सरकार को अपने वादे के अनुसार अग्रोहा को तहसील का दर्जा दिया जाए – बजरंग गर्ग अग्रोहा धाम में 20 सितंबर को 56 भोग, भजन- कीर्तन व भंडारे का कार्यक्रम रहेगा – बजरंग गर्गअग्रोहा में पानी निकासी की तुरंत व्यवस्था सरकार को करनी चाहिए – बजरंग गर्ग हिसार – अग्रोहा विकास ट्रस्ट अग्रोहा धाम के प्रतिनिधियों की एक आवश्यक बैठक अग्रोहा धाम के राष्ट्रीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में अग्रोहा के विकास व 20 सितंबर को होने वाले कार्यक्रम पर विचार किया गया। अग्रोहा धाम के राष्ट्रीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि अग्रोहा में पानी निकासी ना होने के कारण सड़कों पर गंदा पानी बहने के कारण बीमारी फैलने का डर बना हुआ है जबकि अग्रोहा में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है। यहां तक की अग्रोहा धाम के सामने सर्विस लाइन का काम काफी समय से अधूरा पड़ा है, जिसके कारण अनेकों एक्सीडेंट हो रहे हैं। एक्सीडेंट के कारण कई व्यक्तियों ने अपनी जान गवा चुके हैं जबकि सरकार द्वारा सर्विस लाइन पूरा करने का आदेश देने के बावजूद भी सरकारी अधिकारियों ने अभी तक सर्विस लाइन का काम पूरा ना करना सरकारी अधिकारी की पूरी तरह से लापरवाही है। सरकारी अधिकारियों को तुरंत प्रभाव से सर्विस लाइन का काम व पानी निकासी की व्यवस्था करनी चाहिए। राष्ट्रीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि अग्रोहा ब्लॉक के चारों तरफ अनेकों गांव लगते हैं, जिसकी लगभग 1 लाख 20 हजार लोगों की आबादी हैं। सरकार ने अग्रोहा को तहसील बनाने की घोषणा की हुई है मगर बड़े अफसोस से कहना पड़ रहा है की सरकार की घोषणा के बावजूद भी अग्रोहा को अभी तक तहसील का दर्जा नहीं दिया गया। सरकार को अपने वादे के अनुसार अग्रोहा को तहसील का दर्जा दिया जाए। राष्ट्रीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि अग्रोहा धाम में 20 सितंबर 2021 को माता लक्ष्मी जी का 56 भोग, भजन-कीर्तन, हवन, पूजा व भंडारे का कार्यक्रम होगा। जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालु परिवार सहित भाग लेंगे। इस अवसर पर राष्ट्रीय महासचिव चूडि़या राम गोयल, कोषाध्यक्ष पवन गर्ग, प्रदेश प्रचार मंत्री राजेंद्र गुप्ता, नरवाना इकाई अग्रोहा धाम रोहतास सिंगला, ब्रह्मानंद गोयल भट्टू, निरंजन गोयल, रिषीपाल गर्ग, पंजाब प्रदेश संरक्षक श्याम लाल गोयल, विष्णु गोयल मध्य प्रदेश, हरपत राय टाटिया गंगानगर आदि ने अपने विचार। Post navigation अब खुलने लगे सौगातों के पिटारे नृत्य मेरा पैशन पर बनना है प्राध्यापिका : अनन्या बिश्नोई