अंबाला में बनाया जा रहा ‘राष्ट्रीय शहीद स्मारक’

1857 की क्रांन्ति के अनसंग असंख्य योद्धाओं व सेनानियों को राष्ट्रीय और अन्तराष्ट्रीय स्तर पर देगा नई पहचान- गृह मंत्री
अंबाला में निर्माणाधीन शहीद स्मारक में आत्मा डालने का कार्य अब जल्द ही शुरू होगा- अनिल विज
यह शहीद स्मारक उच्च पैमानों को ध्यान में रख कर बनाया जा रहा है- विज
पर्यटन की दृष्टि से राष्ट्रीय स्तर का स्मारक अपनी अलग छाप छोड़ेगा, देश के मानचित्र पर यह आयेगा- अनिल विज

चंडीगढ़, 16 अगस्त- हरियाणा के गृह, शहरी स्थानीय निकाय एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि अंबाला में बनाया जा रहा ‘राष्ट्रीय शहीद स्मारक’ प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम 1857 की क्रांन्ति के अनसंग असंख्य योद्धाओं व सेनानियों को राष्ट्रीय और अन्तराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान देगा। उन्होंने कहा कि अंबाला में निर्माणाधीन शहीद स्मारक में आत्मा डालने का कार्य अब जल्द ही शुरू किया जाएगा अर्थात स्मारक के इंटीरियर का कार्य शीघ्र ही शुरू होगा।

श्री विज आज यहां अंबाला में बनाए जा रहे राष्ट्रीय शहीद स्मारक के संबंध में आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस बैठक में हरियाणा के मुख्य सचिव डा0 विजयवर्धन, लोक निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आलोक निगम, सूचना, जन सम्पर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डा0 अमित अग्रवाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

उन्होंने कहा कि करोडों रुपये की लागत से यह शहीद स्मारक उच्च पैमानों को ध्यान में रख कर बनाया जा रहा है और इस शहीद स्मारक के सिविल निर्माण का कार्य लगभग पूरा होने वाला है और आगामी मार्च व अप्रैल, 2022 तक इसका निर्माण कार्य शत- प्रतिशत पूरा कर लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर शहीद स्मारक का अलग ही विशेष महत्व होगा। यह शहीद स्मारक लोगों के लिए प्रेरक और प्रेरणादायक बनकर उभरेगा। इससे भावी पीढ़ी को नई सीख मिलेगी और शहीदों के साथ-साथ हमारी संस्कृति और सभ्यता के प्रति सार्थक सोच का उदय होगा।

श्री विज ने कहा कि हरियाणा के कुछ इतिहासकारों के अनुसार आजादी की पहली चिंगारी अम्बाला से फूटी थी, इसके तहत अनसंग वीरों की याद में 22 एकड़ में यहां पर राष्ट्रीय शहीदी स्मारक का निर्माण कार्य किया जा रहा है। वैसे तो इतिहास में यह अंकित है कि आजादी की पहली लड़ाई मेरठ से शुरू हुई थी लेकिन कुछ इतिहासकारों से सम्बन्धित दस्तावेज उपलब्ध है जिसमें यह अंकित है कि मेरठ से 10 घंटे पहले 1857 की क्रांति की चिंगारी अम्बाला से उठी थी।

गृहमंत्री ने इस अवसर पर यह भी बताया कि अब आर्ट वर्क के तहत कार्य किया जायेगा और तीन चरणों में यह कार्य किया जायेगा। पहले चरण के तहत अम्बाला में 1857 की क्रांति कब शुरू हुई थी, कहां से शुरू हुई थी, उसका इतिहास दिखाया जायेगा। दूसरे चरण में हरियाणा में 1857 की क्रांति कहां-कहां लड़ी गई, उसका वर्णन किया जायेगा और तीसरे चरण में हिन्दुस्तान में कहां-कहां आजादी की लड़ाई लड़ी गई, झांसी की रानी, बहादुरशाह जफर के साथ-साथ अन्य क्रांतिकारियों ने अपनी क्या-क्या भूमिका निभाई, उसका वर्णन किया जायेगा।

गृहमंत्री ने यह भी कहा कि पर्यटन की दृष्टि से राष्ट्रीय स्तर का स्मारक अपनी अलग छाप छोड़ेगा, देश के मानचित्र पर यह आयेगा। अम्बाला का गौरव बढ़ेगा, यहां से गुजरने वाले लोग इस स्मारक को देखे बिना नहीं जायेगे। अनसंग वीरों की अनेक गाथाएं यहां पर प्रदर्शित होंगी। यहां पर अनेकों ऐसे दृश्य होंगे जिसे देखकर लोग अचम्भित होंगे। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि शहीद स्मारक के प्रत्येक इंच जगह का इस्तेमाल किया जाना चाहिए ताकि आने वाले आंगतुकों को स्मारक आकृर्षित करने के साथ-साथ उन्हें भारत के गौरव इतिहास की याद दिलाने में भरपूर सहायक हो।

श्री विज ने अधिकारियों से कहा कि अंग्रेजी हुकुमत द्वारा किस प्रकार से भारतीय सैनिकों के साथ अपमानजनक व्यवहार किया जाता था यह भी स्मारक में इतिहास दर्शातें समय दिखाया जाए ताकि आजादी का मतलब हमारी आने वाली पीढ़ियां समझ सकें। इसके अलावा, उन वर्तमान भवनों को भी दर्शाया जाए जहंा पर आजादी की पहली चिंगारी फूटने के बाद विद्रोह हुए थे।

बैठक में गृह मंत्री को बताया गया कि दिल्ली-अमृतसर-चण्डीगढ़ से आने वाले यात्रियों को इतिहास से रूबरू करवाने के लिए इस स्मारक तक पहुंचने से पहले हाइवे पर विभिन्न चिन्हित स्थानों पर संकेत चिन्हों के माध्यम से सूचित करने के अलावा एफएम रेडियों का लिंक भी दिया जाएगा ताकि यात्रियों में स्मारक मंे जाने की उत्सुकता सृजित हो सके। इसके अलावा, बसों व रेलवे स्टेशनों पर भी शहीद स्मारक के संबंध में व्यापक प्रचार व प्रसार किया जाएगा।

इस मौके पर शहीद स्मारक से संबंधित तैयार की गई एक प्रस्तुति भी दिखाई गई।

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