केन्द्र सरकार द्वारा लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन करने के विरोध में हुआ प्रदर्शन

रमेश गोयत

पंचकूला। बढ़ती महंगाई के खिलाफ पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन व कालका से कांग्रेस विधायक प्रदीप चौधरी के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओ ने राष्टÑपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री पण्डित जवाहरलाल नेहरू के वर्ष 1942 में अगस्त क्रांति के जज्बे को सलाम करने और केन्द्र सरकार द्वारा लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन करने के विरोध में प्रदर्शन का आयोजन किया। इसी दिन रोष मार्च द्वारा भाजपा सरकार के तानाशाही रवैये, कृषि विरोधी तीन काले कानून थोपने, बढती मंहगाई व बेरोजगारी, पेट्रोल/डीजल की आसमान छूती कीमतों, अभिव्यक्ति की आजादी छीनने तथा पेगासस द्वारा जासूसी करके राष्टÑहित से खिलवाड़ करने जैसे कारनामों से भी आमजन को अवगत करवाते हुए भाजपा सरकार से इस्तीफे की मांग भी की गई।

चन्द्रमोहन ने कहा कि आज का दिन हमारे लिए गौरव का दिन है क्योंकि 9 अगस्त 1942 को स्वतन्त्रता सेनानी और कालका में जन्मी अरुणा आसफ अली ने बॉम्बे के गोवालिया टांक मैदान में कांग्रेस पार्टी द्वारा भारत छोड़ो आंदोलन सेशन के पास होने के बाद झंडा फेराया था। चन्द्रमोहन ने कहा कि भारतीय राष्टÑीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत देश के विपक्षी नेताओं, सम्मानित न्यायधीशों, पत्रकारों तथा संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों की मोदी सरकार द्वारा जासूसी करवा कर राष्टÑीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया गया है। स्पाईवेयर पेगासस का प्रयोग 2019 के लोक सभा चुनावों में सैल फोनों को हैक करने तथा चुनी हुई सरकारों को गिराने के लिए किया गया था। उन्होंने बताया कि पेगासस स्पाइवेयर और सभी एनएसओ उत्पाद विशेष रूप से केवल सरकार को बेचे जाते हैं, इसलिए यह स्पष्ट है कि भारत सरकार और इसकी एजेंसियों ने विपक्षी नेताओं, पत्रकारों, वकीलों और एक्टिविस्टजÞ के फोन हैक करने के लिए यह स्पाइवेयर खरीदा था।

प्रदीप चौधरी ने कहा कि कांग्रेस शासन काल के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भाजपा को आर्थिक मोर्चे पर एक सुदृढ़ सरकार सौपी थी, लेकिन भाजपा सरकार की अकर्मण्यता और दूरदर्शी सोच के अभाव में देश की जीडीपी रसातल में चली गई और एक समय तो देश की जीडीपी- 23 तक चली गई थी।

चन्द्रमोहन ने कहा कि देश के इतिहास में आज का दिन अपने गर्भ में एक स्वर्ण इतिहास छिपाए हुए है। जब तक देश का इतिहास रहेगा यह दिन 1942 की अगस्त क्रांति के रूप में देश प्रेम और कुर्बानी के जज्बे को सलाम करता रहेगा। 8 अगस्त 1942 को बम्बई में हुए कांग्रेस के अधिवेशन में राष्टÑपिता महात्मा गांधी और पंडित जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में अंग्रेजों के खिलाफ भारत छोड़ो का नारा बुलंद किया गया और भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत की गई थी।

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