बोले: दस साल में सबसे कम न्यूनतम समर्थन मुल्य बढ़ौतरी

 भाजपा ने उजागर की खेत और किसान विरोधी सोच

चंडीगढ़-फतेहाबाद:– कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधायक बलवान दौलतपुरिया ने भाजपा सरकार द्वारा गेंहू के न्यूनतम समर्थन मुल्य में 40 रूपए की बढ़ौतरी किए जाने को अन्नदाता किसान के साथ भद्दा मजाक करार दिया है। उन्होंने वर्तमान सरकार को पूरी तरह किसान विरोधी बताते हुए कहा कि भाजपा देश-प्रदेश से खेती और किसान को खत्म करने पर तुली है। वे अपने अनाज मंडी स्थित प्रतिष्ठान में क्षेत्र के किसानों से बातचीत कर रहे थे।

पूर्व विधायक बलवान दौलतपुरिया ने कहा कि वर्ष 2011 के बाद से अब तक के दस साल के आंकड़ों पर गौर करें तो यह सरकार द्वारा गेंहू पर बढ़ाया गया सबसे कम न्यूनतम समर्थन मुल्य है। इससे पहले हमेशा यह बढ़ोतरी 80 से लेकर 125 रूपए प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मुल्य की रही है। उन्होंने स्वामीनाथन के सी-2 नियम का जिक्र करते हुए कहा कि इसके अनुसार किसान को फसल की लागत पर 50 प्रतिशत लाभाकरी मुल्य मिलना चाहिए। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा इस समय गेंहू पर किसान की लागत 1930 रूपए प्रति क्विंटल निर्धारित है। जबकि सी-2 नियम के अनुसार 50 प्रतिशत लाभाकारी मुल्य के साथ यह 2895 रूपए प्रति क्विंटल होना चाहिए। 

पूर्व विधायक ने सी-2 नियम बारे बताया कि इसके तहत किसान को अपनी जमीन का ठेका मिलना चाहिए। किसान को मजदूरी मिलनी चाहिए। फसल की नीराई-गुढाई व बुहाई से लेकर खाद-बीज, पानी व दवाई, कटाई-कढ़ाई व फसल तैयार होने उपरांत उसे मंडी में ले जाने तका का खर्चा सरकार से किसान को मिलना चाहिए। दौलतपुरिया ने कहा कि 28 फरवरी 2016 को स्वयं पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा कि था कि भाजपा सरकार बनने पर किसान की आमदनी दोगुनी करेंगे। उस समय गेंहू का मुल्य 1550 रूपए था। पीएम नरेन्द्र मोदी किसानों से किए अपने वायदे पर खरे उतरते तो आज गेंहू का न्यूनतम समर्थन मुल्य 3050 रूपए प्रति क्विंटल होना चाहिए था। रही सही कसर भाजपा सरकार ने किसानों पर तीन काले कृषि कानून थोप कर पूरी कर दी है। भविष्य में जब भी किसानों के इतिहास का जिक्र आएगा, वर्तमान भाजपा सरकार का कार्यकाल उसमें अन्नदाता के लिए काले अध्याय के रूप में दर्ज होगा।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा के नेतृत्व में प्रत्येक पदाधिकारी व कार्यकर्ता किसानों के हक की आवाज बुलंद करने में लगा हुआ है। सरकार खेत-खलिहान और किसानों को बचाना चाहती है तो तीनों कृषि कानूनों को रद्द करे और एमएसपी की गारंटी का कानून बनाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे लगातार सरकार से सी-2 लागत पर 50 प्रतिशत लाभकारी मुल्य जोकि वर्तमान में इस नियम के अनुसार 2895 रूपए प्रति क्विंटल बनता है की मांग उठाते रहे हैं और अब इस बाबत वे जल्द पीएम को पत्र भी लिखेंगे।

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