चंडीगढ़, 24 अगस्त- हरियाणा के शिक्षा मंत्री श्री कंवर पाल ने कहा कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को प्रश्न-पत्र लीक होने की जानकारी मिलने पर ही भर्ती प्रक्रिया रद्द की जाती है। परीक्षा रद्द होने के अवसर बहुत कम होते हैं। आयोग ने लगभग 79 हजार उम्मीदवारों का सफलतापूर्वक चयन किया है और ऐसी केवल 5 घटनाएं हैं, जब परीक्षाओं को रद्द करना पड़ा।

शिक्षा मंत्री आज यहां हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब दे रहे थे।

उन्होंने बताया कि आयोग यह सुनिश्चित करता है कि रद्द की गई परीक्षाओं के अभ्यर्थियों को आर्थिक नुकसान न हो और उन्हें बिना फीस वसूले पुनः निर्धारित परीक्षाओं में भाग लेने की अनुमति दी जाती है।

श्री कंवर पाल ने बताया कि पुलिस विभाग में पुरूष सिपाहीे परीक्षा के संबंध में आयोग को 8.25 लाख आवेदन-पत्र प्राप्त हुए थे। लिखित परीक्षा के लिए लगभग 6.73 लाख अभ्यर्थियों ने एडमिट कार्ड डाउनलोड किए थे। इसके बाद 7 अगस्त, 2021 को परीक्षा के आयोजन के दौरान आयोग के संज्ञान में आया कि पेपर लीक हो गया है और आयोग ने भर्ती प्रक्रिया रद्द करने का फैसला लिया।

उन्होंने बताया कि प्रश्नपत्र लीक होने के संबंध में कुल 7 आपराधिक मामले दर्ज किए गए जिनमें से जिला कैथल में 2 मामले, फतेहाबाद व हिसार में एक-एक मामला और करनाल में तीन मामले दर्ज किए गए। पुलिस ने इस संबंध में 35 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है और पुलिस द्वारा मामले की पूरी जांच की जा रही है।

शिक्षा मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से ग्रुप-सी व डी के लिए साक्षात्कार खत्म किए हैं। अब केवल लिखित परीक्षा और कौशल के आधार पर ही मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है। भर्ती प्रक्रिया में और अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित करने के मकसद से सरकार ने कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट शुरू किया है। इस योजना के तहत कर्मचारी चयन आयोग द्वारा समान पात्रता परीक्षा आयोजित की जाएगी।

error: Content is protected !!