भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम। नगर निगम के एसई रमेश शर्मा के सस्पेंशन के बाद गुरुग्राम के इंजीनियरों में खासा रोष है, जिसका प्रमाण आज उन्होंने धरना-प्रदर्शन करके दिया। उनका कहना है कि या तो रमेश शर्मा को तुरंत प्रभाव से ड्यूटी पर लिया जाए, नहीं तो हम सारे हरियाणा में इंजीनियरों की हड़ताल कर देंगे। 

आज ही गृह मंत्री अनिल विज ने एसडीएम आयुष सिन्हा के बारे में ब्यान दिया है कि किसी के कहने से तो किसी को सजा नहीं दी जा सकती। जांच कमेटी बिठाई जाएगी, वह जैसा निर्णय लेगी उस हिसाब से कार्यवाही की जाएगी। आपने ही कहा है कि सरकार मजबूरी में मामला तो दर्ज कर लेती है लेकिन कुछ समय बाद मामला ठंडा पडऩे पर अधिकारी को निर्दोष साबित कर दिया जाता है। इससे अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही किए जाने से अन्य अधिकारियों का मनोबल टूटता है। इसी मजबूरी के कारण सरकार अधिकारियों पर कार्यवाही नहीं करती लेकिन यहां आपने रमेश शर्मा पर त्वरित कार्यवाही करते हुए उसे सस्पेंड कर दिया। कोई जांच कमेटी नहीं बिठाई और आपके कथनानुसार अधिकारियों का मनोबल टूटा तथा वे यहां तक कुपित हुए कि सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और धरना दिया। आप जैसे अनुभवी व्यक्ति से ऐसा कार्य? कारण प्रदेश की जनता जानना चाहेगी।

आज कोई परिणाम निकलते नहीं दिखाई दिए। हां, यह अवश्य हुआ है कि निगमायुक्त की ओर से अधिकारियों को कहा गया है कि जनप्रतिनिधियों का सम्मान करें।

गुरुग्राम रमेश शर्मा प्रकरण में तो बात उलट है। यहां तो जनप्रतिनिधियों ने रमेश शर्मा के सम्मान को ठेस पहुंचाई है। जहां तक मामला अनुशासनहीनता का है तो पूछें कि अनुशासन की परिभाषा कौन तय करेगा? यहां तो जिसकी लाठी, उसकी भैंस वाले सिद्धांत चल रहे हैं।
बार-बार लिखा जाता है और नगरपालिका क्षेत्र में बहुत चर्चा भी है कि गुरुग्राम नगर निगम में भ्रष्टाचार चरम पर है, जिसमें अधिकारी और विधायक सभी सम्मिलित हैं। ऐसा सोचना है जनता का, क्योंकि यदि अकेले अधिकारी भ्रष्टाचार करें तो हर समय उनके काम की जांच के लिए पार्षद और मेयर टीम विद्यमान है और इसी प्रकार यदि पार्षद और मेयर अकेले भ्रष्टाचार करें तो वह भी संभव नहीं, क्योंकि कार्य तो अधिकारियों द्वारा ही होने हैं। यहां लगता है कि या तो कोई ईमानदार अधिकारी आ गया, जिससे अपने हित साधने में परेशानी होने लगी और या फिर बंदरबांट का मामला है। मामला जो भी हो, भुगतना तो जनता को ही पड़ेगा, क्योंकि गुरुग्राम के विकास कार्यों की गति रुक जाएगी। इनमें मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति भी है।

हम गुरुग्राम की जनता की ओर से स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज से प्रार्थना करेंगे कि वह शीघ्रातिशीघ्र इस मामले की जांच करें और जो भी दोषी है, चाहे वह जनप्रतिनिधि हैं या अधिकारी हैं, उन्हें दंडित करें।

error: Content is protected !!