पायलट योजना सफल होने पर पूरे राज्य में लागू करने की तैयारी – दुष्यंत चौटाला

चंडीगढ़, 3 सितंबर। हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि चालू वित्त वर्ष के अंत तक राज्य में कुल 500 डिपुओं, फेयरप्राइस शॉप को ‘ग्राहक सेवा केंद्र’ में बदला जाएगा जिसमें डिपो को बैंकिंग सेक्टर से जोड़ा जाएगा। उन्होंने बताया कि अभी तक यह योजना पायलट के तौर पर प्रदेश के दो जिलों करनाल और सिरसा में शुरू की गई थी।

उपमुख्यमंत्री, जिनके पास खाद्य, आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग का प्रभार भी है, ने जानकारी दी कि हरियाणा में पायलट के तौर पर प्रदेश के पांच जिलों में 4 बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ मिलकर डिपुओं  के माध्यम से सस्ती दरों पर ‘फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी)’ उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इस योजना के तहत करनाल, सिरसा, फतेहाबाद, यमुनानगर, पंचकुला जिला में अभी तक 63 शॉपस के साथ डाबर इंडिया लिमिटेड, हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड, मैरिको लिमिटेड, कोका-कोला कंपनी, एल्प्रो कंज्यूमर प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों को जोड़ा गया था। इन शॉपस ने उक्त कंपनियों से 7.04 लाख रुपए की इनवेंटरी खरीद की है तथा 2.29 लाख रूपए के प्रोडेक्ट की बिक्री हुई है। अब यह योजना राज्य के सभी 22 जिलों में शुरू की जाएगी।

डिप्टी सीएम ने बताया कि इस योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा दो जिलों करनाल और सिरसा में पायलट के तौर पर 7 डिपुओं को बैंकिंग प्रोजेक्ट के साथ जोड़ने के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से टाइअप किया गया था। बैंक ने इन डिपो-होल्डरों को वित्तीय लेन-देन का प्रशिक्षण दिया गया। उन्होंने बताया कि 8 सप्ताह की अवधि में इन डिपुओं के माध्यम से जुलाई 2021 के दौरान 24.40 लाख रूपए तथा अगस्त में लगभग 34.50 लाख रुपए का वित्तीय लेन-देन हुआ है।

बतादें कि हरियाणा सरकार ने करीब 8 सप्ताह पहले ‘आत्मनिर्भर हरियाणा’ अभियान के तहत डिपो-होल्डरों के माध्यम से ब्रांडिड एफएमसीजी कंपनियों (फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स कंपनी) का सामान उचित दामों पर बिक्री करने की योजना की पायलट शुरुआत की थी। सात डिपो-होल्डरों के माध्यम से एसबीआई बैंक की कुछ सेवाओं का लाभ देने की भी शुरुआत की गई जिसके बदले में उनको कमीशन प्राप्त हुआ।

दुष्यंत चौटाला ने बताया कि राज्य सरकार का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में एक इको-सिस्टम बनाना है, जिसमें गांव के गरीब लोगों तक राशन डिपो अथवा उचित मूल्य की दुकान (एफपीएस) द्वारा बहुराष्ट्रीय एफएमसीजी कंपनियां, स्वयं सहायता समूह और अन्य विनिर्माण कंपनियां द्वारा प्रमाणित आवश्यक वस्तुओं को वाजिब दर पर बिक्री करना है। उन्होंने बताया कि सरकार की इस योजना जहां राज्य में आय और रोजगार के अवसर पैदा होंगे वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में बाजारों को मजबूती मिलेगी। उन्होंने बताया कि अब राज्य सरकार ने चालू वित्त वर्ष के अंत तक राज्य में कुल 500 डिपुओं, फेयरप्राइस शॉप को ग्राहक सेवा केंद्र में बदलने का निर्णय लिया है, इन सभी डिपुओं को बैंकिंग सेक्टर से जोड़ा जाएगा।

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