चण्डीगढ़, 6 अगस्त – हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने सामाजिक संस्थाओं का आह्वान किया है कि वे सरकार के कार्यक्रर्मों से जुड़कर बुजुर्गों, युवाओं, महिलाओं व स्कूली बच्चों के लिए ‘तनाव प्रबन्धन’ केे कार्यक्रम आयोजित करें ताकि समाज में आत्महत्या के बढ़ते मामलों को कम किया जा सके। श्री दत्तात्रेय आज यहां राजभवन में ‘‘आत्महत्या की रोकथाम व जागरूकता’’ विषय पर आयोजित वेबिनार में बोल रहे थे। यह कार्यक्रम आन्ध्र प्रदेश की संस्था स्पन्दना ईडा इंटरनेशनल फाउन्डेशन द्वारा आयोजित किया गया। उन्होंने इस संस्था के संस्थापक डा. ईडा सेम्यूल रेड्डी की प्रशंसा करते हुए कहा कि मात्र 19 महीनों में संस्था के माध्यम से 100 लोगों की जान बचाई गई है। उन्होंने कहा कि डा. सेम्यूल रेड्डी, जिनकी एम.बी.ए बेटी ने आत्महत्या कर ली थी, ने इसी को ध्यान में रखते हुए ‘‘स्पन्दना ईडा इंटरनेशनल फाउन्डेशन’’ का गठन कर आत्महत्या रोकथाम व जागरूकता अभियान चलाया है। श्री दत्तात्रेय ने कहा कि बढ़ते भौतिकवाद, घरेलू झगड़ों, दहेज समस्या, आर्थिक समस्या, स्वास्थ्य कारणों व नशे के प्रचलन से समाज में आत्महत्या की समस्या विकराल रूप लेती जा रही है। यह भी समझने की जरूरत है कि आत्महत्या जैसी समस्या जैविक, मनोवैज्ञानिक, सामाजिक और पर्यावरणीय कारणों से भी बढ़ी है। उन्होंने चिंता जताई कि पूरी दुनिया में होने वाली आत्महत्या की घटनाओं में से 50 प्रतिशत मामले चीन और भारत के हैं। भारत में एक लाख लोगों के पीछे 10.5 लोग आत्महत्या कर रहे हैं। यह चिन्ताजनक होने के साथ-साथ मंथन का विषय भी है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में विश्वभर में मृत्यु का दसवां बड़ा कारण आत्महत्या है। श्री दत्तात्रेय ने अपने सम्बोधन में आगे कहा कि संतुलित जीवन के लिए योग, शारीरिक व्यायाम, सामाजिक संवाद से परिवारों का हौसला बढ़ाने जैसे कार्यक्रम शुरू किए जाने की जरूरत है, जिससे समाज से आत्महत्या के कारणों को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि विशेषकर युवाओं, स्कूली बच्चों के लिए विंटर एक्टीविटी कार्यक्रम, खेल कार्यक्रम व जागरूकता अभियान चलाकर बच्चों के मनोबल को बढ़ाया जा सकता है। राज्यपाल श्री दत्तात्रेय ने कहा कि देश में ‘‘फिट इंडिया’’ अभियान की शुरूआत की गई है जिसके तहत अनेक प्रकार के स्वास्थ्यवर्धक, मानसिक मनोबल बढ़ाने से जुड़े कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसके साथ-साथ सरकार द्वारा आत्महत्या की घटनाओं को रोकने के लिए हैल्प लाईन की सुविधा शुरू की गई है। इसी प्रकार से राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य नीति भी देश में शुरू की गई है। केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा नशे से प्रभावित लोगों के लिए देश के विभिन्न शहरों में पुनर्वास व परामर्श केन्द्र स्थापित किए गए हैं। उन्होंने आमजन से अपील की कि सरकारी व गैर सरकारी, सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं से जुड़कर नशामुक्ति के साथ-साथ अन्य कार्यक्रम चलाएं, जिनसे समाज में होने वाली आत्महत्या की घटनाओं के कारणों का पता लगाकर इन घटनाओं पर काबू पाया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि लोग पवित्र पुस्तकों के साथ-साथ अच्छा साहित्य पढ़े, इससे मनुष्य के मन में सकारात्मकता बढ़ती हैं। उन्होंने पवित्र पुस्तकों में श्रीमद्भगवद गीता का भी जिक्र किया और कहा कि गीता पढ़ने से मनुष्य जीवन जीने की कला में पारंगत हो जाता है। Post navigation जेजेपी के संगठन में विस्तार, बीसी सेल में 45 पदाधिकारी किए नियुक्त ‘मुख्यमंत्री शिकायत निवारण व निगरानी प्रणाली’ (सीएम विंडो) और ‘सेवा का अधिकार आयोग’ साथ मिलकर करेंगे आमजन की समस्याओं का समाधान