रेवाड़ी, 14 अगस्त 2021 – एक सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता के नाते स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्र्रकाश विद्रोही ने कहा कि उनका आंकलन है कि अहीरवाल दक्षिणी हरियाणा में भाजपा केन्द्रीय राज्यमंत्री राव इन्द्रजीत सिंह की छाया से निकलकर इस क्षेत्र में संघी पृष्ठभूमि का नेतृत्व तैयार करने व उसी अनुसार जनता में पैठ बनाने की रणनीति के तहत काम कर रही है। विद्रोही ने कहा कि इसी कडी में भाजपा ने मोदी केबिनेट में जमालपुर गुरूग्राम निवासी राज्यसभा सदस्य भूपेन्द्र यादव को केबिनेट मंत्री बनाया है जबकि अभी तक अहीरवाल के एकक्षत्र नेता रहे व पांच बार के निर्वाचित लोकसभा सदस्य राव इन्द्रजीत सिंह को राज्यमंत्री पद ही बरकरार रखा है। मोदी केबिनेट को यह फेरबदल साफ संकेत था कि भाजपा अहीरवाल में अपनी पैठ बनाने राव इन्द्रजीत सिंह का जितना प्रयोग कर चुकी थी, वह कर चुकी है और अब वह राव इन्द्रजीत सिंह को दरकिनार करके मूल संघी पृष्ठभूमि का नेतृत्व अहीरवाल में स्थापित करना चाहती है। 

विद्रोही ने कहा कि सत्ता बल पर मीडिया में भाजपा जो चाहे प्रचार करे, कटु सत्य यही है कि भूपेन्द्र यादव का राजस्थान से मात्र सम्बन्ध यही है कि उनके पिता अजमेर में रेलवे कर्मचारी के रूप में तैनात थे, इसलिए उनकी पढ़ाई व बचपन अजमेर में बीता है। पढ़ाई पूरी करने के बाद भूपेन्द्र यादव ने अपनी वकालत व राजनीति कार्य गुरूग्राम से ही शुरू किया और गुरूग्राम वे ही वे दिल्ली गए और दिल्ली को ही अपना स्थाई निवास बनाया। जमीनी धरातल पर युवा अवस्था जो छोडक़र भूपेन्द्र यादव राजस्थान की राजनीति से मात्र इतना सम्बन्ध है कि वे संघ की कृपा से वहां से दो बार राज्यसभा सदस्य निर्वाचित होते आ रहे है। भूपेन्द्र यादव पहले भी अहीरवाल के मूल निवासी थे और आज भी यहीं के निवासी है। गुरूग्राम से राजनीति में सक्रियता प्रारंभ से ही करने वाले भूपेन्द्र यादव को भाजपा अब अहीरवाल में राव इन्द्रजीत सिंह के विकल्प के रूप में तैयार कर रही है। 

विद्रोही ने कहा कि इसी कड़ी में 17 अगस्त की भूपेन्द्र यादव की अहीरवाल की कथित जन आशीर्वाद यात्रा को सत्ता बल पर महिमामंडित करके यह जताया जा रहा है कि भूपेन्द्र यादव की राजनीतिक हैसियत राव इन्द्रजीत सिंह से कहीं बड़ी है। मेरा निजी आंकलन है कि इस घटनाक्रम से अहीरवाल व यहां की राजनीति में बड़ा उल्टफेर हेाना तय है। इस क्षेत्र में भाजपा की जड़े जमेगी या भाजपा के फिर से सफाये की शुरूआत होगी, यह देखना है।

विद्रोही ने कहा कि यह निश्चित है कि भाजपा में रहकर राव इन्द्रजीत सिंह अपनी बेटी आरती राव को अहीरवाल में बड़ी नेत्री स्थापित नही कर सकते। अपनी पुत्री को अहीरवाल की भावी नेत्री के रूप में देखने को लालायित राव इन्द्रजीत सिंह कब तक भाजपा की पालकी ढोते रहेंगे, यह कहना मुश्किल है। ऐसे में अहीरवाल की राजनीति में देर-सवेर विस्फोट होना तय है। 

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