भारत ने एक स्वर्ण, दो सिल्वर, वे 4 कांस्य पदक सहित कुल सात पदक जीते 8 अगस्त 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने टाकियो ओलम्पिक खेल में हरियाणा के जिला पानीपत के खांडर गांव निवासी नीरज चोपड़ा के भारतीय ओलम्पिक इतिहास के 125 वर्षो में एथलीट गेम जैवलिन में पहला गोल्ड मैडल जीतने का इतिहास रचने पर उन्हे हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं देते हुए कहा कि नीरज चोपड़ा ने ना केवल भारत को एथलीट में ओलम्पिक गोल्ड मैडल दिलाने का सम्मान दिलाया है अपितु हरियाणा के इस भाला फेंक बेटे ने पूरी दुनिया में हरियाणा व भारत के लठ्ठ गाड़ दिये। विद्रोही ने कहा कि टोकियो ओलम्पिक खेलों में भारत ने एक स्वर्ण, दो सिल्वर, वे 4 कांस्य पदक सहित कुल सात पदक जीते है जिनमें हरियाणा के खिलाडियों के तीन पदक शामिल है। नीरज चोपडा का जैवलिन थ्रो में स्वर्ण, रविन्द्र कुमार दहिया का कुश्ती में सिल्वर व बजरंग पुनिया का कुश्ती में ही कांस्य पदक शामिल है। इस तरह देश में हरियाणा इकलौता प्रदेश है जिसके खिलाडियों ने ओलम्पिक खेलों में गोल्ड, सिल्वर व कांस्य पदक पाने का गौरव प्राप्त कर किया है। यह प्रदेश के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है जिस पर जितना गर्व किया जाये, वह कम है। विद्रोही ने कहा कि भारत दुनिया की सातवीं बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देशों में एक है। वहीं आबादी के हिसाब से चीन के बाद 140 करोड़ आबादी के साथ भारत दुनिया का दूसरा बड़ी आबादी का देश है। 140 करोड़े आबादी वाले भारत ने टोकियो ओलम्पिक खेलों में मात्र 7 पदक जीते है जो हमारे लिए आत्मविश्लेषण का विषय है। हमे विचारना होगा कि क्या हम देश के खिलाडियों के लिए पर्याप्त खेल ढांचा व पैसा उपलब्ध करवा पा रहे है। जब से ओलम्पिक खेल प्रारंभ हुए है, तब से लेकर अब तक भारत ने केवल 10 स्वर्ण पदक जीते है जिनमें 8 हॉकी में व एक-एक स्वर्ण पदक शूटिंग व जैवलिन थ्रो में जीता है जो भारत की आबादी व विशालता के हिसाब से ऊंट के मुंह में जीरा के समान है। विद्रोही ने कहा कि टोकियो ओलम्पिक में सातों पदक जीतते ही प्रधानमंत्री व केन्द्रीय मंत्रीयों ने मीडिया के सामने बयान बहादुर बनकर इस तरह बयानबाजी की कि मानो उक्त मैडल मोदी सरकार की प्रदत खेल सुविधाओं के बल पर ही खिलाडियों ने पाये हो। बल्कि वास्तविकता उल्ट है। 2014 में केन्द्र में मोदी सरकार आने के बाद खेल बजट में लगातार कटौती की जा रही है। टोकियो ओलम्पिक सिर पर होने के बावजूद 2021 बजट में खेलों के बजट में 230.78 करोड़ रूपये की कटौती की गई जो बताता है कि मोदी सरकार खेलों के प्रति कितनी गंभीर है। विद्रोही ने कहा कि टोकियो ओलम्पिक से गोल्ड, सिल्वर व कांस्य पदक लाने वाले सभी किसान, मजदूरों के बेटे है जिन्होंने अपने परिवार व खुद की अथक मेहनत के बाद सात मैडल प्राप्त किये है। मोदी सरकार का खिलाडियों की मेहनत को अपनी बताकर बयान बहादुर बनना बेशर्मी व अनैतिकता की पराकाष्ठा है। Post navigation टोक्यो ओलंपिक में चमका हरियाणा, सात पदक हुए भारत के नाम गृह मंत्री अनिल विज ने अपने मन की बात की सांझा