डीएसपी गीतिका जाखड़ फोन पर बोली भाई के साथ मारपीट की गई, इसलिए समझाने गई थी. उनके चाचा ने उनके मकान पर कब्जा किया हुआ है. हिसार. देश की पहली अर्जुन अवार्डी पहलवान और वर्तमान में फतेहाबाद में डीएसपी पद पर कार्यरत गीतिका जाखड़ पर उनके चाचा ने मारपीट का आरोप लगाया है. चाचा प्रकाश वीर सिंह ने अग्रोहा थाना में शिकायत दी है कि डीएसपी गीतिका जाखड़, भट्टूकलां में तैनात नायब तहसीलदार बलराम जाखड़, उनके पिता सत्यवीर जाखड़ और फतेहाबाद पुलिस के दो कर्मचारियों ने जबरदस्ती उनके घर में घुसकर उनके 88 वर्षीय पिता अमरचंद जाखड़ और उनके परिवार के साथ मारपीट की. आरोपियों ने उनकी गर्भवती पुत्रवधु को भी धक्का दिया और जान से मारने की धमकी दी. प्रकाशवीर के अनुसार, सभी आरोपी फतेहाबाद पुलिस की सरकारी गाड़ी में सवार होकर उनके घर पर हमला करने के लिए आए थे. मारपीट की पूरी घटना CCTV में कैद हो गई है. इस मामले की अग्रोहा पुलिस को शिकायत दी है लेकिन पुलिस ने अभी तक केस दर्ज नहीं किया है. नायब तहसीलदार बलराम जाखड़ ने अपने चाचा सत्यवीर जाखड़ और उनके परिवार के खिलाफ 27 अगस्त को अग्रोहा थाने में शिकायत देकर मारपीट करने का केस दर्ज करवाया है. बताया जा रहा है कि दोनों पक्षों का अग्रोहा गांव में बने पैतृक मकान को लेकर विवाद है. गीतिका के चाचा ने मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, अनिल विज और डीजीपी हरियाणा को किया ट्वीट कर कार्रवाई की मांग की है. गीतिका जाखड़ ने फ़ोन पर बताया की वह उनके चाचा के लड़के को समझाने के लिए गई थीं और उनकी तरफ से कोई मारपीट नहीं की गई. उनके चाचा ने उनके मकान पर कब्जा किया हुआ है. हिसार पुलिस इस मामले में कुछ नहीं बोल रही है. प्रकाशवीर ने अपनी शिकायत में बताया कि 26 अगस्त की शाम को वह अपने पुराने मकान के साथ लगती हुई निर्माणाधीन बिल्डिंग को ताला लगाने के लिए गए थ. मकान में उन्होंने सीमेंट और अन्य मैटेरियल रखा हुआ है. जैसे ही वह शटर बंद करने गए तो वहां पहले से मौजूद बलराम व अन्य ने उनपर हमला कर दिया. उन्होंने अपने बेटे को आवाज दी, लेकिन वह घर पर नहीं था. उनकी पत्नी वहां आई और उन्होंने अग्रोहा थाना के सरकारी नंबर पर कॉल कर मामले की जानकारी दी. कुछ देर बाद ही एक महिला शक्ति पुलिस की गाड़ी उनके घर आई. उन्होने सोचा कि पुलिस की गाड़ी आई. उस समय वह और उनका बेटा घर के गेट के आगे खड़े थे. उस सरकारी गाड़ी में डीएसपी गीतिका जाखड़, नायब तहसीलदार बलराम जाखड़ और उनके पिता सत्यवीर व अन्य पुलिसकर्मी उतरे. गाड़ी से उतरते ही सभी ने उन पर हमला कर दिया. शोर सुनकर उनके 88 वर्षीय पिता अमरचंद भी वहां पर आ गए. प्रकाशवीर के अनुसार हमलावरों ने उनके साथ भी धक्कामुक्की की जिससे उनको चोट आई है. डीसपी गीतिका जाखड़ ने उनकी गर्भवती पुत्रवधू को भी जान से मारने की धमकी दी व धक्का दिया. इसी दौरान उसके बेटे ने अग्रोहा पुलिस थाना प्रभारी को फोन पर मामले की सूचना दी तब अग्रोहा थाना प्रभारी ने आकर बीच बचाव किया. प्रकाशवीर जाखड़ ने अपनी शिकायत में बताया कि नायब तहसीलदार बलराम व डीएसपी फतेहाबाद गीतिका जाखड़ अपने पद व शक्तियों को गलत उपयोग कर रहे हैं. उन पर हमला कर झूठी रिपोर्ट दर्ज करवाई है. इस संबध में दूसरे पक्ष ने पूरे मामले की सीसीटीवी फुटेज आदि अग्रोहा पुलिस को दी है. डीएसपी के भाई ने भी पुलिस को दी शिकायत वहीं गीतिका जाखड़ के भाई नायब तहसीलदार बलराम जाखड़ ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसका गांव में पैतृक मकान है जो उसके पिता के हिस्से में है. उसमें नरमा डालने के लिए गया तो उसके चाचा प्रकाशवीर ने सीमेंट व अन्य सामान डाल रखा था. उसने जब अपने मजदूर को उनके घर सामान हटाने के लिए भेजा तो चाचा प्रकाशवीर ने उसके मजदूर को भगा दिया और उसके साथ अपने पैतृक मकान में घुसकर मारपीट करने लगा और थप्पड़ व मुक्के मारे और उसके बाएं हाथ पर काट खाया. वह बहुत मुश्किल से वहां से निकला तो वह उसे जान से मारने के लिए आरोपित पीछे लठ लेकर भागा और उसने वहां से भागकर जान बचाई. गीतिका जाखड़ ने कही ये बात इसके बाद उसने अग्रोहा पुलिस व अपने पिता को कॉल करके उसको बचाने के लिए कहा. जब उसके पिता व उसकी बहन वहां उन्हें समझाने के लिए पहुंचे तो प्रकाशवीर, धर्म वीर, सविता, निशा, प्रीति ने उसकी बहन व मेरे पिता के साथ मारपीट की और उसकी बहन को गंदी-गंदी गालियां दी. डीएसपी गीतिका जाखड़ फोन पर बोली भाई के साथ मारपीट की गई, इसलिए समझाने गई थी इस घटना के बारे में डीएसपी गीतिका जाखड़ ने बताया कि उनके चाचा ने उनके मकान पर कब्जा किया हुआ है. Post navigation आओ अपने अंदर के कृष्ण को जगायें लाठीचार्ज और किसान आंदोलन