कहा- अन्नदाता पर लाठियां बरसाना अलोकतांत्रिक और अमानवीय • लोकतंत्र में सभी को अपना विरोध दर्ज करने का संवैधानिक हक- हुड्डा• लाठी-गोली से नहीं, लोगों का दिल जीतकर चलती है सरकार- हुड्डा 28 अगस्त, चंडीगढ़ः पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने करनाल के बसताड़ा टोल प्लाजा पर किसानों के खिलाफ हुए लाठीचार्ज की कड़े शब्दों में निंदा की है। हुड्डा ने कहा कि किसान बीजेपी के कार्यक्रम से लगभग 15 किलोमीटर दूर अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। बावजूद इसके पुलिस ने वहां जाकर उनपर लाठियां बरसाई। यह कार्रवाई सरकार के मंसूबों को जगजाहिर करती है। ऐसा लगता है कि सरकार पहले ही किसानों को लहुलुहान करने का मन बना चुकी थी। इस पूरे घटनाक्रम की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। हुड्डा का कहना है कि अन्नदाता का खून बहाना बीजेपी-जेजेपी सरकार की आदत बन चुकी है। पहले सरकार जानबूझकर टकराव के हालात पैदा करती है और फिर अलोकतांत्रिक, अमानवीय, तानाशाही और क्रूर तरीके से किसानों पर कभी वॉटर कैनल, कभी आंसू गैस तो कभी लाठी-डंडों से हमला कर देती है। यह पहला मौका नहीं है जब सरकारी लाठियों से किसान लहुलुहान हुए हों। इससे पहले भी पीपली, कुंडली, पलवल, हिसार, रोहतक, पंचकूला और सिरसा समेत पूरे हरियाणा में सरकार ने अन्नदाता का खून बहाया है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार लोकतंत्र को लठतंत्र बनाने की कोशिश ना करे। लोकतंत्र में लाठी-डंडों के दम पर नहीं, सरकारें लोगों का दिल जीतकर चलाई जाती हैं। सरकार को जनता के साथ टकराव नहीं, संवाद का रास्ता अपनाना चाहिए। अगर गठबंधन सरकार किसानों का कुछ भला करना और आंदोलन को खत्म करवाना चाहती है तो उसे केंद्र सरकार से बात करनी चाहिए। ताकि किसानों के साथ फिर से बातचीत शुरू हो। सरकार को किसानों की मांगें मानते हुए आंदोलन का सकारात्मक समाधान निकालना चाहिए। लोकतांत्रिक आंदोलन को सरकारी डंडे के दम पर कुचलने की कोशिश निहायत ही निंदनीय है। Post navigation किसानों पर लाठीचार्ज करना बेहद निंदनीय और कायरतापूर्ण भरा कदम: अभय सिंह चौटाला किसानों से जनरल डायर जैसा व्यवहार कर रही खट्टर सरकार : रणदीप सिंह सुरजेवाला