उद्यमियों में अभूतपूर्व उत्साह और उद्यमिता के भाव का संचार हुआ है। ‘श्रमेव जयते’ पहल के अंतर्गत श्रम सुधारों और श्रम की गरिमा से लघु और मध्यम उद्योगों में लगे अनेक श्रमिकों का सशक्तिकरण हुआ है। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत कम पढ़े—लिखे 1.25 करोड़ युवाओं को ट्रेनिंग दी गई। जिससे अधिकतर युवाओं को रोजगार प्राप्त हुआ। आठ करोड़ से ज्यादा परिवारों को उज्जवला योजना के तहत मुफ्त गैस सिलेंडर दिए जाने के बाद उनके विकास के नए रास्ते खुले हैं। करोड़ों गरीब परिवारों की लड़कियों को लकड़ी बीनने के काम से मुक्ति मिली है और उनके स्कूल जाने का रास्ता खुला है। महिलाओँ को धुएं से होने वाली बीमारियों से छुटकारा मिला है। सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि केंद्र की हर योजना का पूरा लाभ लोगों को मिल रहा है।

केंद्र की ईमानदार मोदी सरकार की किसी योजना में कोई भी तंत्र भ्रष्टाचार नहीं कर सकता है। बीते सात साल में मोदी सरकार ने डिजिटाइजेशन पर काफी जोर दिया है। आज बैंकिंग क्षेत्र से लेकर अन्य सरकारी कार्यों में डिजिटाइजेशन को बढ़ावा मिला है, जिससे लोगों को काफी राहत मिली है। डिजिटल भुगतान को आसान बनाने बनाने वाली भीम एप के तहत पैसे सीधे बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किए जा सकते है। मुद्रा योजना के अंतर्गत 28.68 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को 14.96 लाख करोड़ रुपये देकर छोटे व्यावसायों को प्रोत्साहित किया गया। मोदी सरकार में सरकारी कार्यों में पारदर्शिता सुनिश्चित हुई। कोयला ब्लॉक आंवटन से लेकर पर्यावरण संबंधी मंजूरियां के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू हुई। पहली बार किसी सरकार और उसके मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के आरोप नहीं लगे। अन्यथा कांग्रेस सरकार टूजी, कोयला, कॉमनवेल्थ, चॉपर, आदर्श सोसाइटी घोटालों के आरोपों से घिरी रही। स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत ने प्रधानमंत्री मोदी को जमीनी स्तर का नेता बना दिया। जहां देश में पहली बार स्वच्छता पर जनांदोलन शुरू हुआ और देश को खुले में शौच जैसे कुप्रभा से मुक्ति मिली। देश में 9 करोड़ से ज्यादा शौचालयों का निर्माण हुआ। तीन तलाक पर कानून बनाकर मोदी सरकार देश को यह संदेश देने में सफल रही कि वह हर मुद्दे पर जागरूक है। उरी और पुलवामा आंतकी हमले के बाद पाकिस्तान को करारा जबाव देकर सरकार ने एक नए और आत्मविश्वासी भारत की नींव रखी। इसी आत्मविश्वास ने भारत को आगे बढ़ने की ताकत दी और संकटों से जूझना सिखाया। प्रधानमंत्री के रूप में मोदी जी का दूसरा कार्यकाल आत्मविश्वासी भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए है। इसलिए साल के शुरुआत से सरकार ने कई अहम फैसले लिए। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना हो या फिर नागरिकता संशोधन एक्ट को पास करना हो या राम मंदिर जैसे मुद्दे को बिना किसी विवाद से खत्म करना, ऐसे सभी बड़े फैसलों के मोर्चे पर सरकार ने आक्रामक रुख अपनाया।

2019 के चुनाव में प्रधानमंत्री ने किसानों को पेंशन, आय दोगुनी उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाने का जो वादा किया था, उसे सरकार बनने के बाद अमलीजामा पहनाने का काम किया। बाकायदा अपनी पहली कैबिनेट बैठक में देश के सभी किसानों को पेंशन देने के लिए किसान सम्मान योजना को मंजूरी दी। इसीतरह मोदी सरकार ने दूसरी बार सत्ता में आने के बाद ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ योजना को भी अमलीजामा पहना दिया है। इस योजना के जरिए एक ही राशन कार्ड पर कोई भी व्यक्ति देश के किसी भी हिस्से में उचित मूल्य (जन वितरण प्रणाली) की दुकान से राशन ले सकेगा। इससे ना केवल भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगा, बल्कि रोजगार या अन्य वजहों से एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने वाले गरीबों को सब्सिडी वाले राशन से वंचित नहीं होना पड़ेगा। साथ ही जल संबंधी मुद्दों से निपटने के लिए एकीकृत मंत्रालय का गठन कर उन्होंने हर भारतीय को साफ पेयजल उपलब्ध कराने के संकल्प को और मजबूत किया। सरकार ने ‘जलशक्ति अभियान’ के तहत 256 जिलों के 1592 खंडों की पहचान है, जिन जगहों पर जल स्तर नीचे है। इसके जरिए जल संरक्षण और जल संचयन का लक्ष्य भी रखा गया है। कोरोना महामारी जैसी विकट परिस्थिति में भी मोदी जी ने मजबूत नेतृत्व और बेहतर निर्णय का परिचय दिया।

संकट का पूर्वानुमान लगाते हुए सरकार ने 24 मार्च को देशभर में लॉकडाउन लगा दिया। इसी फैसले का परिणाम है कि जहां पूरे विश्व में 6.45 फीसद मृत्यु दर रही। भारत में औसतन मृत्यु दर 2.87 है। कोरोना महामारी ने भारत ही नहीं, अपितु पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था को बर्बाद किया है। ‘जान है, तो जहान’ के संकल्प से मोदी जी ने बिगड़ी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का काम किया।

दुनियाभर के देशों की उम्मीदों पर नरेंद्र मोदी पूरी तरह खरे उतरे हैं। ऐसे ही कोई मोदी नहीं बन जाता। इसके लिए मोदी जैसा त्याग, तपस्या, सेवा, जनता के प्रति समर्पण, विकास की तरफ ले जानी वाली योजनाएं-कल्पनाएं, देश को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प और आतंकवाद को समाप्त कर भारत में शांति स्थापित करने की दृढ इच्छाशक्ति की आवश्यकता होती है। भारत के प्रति जिज्ञासा को बढ़ाने में मोदी जी का जैसलमेर की लोंगेवाला पोस्ट पर जाकर अपने सैनिकों के साथ दिवाली मनाने का कार्यक्रम बहुत बडा संदेश देता है। जहां उन्होंने शत्रु को ललकारते हुए कहा है कि “अगर भारत को उकसाया गया, तो भारत इसका ‘प्रचंड जवाब’ देगा। निश्चित रूप से मोदी जी की इस प्रकार की ओजस्विता तेजस्वी राष्ट्रवाद के निर्माण में सहायक होती है। जब प्रधानमन्त्री अपने सैनिकों के बीच ऐसी बातें कहकर देश की भावनाओं को प्रकट करते हैं तो निश्चय ही उसका सेना के मनोबल पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। आज हम यह देख भी रहे हैं कि हमारे सैनिकों का मनोबल इतना ऊंचा है कि चीन जैसा देश अब आगे बढ़ने या भारत के साथ कुछ भी करने से पहले एक बार नहीं सौ बार सोच रहा है। निश्चित रूप से मोदी जी के नेतृत्व में भारत की परंपरागत तस्वीर बदल रही है। बहुत तेजी से होते हुए परिवर्तनों के हम साक्षी बन रहे हैं। जिस बात के लिए देश के लोग बहुत देर से प्रतीक्षारत थे, अब वह साकार होती दिखाई दे रही है।

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