– प्रोजेक्ट लटकाने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर चार्जशीट के दिए आदेश

– उपमुख्यमंत्री ने एचएसआईआईडीसी के 14 प्रोजेक्ट्स की समीक्षा की

चंडीगढ़, 13 अगस्त। हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने पीडब्ल्यूडी विभाग के बाद आज एचएसआईआईडीसी के प्रोजेक्ट्स को पूरा करने में देरी करने वाले अधिकारियों को आड़े हाथों लिया और पंचकूला के एक प्रोजेक्ट को सात साल से लटकाने के मामले में जिम्मेदार सभी अधिकारियों को चार्जशीट करने के आदेश दिए। यही नहीं प्रोजेक्ट का ठेका लेने वाली कंपनी के खिलाफ भी कड़ा संज्ञान लेने को कहा। उपमुख्यमंत्री ने शुक्रवार को एचएसआईआईडीसी के 10 करोड़ से अधिक कीमत के प्रदेश में चल रहे 14 प्रोजेक्ट के कार्यों की सिलसिलेवार रिपोर्ट तलब की। उन्होंने न केवल प्रोजेक्ट की निगरानी करने वाले अधिकारी से देरी का कारण पूछा बल्कि निर्माण कंपनियों को भी तलब किया। डिप्टी सीएम ने कड़े शब्दों में कहा कि यदि कोई प्रोजेक्ट स्वीकृत होने के बाद समय पर पूरा नहीं होता तो इसके लिए अधिकारी सीधे रूप से जिम्मेवार हैं। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अधिकारी बहानेबाजी की आदत से बाज आएं ताकि सरकार की ओर से जारी धनराशि समय पर खर्च होकर प्रोजेक्ट पूरा हो सके और प्रदेश में आधारभूत ढांचे के विकास की गति को बल मिले।

दुष्यंत चौटाला ने पंचकूला जिला के बरवाला में ‘मैसर्स ब्रिज गोपाल कन्सट्रक्सन कंपनी प्राइवेट लिमिटेड’ द्वारा लिए गए रोड-प्रोजेक्ट का स्टेट्स जाना तो पता चला कि इसका निर्माण कार्य 5 सितंबर 2014 को शुरू हुआ था। इस 154 करोड़ रूपए से अधिक लागत के प्रोजेक्ट को 18 माह में पूरा किया जाना था, लेकिन करीब सात साल के बाद भी इसका केवल 68 प्रतिशत कार्य ही पूरा हो पाया है। आज बैठक में जब कोई भी अधिकारी इस कार्य में देरी के लिए संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया तो डिप्टी सीएम ने संबंधित अधिकारियों को चार्जशीट दर्ज करने के आदेश दे दिए। उन्होंने बैठक में ठेका लेने वाली कंपनी के न पहुंचने पर भी खासी नाराजगी जताई और देरी के लिए लिखित में कारण देने को अधिकारियों को कहा।

उपमुख्यमंत्री ने सोनीपत जिला के नाथुपर औद्योगिक क्षेत्र में सड़क व वाटर-ड्रेनेज प्रोजेक्ट को तीन वर्ष तक पूरा न करने बारे अधिकारियों व कंपनी से तल्खी भरे लहजे में पूछा कि 6 माह का काम 3 वर्ष में भी क्यों नहीं पूरा हो पाया। उन्होंने निर्धारित समय में पूरा न होने वाले सभी प्रोजेक्टस की नई समय-सीमा तय करते हुए कहा कि अगर अब भी प्रोजेक्टस पूरे नहीं हुए तो निर्माण कंपनियों पर पैनल्टी लगाई जाएगी।

ठेकेदारों को मिलेगी समय पर पेमेंट

समीक्षा बैठक में जब कुछ ठेकेदारों ने पेमेंट में देरी होने की शिकायत की तो डिप्टी सीएम ने कड़ा संज्ञान लेते हुए एचएसआईआईडीसी विभाग के अधिकारियों को आदेश दिए कि भविष्य में कार्य से संबंधित पेमेंट के बिल आने पर भुगतान में देरी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए चाहे विभाग को ऑनलाइन बिल का भुगतान करवाने की प्रक्रिया के लिए टेबलेट खरीदने पड़े।

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