जब अधिकारी को अधिसूचित सेवाओं या इनके डाटा की ही जानकारी नहीं है तो ऐसे में सुनवाई करने का कोई लाभ नहीं है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है : मुख्य आयुक्त टी.सी. गुप्ता चण्डीगढ़, 7 सितम्बर- हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग ने नगर निगम फरीदाबाद के आयुक्त को अधिनियम के तहत अधिसूचित सेवाओं की संख्या की जानकारी न होने पर नाखुशी जाहिर करते हुए उसे सभी अधिसूचित सेवाओं का डाटा जुटाने और 16 सितम्बर तक सूचना भिजवाने के निर्देश दिए हैं, चाहे वे अन्त्योदय सरल पोर्टल, किसी ऑनलाइन तरीके से या किसी एप के माध्यम से या फिर किसी ऑफलाइन तरीके से क्यों न मुहैया करवाई जा रही हों। आयोग के मुख्य आयुक्त श्री टी.सी. गुप्ता ने बताया कि 9 अगस्त, 2021 को जारी पत्र के तहत स्वत: संज्ञान नोटिस की प्रतिक्रिया में ई-मेल के माध्यम से 3 सितम्बर को जवाब मिला और नगर निगम फरीदाबाद के आयुक्त श्री यशपाल को उपस्थित होने के निर्देश दिए गए। सबसे पहले, नगर निगम आयुक्त ने बताया कि अन्त्योदय सरल पोर्टल अर्थात saralharyana.gov.in के माध्यम से 126 सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। हालांकि, जब उनसे पूछा गया कि अधिनियम के तहत कितनी सेवाएं अधिसूचित हैं तो उन्होंने इसे नजरअंदाज कर दिया। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हरियाणा सूचना का अधिकार अधिनियम के कार्यान्वयन से जुड़ी सुनवाई में अधिकारी को अधिसूचित सेवाओं की संख्या तक का पता नहीं था। उन्होंने बताया कि 3 सितम्बर, 2021 को निगम सचिव श्री अनिल कुमार यादव की ओर से भेजे गए जवाब में सिर्फ एक सेवा की जानकारी दी गई, जबकि जानकारी सभी अधिसूचित सेवाओं के बारे में मांगी गई थी। इससे स्पष्ट है कि श्री अनिल कुमार यादव ने जवाब भेजने से पहले नोटिस को पढऩा तक उचित नहीं समझा, जिसके लिए डिस्पलेजऱ दर्ज़ किया गया है और इसके बारे में उन्हें नगर निगम फरीदाबाद के आयुक्त द्वारा अवगत करवा दिया जाएगा। श्री टी.सी. गुप्ता ने बताया कि सेवा संख्या 27 अर्थात ‘जन्म/मृत्यु प्रमाण-पत्र की सत्यापित प्रतियां’ के साथ सेवाओं की समीक्षा शुरू की गई, जिसके लिए अधिसूचित समय-सीमा चालू वर्ष के लिए 14 दिन और पिछले वर्षों के लिए 30 दिन है। हालांकि, नगर निगम आयुक्त फरीदाबाद ने बताया कि उनके पास कोई डाटा नहीं है। इसी तरह, जब उनसे अगली सेवा संख्या 28 अर्थात ‘जलापूर्ति और सीवरेज कनैक्शन’ जोकि केवल नगर निगम गुरुग्राम और फरीदाबाद के लिए ही लागू होता है, के बारे में पूछा गया तो फरीदाबाद के नगर निगम आयुक्त द्वारा बड़ा ही आश्चर्यजनक वक्तव्य दिया गया कि नगर निगम द्वारा पिछले दो वर्षों से कोई भी जलापूर्ति या सीवरेज कनैक्शन नहीं दिया जा रहा । उनसे अनुरोध किया गया कि वे अपने अधिकारियों से इस वक्तव्य को सत्यापित करवा लें क्योंकि यह अविश्वसनीय है कि यदि कोई व्यक्ति नगर निगम के रख-रखाव वाले इलाकों में जलापूर्ति या सीवरेज कनैक्शन के लिए आवेदन करता है तो निगम उसे यह सेवा प्रदान नहीं करेगा। परन्तु नगर निगम आयुक्त इस पर अड़े रहे और कहा कि उनका वक्तव्य सही है। आयोग के मुख्य आयुक्त ने बताया कि अगली सेवा संख्या 29 अर्थात ‘कन्वेयंस डीड जारी करना’ के बारे में भी आयुक्त के पास कोई डाटा नहीं था। हालांकि, उन्होंने सेवा संख्या 30 अर्थात् नगर निगम द्वारा ‘नए व्यापार लाइसेंस जारी करना’ के आंकड़े दे दिए क्योंकि सभी मामलों में 57 लाइसेंस, जैसाकि उन्होंने बताया था, सेवा का अधिकार की सीमा से परे जारी किए गए थे। इसलिए उन्हें इन 57 मामलों में से प्रत्येक में उन जोनल कराधान अधिकारियों के नाम भेजने के निर्देश दिए गए जोकि अधिसूचित समय-सीमा के अन्दर सेवाएं प्रदान करने में असफल रहे। अगली सेवा क्रम संख्या 32 पर ‘गलियों/सडक़ों से ठोस कचरा हटाने’ के बारे में थी। इसके बारे में भी उनके पास कोई डाटा नहीं था। श्री टी. सी. गुप्ता ने बताया कि इन सभी तथ्यों को देखते हुए सुनवाई को स्थगित करना मुनासिब समझा गया क्योंकि जब अधिकारी को अधिसूचित सेवाओं या इनके डाटा की ही जानकारी नहीं है तो ऐसे में सुनवाई करने का कोई लाभ नहीं है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और सुनवाई अब 20 सितम्बर, 2021 को प्रात: 10:00 बजे तक के लिए स्थगित की जाती है। Post navigation हाई पॉवर परचेज कमेटी ने 160 करोड़ रुपये की खरीद को दी मंजूरी संवाद पुन: शुरू करने के लिए बड़े स्तर पर प्रयास कर रहा हूँ : चौधरी बीरेंद्र सिंह