चण्डीगढ़, 6 सितंबर – हरियाणा में एकल उपयोग प्लास्टिक को पूरी तरह समाप्त करने के लिए मुख्य सचिव श्री विजय वर्धन ने अधिकारियों को प्रदेश में उपयोग में लाए गए प्लास्टिक को रिसाईकिल करने वाले तथा स्क्रेप डीलर्स को चिह्नित कर उनका संबंधित शहरी स्थानीय निकाय अथवा ग्राम पंचायत के तहत पंजीकरण करवाने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा  शहरी स्थानीय निकाय अथवा ग्राम पंचायत  प्रत्येक युनिट से हर माह प्लास्टिक वेस्ट कलेक्शन और उसकी ढुलाई की रिपोर्ट लेना सुनिश्चित कर इस रिपोर्ट को मुख्यालय में भेजने के भी निर्देश दिए।

मुख्य सचिव आज यहां राज्य में एकल उपयोग प्लास्टिक को पूरी तरह खत्म करने हेतु प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के प्रभावी क्रियान्वयन के संबंध में बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

मुख्य सचिव ने राज्य में सभी प्रकार के प्लास्टिक निर्माताओं को चिह्नित करने के निर्देश दिए । इसके कार्य के लिए विभिन्न विभागों के अधिकारियों को शामिल कर जिला स्तर पर टीम गठित करने के भी निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि  विस्तारित उत्पादक जिम्मेदारी (ईपीआर) के तहत उत्पादक, ब्रांड मालिक, विनिर्माता और थोक विक्रेताओं को शहरी स्थानीय निकाय अथवा ग्राम पंचायत के साथ जोड़ा जाए, ताकि शहर या गांव में शत-प्रतिशत प्लास्टिक कचरे के निस्तारण के लिए स्वयं या एजेंसियों या उत्पादकों को शामिल कर प्लास्टिक कचरे के पृथक्करण, संग्रहण, भंडारण, ढुलाई, प्रसंस्करण और निपटान के लिए बुनियादी ढांचे की स्थापना की जा सके। इसके अलावा, प्लास्टिक कचरे की रिसाइकलिंग पंजीकृत रिसाईकलर के माध्यम से करवाना सुनिश्चित किया जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि अधिकारी सुनिश्चित करें कि कोई भी खुदरा विक्रेता और रेहड़ी फड़ी वाले उपभोक्ताओं को प्लास्टिक से बने कैरी बैग या प्लास्टिक शीट या अन्य कोई भी पैकेजिंग सामान, जो नियमों के तहत निर्धारित मापदंडों के अनुसार नहीं हैं, में वस्तुओं को न दें। बैन की गई प्लास्टिक की चीजों का पुन: उपयोग न हो, इसके लिए विशेष अभियान चलाया जाए और यदि कोई नियमों का उल्लंघन करता पाया जाए तो उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाए। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक का उपयोग न करने के लिए व्यापक जन जागरूकता अभियान चलाया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि रिसाइकिल न किए जा सकने वाले प्लास्टिक कचरे को सडक़ निर्माण में अधिक से अधिक उपयोग में लाया जाए।

बैठक में बताया गया कि हरियाणा सरकार द्वारा पहले से कैरी बैग और अन्य प्लास्टिक सामान पर प्रतिबंध लगाया हुआ है । इसके अलावा, अब थर्मोकोल से बने किचनवेयर जैसे कप, प्लेट, गिलास इत्यादि और औद्योगिक पैकिंग जो 50 माइक्रॉन से कम हो, उस पर भी प्रतिबंध लगाया जाएगा। साथ ही  गुब्बारों के लिए उपयोग होने वाली प्लास्टिक स्टिक, प्लास्टिक फ्लैग, कैंडी स्टिक, एकल उपयोग वाले पैन, सजावट के लिए थर्मोकोल , पैकिंग शीट, प्लास्टिक रिब्बन, टेटरापैक के साथ आने वाले स्ट्रॉ, पीने के पानी के सीलबंद गिलास, प्लास्टिक मिनरल वॉटर पाउच इत्यादि पर भी प्रतिबंध लगाया जाएगा। बैठक में यह भी बताया गया कि प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम , 2016 के कार्यान्वयन के लिए व्यापक कार्य योजना तैयार कर ली गई है ।

बैठक में शहरी स्थानीय निकाय विभाग के प्रधान सचिव श्री अरूण कुमार गुप्ता, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रधान सचिव श्री विजयेंद्र कुमार, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक श्री डी. के. बेहरा, हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव श्री एस. नारायाणन, सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के संयुक्त निदेशक (प्रशासन) श्री अमन कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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