इस तरह के मामलों में जांच को प्रभावित करने के लिए एनजीओ बनाकर लगाई जाती है पीआईएल
पीआईएल लगाने वाली  एनजीओ बिचौलिए का काम करके करना चाहती है भ्रष्टाचार

गुड़गांव 11 सितंबर – ईडी और सीबीआई के जो मामले देश भर में चल रहे हैं ऐसे मामलों में पीआईएल के जरिए एक नए तरीके का भ्रष्टाचार पनप रहा है।जिस भ्रष्टाचार को देश की सरकार और देश की सबसे ऊंची अदालत को रोकना होगा। यह कहना है नव जन चेतना मंच के संयोजक वशिष्ट कुमार गोयल का।

श्री गोयल ने कहा कि देश में अलग-अलग प्रदेशों में अलग-अलग तरह के बहुत से ईडी और सीबीआई के मामले चल रहे हैं। बहुत कम लोगों को पता होगा कि कुछ ऐसी संस्थाएं हैं जो देश के सबसे बड़ी जांच एजेंसियों को भी प्रभावित करने का काम करती है। ऐसी संस्थाएं जबरन कुछ संदिग्ध मामलों में बिचोलिया बनने के लिए पीआईएल दायर करके पार्टी बन जाती हैं। पीआईएल दायर होने के बाद जिन पार्टियों पर केसेज होते हैं वे पार्टियां इनके संपर्क में आ जाती हैं, उसके बाद इनका एक अलग तरह का कार्य शुरू होता है।

वशिष्ठ कुमार गोयल ने कहा कि ऐसे मामलों में पीआईएल दायर होने के बाद एक नए तरीके का सिर्फ भ्रष्टाचार नहीं पैदा हो रहा है बल्कि हमारे देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी भी प्रभावित हो रही है। नव जन चेतना मंच का संयोजक होने के नाते मैं देश की सरकार और सबसे बड़ी अदालत से मांग करता हूं कि जो भी ईडी और सीबीआई जैसे मामले हो उसमें किसी भी तरह के अन्य मुकदमे तब तक दर्ज ना किए जाएं या अन्य किसी तरह की शिकायत तब तक ना एक्सेप्ट की जाए जब तक की ऐसे मामलों में देश की सबसे बड़ी यह दोनों जांच एजेंसियां अपनी रिपोर्ट अदालतों में ना दे।

पीआईएल लगाने वाले ऐसे एनजीओ की जांच भी सरकार को करानी चाहिए और इनके बैंक अकाउंट ईडी को खुद सीज करके चेक करने चाहिए ऐसे एनजीओ के पास जो धन आ रहा है वह काला धन है या सफेद, क्योंकि ऐसे एनजीओ अपनी बैलेंस शीट में गड़बड़ी करते हैं और ऐसे मामलों में विभिन्न पार्टियों को उलझा कर काले धन की कमाई करते हैं। इसलिए प्रशासन से गुजारिश है कि पीआईएल लगाने वालों की भी जांच होनी चाहिए कि वह कितनी सच है।

श्री गोयल ने कहा कि कई ऐसे मामलों में पीआईएल लगाने वालों का काला चिट्ठा उन्होंने अदालतों से निकलवा रखा है जिसका खुलासा वह जल्द ही मीडिया के सामने करेंगे।

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