गुड़गांव – आज प्रातः अनिल विज द्वारा गुडगांव की मेयर श्रीमती मधु आजाद की शिकायत पर गुड़गांव के एससी रमेश शर्मा को सस्पेंड कर दिया गया, उन्हें अपनी सफाई में कुछ बोलने का मौका भी नहीं दिया गया. इसके विरूद्ध हरियाणा के इंजीनियरों में विरोध के स्वर बहुत तेजी से मुखर हो रहे हैं, उन्होंने गुड़गांव के कमिश्नर को पत्र लिख कहां है की या तो रमेश शर्मा को बिना किसी शर्त 9 तारीख को वापस काम पर ले लिया जाए अन्यथा 10 तारीख से गुड़गांव निगम के सभी कर्मचारी हड़ताल पर चले जाएंगे, फिर जो शहर के विकास का नुकसान होगा उसकी जिम्मेवारी हम पर नहीं होगी.

साथ ही इंजीनियरों ने यह भी शिकायत की है की निगम निगम में मेयर और पार्षदों के अतिरिक्त उनके पति भी आते हैं और हमें आदेश देते हैं जबकि मेयर मधु आजाद के पुत्र भी आते हैं यह सब नियम विरुद्ध है इसके विरूद्ध भी कार्रवाई की हम मांग करते हैं.

अभी समाचार प्राप्त हुआ है की संपूर्ण हरियाणा की जो एसोसिएशन इंजीनियर की है उसने भी इनको समर्थन दे दिया है और उनका भी यही कहना है कि सारे हरियाणा के इंजीनियर 10 तारीख से हड़ताल में चले जाएंगे यदि रमेश शर्मा का सस्पेंशन वापस नहीं किया गया तो देखें होता है क्या पर एक बात तो अवश्य है की सजा एक तरफा बात सुनकर कभी सुनाई नहीं जानी चाहिए

अब यह स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि आने वाला समय अधिकारियों और पार्षदों के बीच बड़ी जंग का आगाज कर रहा है ऐसे में संभव है की निगम के अनेक भ्रष्टाचार खुलकर सामने आए वैसे चर्चा तो हमेशा ही रहती है की मेयर अपनी मर्जी की और अपने हित की सोच कर ही कार्य करते हैं. यह भी कहा जाता है की सभी विधायकों के चहेते ठेकेदार हैं और वे उन्हीं से काम कराना पसंद करते हैं अपने क्षेत्र में और मेयर उनका सहयोग करती हैं. मेयर की ओर से कहा जाता है की हर काम में पार्षद के हस्ताक्षर अनिवार्य होने चाहिए अधिकारी पार्षद के क्षेत्र में जाए तो पार्षद को साथ लेकर जाएं जिस किसी पर पार्षद अपने क्षेत्र में मेहरबान हो उस पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं होनी चाहिए .इसका प्रमाण तो मेरे पास भी है सीसीए स्कूल की पार्किंग ग्रीन बेल्ट में बनी हुई है और मैंने खुद उनको यह बात बताई और मेयर ने स्थान का अवलोकन खुद भी किया लेकिन ग्रीन बेल्ट में पार्किंग विद्यमान है.

इसी प्रकार और चर्चा चल रही है की फाइनेंस कमेटी का गठन जब सब कमेटियों का गठन हुआ तभी हो जाना चाहिए था लेकिन आज तक फाइनेंस कमेटी का गठन नहीं हुआ उसे केवल तीनों मेयर ही चला रहे हैं इस प्रकार के अनेक प्रश्न उठाए जा रहे हैं

खैर अभी तो इतना ही लेकिन इस बात को अधिक समझने के लिए आपके लिए प्रस्तुत किए हैं इंजीनियरों द्वारा दिए गए पत्र और सस्पेंशन लेटर

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