कोरोना संक्रमण के चलते अगले कुछ दिनों तक ऐसे सभी पर्व अपने घरों में ही मनाए और भीड़ एकत्रित न करें- स्वास्थ्य मंत्री कोरोना संक्रमण से बचने के लिए लोगों को स्वयं आगे आना होगा- अनिल विज आज यहां पीजीआई, चंडीगढ़ से ही प्रधानमंत्री के स्वास्थ्य से संबंधित सलाहकार व नीति आयोग के सदस्य श्री वी. के. पॉल के साथ हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम बातचीत की । श्री वी के पाल स्वथ्य विभाग के अधिकारियों, सिविल सर्जन व मेडिकल collges के साथ वीडियो कांफ्रेंस कर रहे थे राज्य व केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित किए गए प्रोटोकॉल को अपनाना होगा- स्वास्थ्य मंत्री हरियाणा ने कोरोना संक्रमण की पिछली दो लहरों के दौरान अच्छा कार्य किया-विज चंडीगढ़, 27 अगस्त – हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री श्री अनिल विज ने प्रदेशवासियों से अपील करते हुए कहा है कि आने वाले दिनों में त्योहारों का सीजन आने वाला है और इसी के दृष्टिगत सभी त्योहार अपने घरों में ही मनाएं और भीड़ को इकट्ठा ना होने दें। उन्होंने लोगों से आग्रह करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण के चलते अगले कुछ दिनों तक ऐसे सभी पर्व अपने घरों में ही मनाए और भीड़ एकत्रित न करें। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए राज्य के लोगों को स्वयं आगे आकर राज्य व केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित किए गए प्रोटोकॉल को अपनाना होगा तभी हम इस अदृश्य दुश्मन का सामना कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यदि हम इन प्रोटोकॉल जैसे कि मास्क लगाना, सोशल डिस्टनसिंग व हाथों की सफाई इत्यादि का अनुसरण करेंगे तो कोरोना संक्रमण से बच पाएंगे। श्री विज ने यह जानकारी आज यहां पीजीआई, चंडीगढ़ से ही प्रधानमंत्री के स्वास्थ्य से संबंधित सलाहकार व नीति आयोग के सदस्य श्री वी. के. पॉल के साथ हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बातचीत के दौरान कही। उन्होंने श्री वी. के. पॉल को बताया कि केंद्र द्वारा जो भी निर्देश या दिशानिर्देश हरियाणा को दिए जाएंगे, उसे पूरी तरह से लागू करवाया जाएगा स्वास्थ्य मंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अवगत करवाया कि हमने कोरोना संक्रमण की पिछली दो लहरों के दौरान अच्छा कार्य किया है और दूसरी लहर में हमें ऑक्सीजन की कुछ दिक्कत आई थी, उसी का निदान करने के लिए हम लगातार काम कर रहे हैं और इसी कड़ी में हरियाणा को 40 पीएसए प्लांट पीएम केयर्स फंड से मिले हैं जिसे बड़ी ही तेजी से लगवाया जा रहा है। इसके अलावा, 139 पीएसए प्लांट राज्य सरकार द्वारा सरकारी अस्पतालों में स्थापित किए जाने की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने बताया कि इन प्लांटस को 50 बिस्तर या इससे ऊपर के अस्पतालों में लगाने के आदेश कर दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त निजी अस्पतालों को भी कहा गया है कि वे अपने यहां ऑक्सीजन के प्लांट लगाएं अन्यथा उनकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री ने अवगत कराया कि थाईलैंड सरकार ने भी अपने वहां पर करोड़ों संक्रमण को रोकने के लिए हरियाणा से मदद मांगी है जिसके तहत हाल ही में थाईलैंड सरकार के अधिकारियों व मंत्रियों के एक समूह ने हरियाणा सरकार के स्वास्थ्य मंत्री और अधिकारियों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की जिसमें हरियाणा सरकार द्वारा अपनाए गए प्रोटोकॉल की जानकारी दी गई। श्री विज ने बताया कि कोविड-19 संक्रमण की स्थिति से निपटने के लिए, हरियाणा सरकार ने एक अनुभवी दृष्टिकोण अपनाया और पहली तथा दूसरी लहरों के दौरान त्वरित कदम भी उठाए , जिसके परिणामस्वरूप राज्य में कोविड मामलों में तेजी से गिरावट भी देखी गयी। इसके अलावा, संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए भी तैयारी की जा रही है। उन्होंने बताया कि पहला मामला सामने आने से पहले ही 9 मार्च, 2020 को कोविड-19 की रोकथाम के लिए की गई विभिन्न गतिविधियाँ के तहत बुनियादी आवश्यकताओं को देखते हुए कोविड संक्रमण की निगरानी के लिए राज्य और जिला स्तर पर निगरानी हेतु कॉल सेंटर प्रबंधन, मानव संसाधन प्रबंधन, प्रशिक्षण और जागरूकता, सामग्री प्रबंधन आदि जैसी विभिन्न गतिविधियों को संभालने के लिए विभिन्न समितियों और टीमों के गठन जैसे कई कदम उठाए गये, जबकि पहला मामला 17 मार्च, 2020 को सामने आया था। इसी तरह, इस साल दूसरी लहर के दौरान, अचानक कोविड-19 मामलों में तेजी आई और ऑक्सीजन की मांग को पूरा करना मुख्य चिंता बनी। ऑक्सीजन वितरण की निगरानी के लिए राज्य स्तरीय समिति यानि राज्य मुख्यालय में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया और विभिन्न विभागों के वरिष्ठ प्रशासनिक सचिवो की ड्यूटी ऑक्सिजन वितरण को सही से करने के लिए लगाई गई। उठाए गए प्रमुख कदमों के बारे में जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्री श्री अनिल विज ने बताया कि जिला और राज्य दोनों स्तरों पर प्रत्येक स्वास्थ्य सुविधा की ऑक्सीजन की मांग का आकलन करने और ऑक्सीजन का सही वितरण करने के लिए जिले के साथ-साथ राज्य स्तर पर ऑक्सीजन ऑडिट कमेटी का गठन किया गया। उन्होंने बताया कि इस संकट से निपटने के लिए राज्य की पूरी मशीनरी तेज़ी से हरकत में आई। इंजीनियरिंग विभाग द्वारा अस्पतालों में कोविड बेड पर गैस पाइपलाइनों के विस्तार में तेजी लाई गई, कॉल सेंटर और ऑक्सीजन हेल्पलाइन नंबर जनता को वितरित किए गए, अन्य विभागों के अधिकारियों को दूर के संयंत्रों से ऑक्सीजन की आपूर्ति की निगरानी के लिए हरियाणा के बाहर प्रतिनियुक्त किया गया। वास्तव में, नागरिक उड्डयन विभाग ने ऑक्सीजन टैंकरों को दूर-दराज के क्षेत्रों से हरियाणा के क्षेत्रों में ऑक्सीजन की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने में काफी मदद की। उन्होंने बताया कि तर्कसंगत वितरण के लिए ऑक्सीजन सिलिंडर के वितरण पर कड़ी नजर रखी गई और ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर और ऑक्सीजन सिलेंडर की खरीद पर भी जोर दिया गया। उन्होंने बताया कि दोनों लहरों के दौरान विभिन्न चुनौतियों की पहचान की गई। पहली लहर के दौरान की चुनौतियाँ की बात करते हुए उन्होंने बताया कि कोविड प्रयोगशालाओं की स्थापना, मौजूदा मानव शक्ति को प्रशिक्षित करना, मौजूदा बुनियादी ढांचे को मजबूत करना, रसद, दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना, रोगियों के उपचार की निगरानी करना और संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करना और सबसे महत्वपूर्ण रूप से थके हुए और निराश स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों को प्रेरित करना शामिल था। जबकि दूसरी लहर के दौरान मामलों में अचानक वृद्धि हुई और सरकार ने विभिन्न प्राथमिक चुनौतियों का सामना किया जिनमें सभी को दवा और चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करना, सभी कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करना, सभी को ऑक्सीजन सपोर्टेड बिस्तर उपलब्ध कराना, उपचार की निगरानी करना और कोविड के प्रसार को रोकना, ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड के प्रसार को रोकना, टीकाकरण और आपातकालीन सेवाओं जैसी नियमित गतिविधियों को सुनिश्चित करना और टीकाकरण अभियान सुनिश्चित करना शामिल रहा। इस प्रकार, राज्य सरकार द्वारा समय पर उठाए गए प्रभावी कदमों से अत्यधिक संक्रामक वायरस के प्रसार को रोकने में मदद मिली। Post navigation दिशा कमेटी की बैठक में केन्द्र व हरियाणा सरकार की विभिन्न योजनाओं की विस्तार से समीक्षा की गई 25 सितंबर से धान और एक अक्टूबर से बाजरे की खरीद होगी शुरू – डिप्टी सीएम