लॉयर्स चैंबर निर्माण किस्त अदायगी के लिए 9 बार जारी किए गए नोटिस.
15 जनवरी 2020 से लेकर 26 फरवरी 2021 तक  भेजे गए हैैं यह नोटिस.
चेंबर के लिए आवेदन करने वालों द्वारा दूसरी तीसरी किस्त का भुगतान नहीं

फतह सिंह उजाला

पटौदी । जैसे-जैसे पटौदी के नए सब डिविजनल कोर्ट परिसर के बगल में निर्माणाधीन लॉयर्स चैंबर निर्माण का मुद्दा गरम हो रहा है । उसके साथ ही एक के बाद एक हैरान कर देने वाले तथ्य सामने आने लगे हैं । सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पटौदी लायर्स चेंबर का निर्माण सेल्फ फाइनेंस यानी कि अपने अपने खर्चे या फिर निर्माण में आने वाले खर्चे की हिस्सेदारी के भुगतान पर ही किया जा रहा है।

इस पूरे प्रकरण में बेहद महत्वपूर्ण दस्तावेज सबडिवीजन बार एसोसिएशन पटौदी के उपलब्ध हुए हैं। इन्हीं दस्तावेजों के मुताबिक 17 मार्च 2021 को सब डिवीजन बार एसोसिएशन पटौदी लॉयर्स चेंबर वेलफेयर कमेटी पटौदी के साथ ही सबडिवीजन बार एसोसिएशन पटौदी के द्वारा प्रस्ताव पारित करके 9 मार्च 2021 को दिए गए अंतिम समय तक चेंबर निर्माण के लिए अपने अपने हिस्से की रकम की अदायगी नहीं किया जाने पर 42 आवेदक एडवोकेट्स के लॉयर्स चैंबर आवेदनों को रद्द कर दिया गया। पटौदी बार एसोसिएशन के प्रधान विशाल सिंह चैहान और सचिव राजेश कुमार राव के हस्ताक्षरित सबडिवीजन बार एसोसिएशन पटौदी के आधिकारिक दस्तावेज के मुताबिक नए लायर चेंबर परिसर में चेंबर के लिए अपने अपने हिस्से की दूसरी और तीसरी किस्त की बकाया रकम का भुगतान करने के लिए अनुरोध पत्र, मांग पत्र, नोटिस के साथ-साथ कारण बताओ नोटिस भी बार एसोसिएशन पटौदी के व्हाट्सएप ग्रुप, आवेदकों के मोबाइल पर पर्सनल व्हाट्सएप संदेश, पटौदी कोर्ट परिसर में ही लाइब्रेरी में चस्पा नोटिस के अलावा रजिस्टर्ड डाक के द्वारा भी नोटिस भेजे गए हैं । लेकिन चेंबर आवेदकों के द्वारा इस प्रकार से भेजे गए तमाम नोटिस को बिल्कुल भी गंभीरता से नहीं ले कर कथित रूप से नजरअंदाज कर दिया गया ।

इसके बाद में पटौदी बार एसोसिएशन द्वारा गठित विशेष कमेटी के द्वारा सुझाए गए प्रस्ताव पर 8 मार्च 2021 तक शाम 5 बजे तक का बकाया रकम भुगतान करने के लिए अंतिम मौका दिया गया । इसके बाद में विशेष कमेटी के द्वारा कहा गया कि जिन भी आवेदकों के द्वारा बकाया किस्त की अदायगी नहीं की गई है या फिर कथित रूप से अनदेखी की जा रही है या अपनी बुरी नीयत से असफल रहे हैं । ऐसे सभी 42 आवेदकों के लायर्स चैंबर आवेदन को कैंसिल करने की कमेटी ने अपना अंतिम निर्णायक फैसला सुनाते हुए फैंसला कर दिया।

जिन 42 एडवोकेट के चेंबर आवेदनों को कैंसिल किया गया है उनमें से पांच महिला एडवोकेट तथा अन्य पुरुष एडवोकेट शामिल है । एडवोकेट के आवेदन रद्द किए गए वह मूल रूप से पटौदी और फर्रुखनगर क्षेत्र के गांव क्रमशः मऊ ,बोहड़ाकला , फरुखनगर, घाोषगढ़ , बोहड़ाकला ढ़ानी खेमू वाली, जाटोली, छिल्लरकी , खलीलपुर , जोड़ी कला, लोकरा, डाबोदा, खंडेवला, हेलीमंडी , टोडापुर जोनियावास , पाटोदी,  सफेदार नगर, हकदार पुर , गांव कलवारी मेवात, बलेवा, हेलीमंडी, खोड, जट्ट शाहपुर , पातली , महचाना ,घोेषगढ़ , रणसीका , मुबारकपुर , खेंटावास व अन्य गांव के निवासी बताए गए हैं ।

धमकी के लहजे जैसा भेजा नोटिस
हाल ही में पटौदी बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट विशाल चैहान के द्वारा निर्माणाधीन लायर्स चेंबर के मामले को लेकर इसके निर्माण कार्य में आ रही तमाम बाधाओ और पक्षों को मीडिया के माध्यम से सामने रखा गया है । उसके बाद से कथित धमकी जैसी शब्दावली वाली भाषा में नोटिस भी मीडिया कर्मियों को भेजने का सिलसिला आरंभ कर दिया गया है । नोटिस भेजने वाले एडवोकेट पत्रकारों से सबूत मांग रहे कि जो कुछ भी सार्वजनिक किया जा रहा है , उसके क्या सबूत हैं ? हैरानी इस बात की है कि जिन भी एडवोकेट के द्वारा इस प्रकार के कथित धमकी के शब्दावली वाले नोटिस भेजे जा रहे हैं , उन नोटिस पर एडवोकेट के द्वारा अपना गुरुग्राम कोर्ट और पटौदी कोर्ट का डबल एड्रेस लिखा हुआ है । लेकिन संबंधित एडवोकेट गुरुग्राम या फिर पटौदी बार एसोसिएशन के स्थाई सदस्य हैं और ना ही बार एसोसिएशन के द्वारा दिया गया या फिर अपना पंजीकरण नंबर भी इस प्रकार के नोटिस पर नहीं लिखा गया है । एडवोकेट इस प्रकार की जानकारी को क्यों छिपा रहे है यह भी एक जिज्ञासा का विषय बन गया है ।

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