एचएयू के कैंपस स्कूल में धूमधाम से मनाया स्वतंत्रता दिवस, नुक्कड़ नाटक के माध्यम से किया कुरीतियों पर कटाक्ष

हिसार :  16 अगस्त – शहीदों के सपनों का भारत तभी बन सकता है जब हम सब मिलकर प्रयास करेंगे। इसके लिए समाज में फैली कुरीतियों को खत्म करने व देश को विश्व गुरू बनाने के लिए सामूहिक रूप से कदम उठाने होंगे। ये विचार चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने कहे। वे विश्वविद्यालय के कैंपस स्कूल में स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। इससे पहले उन्होंने कैंपस स्कूल प्रांगण में अपनी धर्मपत्नी एवं विश्वविद्यालय की प्रथम महिला संतोष काम्बोज के साथ पौधारोपण भी किया।

कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर मुख्यातिथि ने तिरंगा झंडा फरहाया और रंग बिरंगे बैलुन हवा में छोडक़र शांति व एकता का संदेश दिया। इसके बाद राष्ट्रगान से कार्यक्रम की शुरूआत की गई। मुख्यातिथि ने कहा कि आजादी के बाद से देश ने चाहे वह प्रौद्योगिकी, अनुसंधान, खेल का मैदान हो, शिक्षा का क्षेत्र हो या फिर कोई अन्य क्षेत्र हर जगह प्रगति की है। हमें देश की आजादी में शहीदों के बलिदान को कभी नहीं भूलना चाहिए जिनकी बदौलत आज हम खुली हवा में स्वतंत्र रूप से सांस ले रहे हैं। स्वतंत्रता संग्राम में हरियाणा प्रदेश के लोगों का अमूल्य योगदान रहा है। वर्तमान में भी कृषि, खेल व रक्षा के क्षेत्र में हरियाणा का योगदान अतुलनीय है।

दो प्रतिशत के आस-पास की जनसंख्या वाले प्रदेश के खिलाडिय़ों ने टोक्यो ओलम्पिक में कुल सात में से एक स्वर्ण पदक सहित तीन कांस्य पदक अपने नाम किए हैं। साथ ही प्रदेश सरकार की ओर से अनेक कल्याणकारी योजनाएं शुरू करके प्रदेश के विकास का पहिया और अधिक तेज किया गया। देश के केंद्रीय खाद्यान भंडार में प्रदेश का अहम रोल है। किसानों की आमदनी बढ़ाने व फसलों के उत्पादन में बढ़ोतरी के लिए विश्वविद्यालय की ओर से निरंतर विभिन्न फसलों की उन्नत किस्मों व तकनीकों को विकसित किया जा रहा है जो किसानों के लिए बहुत ही लाभकारी साबित हो रही हैं।

कार्यक्रम में कैंपस स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा नुक्कड़ नाटक के माध्यम से समाज में व्याप्त कुरीतियों जैसे भू्रण हत्या, बाल मजदूरी, आतंकवाद आदि पर कटाक्ष किया गया। देशभक्ति से ओतप्रोत गीत, भाषण व कविता पाठ भी प्रस्तुत किए गए।

इस अवसर पर कुलपति के ओएसडी डॉ. अतुल ढींगड़ा, कुलसचिव डॉ. राजवीर सिंह, अनुसंधान निदेशक डॉ. एस.के. सहरावत, विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. रामनिवास ढांडा, कैंपस स्कूल की नियंत्रण अधिकारी डॉ. आशा क्वात्रा, छात्र कल्याण निदेशक डॉ. देवेंद्र सिंह दहिया, अधिष्ठाता डॉ. बिमला ढांडा, डॉ. अमरजीत कालड़ा, सह-अधिष्ठाता डॉ. एस.के. पाहुजा, प्रिंसीपल सोमा शेखरा सरमा धुलिपाला सहित विश्वविद्यालय के सभी विभागों के इंचार्ज व कैंपस स्कूल के विद्यार्थी और स्टाफ सदस्य मौजूद थे।

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