नौकरियों में खेल कोटा खत्म करना खेल और खिलाड़ियों के लिये घातक – दीपेंद्र हुड्डा

• हुड्डा सरकार के समय लगाये गये फलदार वृक्ष की जड़ों को मौजूदा सरकार खोखला करना चाहती है – दीपेन्द्र हुड्डा
• हुड्डा सरकार द्वारा बनवाये जींद खेल स्टेडियम को खेल विभाग को सौंपा जाए – दीपेन्द्र हुड्डा
• किसान अधिकारों के लिए चल रहा संघर्ष सफल होगा, किसान जीतेगा – दीपेन्द्र हुड्डा
• हरियाणा में बेरोज़गारी के हालात भयावह लोगों के पास न काम बचा, न घर में बचत; घर चलाने के लिये अब जेवर-सोना गिरवी रखने की नौबत आ गई – दीपेन्द्र हुड्डा

जींद, 6 सितम्बर। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा आज जींद में कई कार्यक्रमों में शिरकत करने पहुंचे। उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा सीधी भर्तियों में खिलाड़ियों का 3 प्रतिशत कोटा खत्म करने की ख़बर को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि नौकरियों में खेल कोटा खत्म करना खेल और खिलाड़ियों के लिये घातक साबित होगा। हुड्डा साहब जब मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने खेल नीति का एक पौधा लगाया और उसको खाद-पानी देकर बड़ा किया। आज पौधा बड़ा हो गया है और भारत की झोली में जो पदकों की बौछार हो रही है ये उसी पौधे के फल हैं। हाल ही में ओलंपिक खेलों में 2% आबादी वाले हरियाणा ने करीब 50% पदक देश के लिये जीतकर पूरी दुनिया में तिरंगे का मान बढ़ाया, इसी प्रकार पैरालंपिक खेलों में भी प्रदेश के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि जींद में लोगों की मांग पर बड़ी भावना के साथ पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने खेल स्टेडियम बनवाया था उसे तत्काल खेल विभाग को सौंपा जाए।

उन्होंने कहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को ‘पदक लाओ पद पाओ’ नीति के तहत न केवल पद दिया, पैसा और प्रतिष्ठा भी दी। उससे खिलाड़ियों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने की लालसा पैदा हुई हुड्डा सरकार ने हरियाणा में खेल कोटे से 18 डीएसपी 500 से ज्यादा इंस्पैक्टर और सब-इंस्पैक्टर भर्ती किये। दीपेंद्र हुड्डा ने सीधा सवाल किया कि ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाली मीराबाई चानू को जब मणिपुर सरकार सीधे एडिशनल एसपी लगा सकती है तो हरियाणा सरकार प्रदेश के पदक विजेता खिलाड़ियों को सीधा नौकरी क्यों नहीं दे सकती। उन्होंने कहा कि इसके उलट मौजूदा हरियाणा सरकार अब हुड्डा सरकार के समय लगाये गये फलदार वृक्ष की जड़ों को ही खोखला करना चाहती है। उन्होंने कहा कि सीधी भर्तियों में खिलाड़ियों का कोटा ख़त्म करने से न केवल युवा खिलाड़ी हतोत्साहित होंगे बल्कि, ओलंपिक सहित तमाम राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर देश-प्रदेश का नाम रौशन करने वाले खिलाड़ियों में भी निराशा का माहौल बनेगा।

उन्होंने प्रदेश में बढ़ती जा रही बेरोज़गारी पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि हरियाणा लगातार देश मे सर्वाधिक बेरोज़गारी वाला प्रदेश बना हुआ है और BJP-JJP सरकार इस सच्चाई से मुंह फेरने की कोशिश कर रही है। लोगों के पास न काम बचा, न घर में बचत; लोगों को अपना घर चलाने के लिये अब जेवर-सोना गिरवी रखने की नौबत आ गई है। अर्थव्यवस्था और आम जन की माली हालत दयनीय स्थिति में पहुँच चुकी है फिर भी सरकार सच देखने, स्वीकार करने को राजी नहीं। भाजपा सरकार बेरोजगारी और आर्थिक मंदी के सामने घुटने टेक चुकी है। सरकार ने बेरोजगार युवाओं को, बेहाल किसानों को और परेशान व्यापारियों को उनके हाल पर छोड़ दिया है। मंदी, महंगाई, महामारी से करोड़ों लोग गरीबी के कुचक्र में फंस गए, करोड़ों नौकरियां जा चुकी हैं। लेकिन सरकार झूठे विज्ञापन छपवाने में ही मगन है।

इस दौरान गोहाना विधायक जगबीर मालिक, सफीदों से विधायक सुभाष गंगोली, खरखौदा विधायक जयबीर बाल्मीकि, इसराना विधायक बलबीर बाल्मीकि, बरोदा विधायक इन्दुराज नरवाल, पूर्व विधायक परमिंदर ढुल, अंशुल सिंगला, प्रमोद सहवाग, धरमेंदर ढुल, मंजीत लाठर, अनिल दलाल, जगबीर डिगाना, रोहित दलाल, मोहित लाठर, बलजीत रेढू समेत अनेकों स्थानीय गणमान्य लोग मौजूद रहे।

जुलाना में किसान स्व. देवेंद्र के घर पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की, 2 लाख रुपये की आर्थिक मदद सौंपी

सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने आज जुलाना के वार्ड नंबर तीन निवासी किसान स्व. देवेंद्र के घर पहुंचकर उनको श्रद्धांजलि अर्पित की, परिवारजनों से मिलकर शोक प्रकट किया। साथ ही किसान आन्दोलन के दौरान जान गंवाने वाले हर किसान परिवार को हुड्डा जी के निर्देश पर CLP द्वारा निजी कमाई से दी जा रही ₹2 लाख की आर्थिक मदद सौंपी। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि ‘मार-मार के सिर फोड़ दो’ जैसी सोच वाले SDM को ही नये कृषि कानूनों में किसानों के विवाद के निपटारे के लिये अधिकृत किया गया है। ऐसे में न्याय मिलने का भरोसा कौन करेगा? उन्होंने सवाल किया कि जब देश की खाद्य सुरक्षा की बात हो, तब किसान; जब सरहद पर दुश्मन से टकराना हो, तब किसान, जब मेडल ला देश का मान बढ़ाना हो, तब किसान; लेकिन जब किसान के लिए दिल्ली-चंडीगढ़ में क़ानून बनाने हों, तब किसान क्यों नही? दीपेन्द्र हुड्डा ने विश्वास जताया कि पिछले दस महीने से शांतिपूर्ण आंदोलन से किसान अधिकारों के लिए चल रहा संघर्ष सफल होगा और देश का किसान जीतेगा।

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