चण्डीगढ़, 6 सितम्बर – हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जे.पी.दलाल ने कहा कि फसल विविधिकरण के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने के लिए बागवानी को बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रदेश में 2030 तक बागवानी क्षेत्र को बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है।
उन्होंने कहा कि बागवानी को बढ़ावा देने के लिए 11 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किए गए हैं व तीन अन्य इस वर्ष के अंत तक भिवानी, हिसार व मेवात जिला में बनाए जा रहे हैं।

श्री दलाल ने कहा कि बागवानी फसलों की आसानी से बिक्री व उचित मूल्य सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश में एक हजार किसान उत्पादक समूह बनाए जाएंगे। अब तक 600 किसान उत्पादक समूह बनाए गए हैं । उन्होंने बताया कि इन समूहों द्वारा 150 इंटीग्रेटेड पेक हाउस बनाए जाएंगे, जिनके माध्यम से किसान अपने फल व सब्जियों को बेचने में सक्षम होंगे।

कृषि मंत्री ने कहा कि फलों व सब्जियों की ऑनलाइन मार्केटिंग के लिए प्रदेश के 227 किसान उत्पादक समूह E-NAM पोर्टल पर पंजीकृत हुए हैं । इनके माध्यम से प्रदेश के बाहर भी फल व सब्जियां बेची जाएंगी। फल व सब्जियों के शीत भंडारण के लिए कोल्ड स्टोर लगाने पर एक किसान के लिए 35 प्रतिशत व एफ.पी.ओ के लिए 80 से 90 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान किया गया है।

उन्होंने बताया कि आम, अमरूद व सिट्रस फलों के बाग लगाने पर प्रति एकड़ 5100 रुपए से लेकर एक लाख 21 हजार रूपये तक का अनुदान दिया जा रहा है। ताकि किसानों का रूझान अधिक से अधिक बागवानी फसलों की ओर बढ़े, और उनको कम लगात में अधिक मुनाफा हो।
कृषि मंत्री ने कहा कि ‘भावान्तर भरपाई योजना’ में 21 बागवानी फसलों के संरक्षित मूल्य निर्धारित किए हैं। इसी दिशा में ‘मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना’ भी शुरू की है जिसके तहत फसल की प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान की भरपाई की जाएगी।