पेपर लीक मामले में विधानसभा में गरजे महम विधायक बलराज कुंडू

अपने कॉलिंग अटेन्शन मोशन पर चर्चा में कुंडू ने एच.एस.एस.सी. और सरकार पर उठाये गम्भीर सवाल

चंडीगढ़, 24 अगस्त : हरियाणा विधानसभा मानसून सत्र के तीसरे एवं अंतिम दिन सदन में आज पुलिस सिपाही भर्ती पेपर लीक मामले की गूंज रही। महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू एच.एस.एस.सी. पेपर लीक मामले पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव ( कॉलिंग अटेंशन मोशन ) लेकर आये जिसके साथ कुछ अन्य नेताओं के प्रस्ताव भी क्लब किये गए। एच.एस.एस.सी. की संदिग्ध कार्यशैली और सरकार पर कुंडू की ओर से उठाये गए गम्भीर सवालों पर चर्चा के दौरान सत्तापक्ष की ओर से शिक्षामंत्री कंवरपाल और मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सदन में जवाब दिए।

कॉलिंग अटेंशन मोशन पर बोलने की शुरुआत करते हुए बलराज कुंडू ने कहा कि 7 अगस्त को पेपर लीक होने के बाद उसे रद्द करने की यह कोई पहली घटना नहीं है बल्कि पहले भी 28 बार पेपर लीक हो चुके हैं और अब तो हरियाणा को पेपर लीक में नंबर वन का ख़िताब मिल चुका है। सिपाही भर्ती में बेतुके सवालों को लेकर भी देशभर में प्रदेश का मजाक उड़ाया गया।  जिस प्रकार के सवाल पूछे गए उनका कोई तुक नहीं था। हर बार जाँच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति होती है लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकलता। इन 5500 पदों के लिए 8 लाख 39 हजार के लगभग युवाओं से करोड़ों रूपये की आवेदन फीस वसूली गयी। लाखों बेटे-बेटियां महंगी फीस चुकाकर कोचिंग लेते हैं और फिर पेपर लीक जैसी घटनाएं उनकी सारी मेहनत पर पानी फेर देती हैं। इस कुव्यवस्था के माहौल में प्रदेश का युवा पूरी तरह हताश और निराश हो चुका है तो दूसरी तरफ सरकार पेपर लीक की घटनाओं को रोक पाने में पूरी तरह विफल रही है जिससे एच.एस.एस.सी. के वजूद पर भी गंभीर सवाल उठ रहे हैं।  सरकार इस पर सदन में जवाब दे और बताये कि कैसे इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाएगी ?

सदन में सरकार के जवाब से असंतुष्ठ नजर आये कुंडू ने एच.एस.एस.सी. तथा सरकार की कार्यशैली पर भी तीखे सवाल किये और कहा की 7 साल से आप सत्ता में हैं और पिछली सरकार के नाम की आड़ लेकर आप अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते। मैं सिर्फ सरकार को कर्टिसाइज करने के लिए यह मुद्दा नहीं उठा रहा हूँ बल्कि मेरी चिंता उन लाखों बेरोजगार युवाओं को लेकर है जो दिन-रात मेहनत करके तैयारी करते हैं और फिर पेपर लीक करके कोई अयोग्य बच्चा उनसे आगे निकलकर नौकरी ले जाता है। सोचो मेहनत करने वाले बच्चों के दिल पर क्या गुजरती होगी ? क्या यह बिना एच.एस.एस.सी. की मिलीभगत के सम्भव हो सकता है ? सवाल यह भी है कि ये पेपर लीक हरियाणा में ही क्यों होते आ रहे हैं यू.पी.एस.सी. समेत अन्य कई बड़ी परीक्षाओं में क्यों नहीं होते ? इसका मतलब यही है कि इस मामले में एच.एस.एस.सी. की मिलीभगत है। ऐसे में इसकी खामियों को पकड़ने के लिए निष्पक्ष जाँच करके बीमारी की जड़ तक पहुंचना जरूरी है ताकि सही ईलाज हो सके।

बलराज कुंडू ने इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार द्वारा लाये गए बिल पर भी अपने सुझाव दिए और कहा कि जल्दबाजी में कोई कानून बनाने की बजाय सरकार को सिस्टम की खामियों का पता लगाकर विस्तृत चर्चा करके ही कानून बनाना चाहिए।  उन्होंने एच.एस.एस.सी. द्वारा करवाए जाने वाले पेपर्स के पैटर्न पर भी अपने सुझाव दिए और विभिन्न परीक्षाओं के परिणामों में देरी होने के मामले पर भी सरकारी व्यवस्था पर करारी चोट की।

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