कहा महापुरुषों की जयंती पर राजनीति करना अनुचितमहापुरुष और शहीद होते हैं सभी के मार्गदर्शक रमेश गोयत पंचकूला: हरियाणा वेयर हाउसिंग के चेयरमैन तथा पृथला से निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत ने महापुरुषों व शहीदों को जाति से जोड़ने को अनुचित बताते हुए कहा कि महापुरुष किसी एक जाति व विशेष वर्ग के के नहीं होते हैं बल्कि वे पूरे समाज के मार्गदर्शक होते है। इसलिए उनके जयंती समारोहों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उनके जयंती समारोहों को सभी वर्गों को आपस में मिलकर पूरे सद्भाव के साथ मनाना चाहिए ताकि उनके आदर्श व शिक्षाएं समाज को नई दिशा दिखा सके। चेयरमैन नयनपाल रावत ने 8 अगस्त को मेहरभोज कार्यक्रम के आयोजन पर केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर से बातचीत करने की बात कही। उन्होंने इस मामले को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के समक्ष भी रखा।उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि महाराजा अनंगपाल तोमर व राजा नाहर सिंह तोमर की जयंती समारोह को कुछ लोग जाति विशेष से जोड़कर कार्यक्रम करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि महापुरुष समाज को दिशा व दशा दिखाने वाले होते हैं। उनमें चाहे शहीद भगत सिंह, डॉ. बीआर अंबेडकर, संत कबीर दास, संत गुरु रविदास व अन्य संत व महापुरुष हों। सभी ने समाज को नई दिशा दिखाने का काम किया है। इसलिए इनके जयंती समारोह पर राजनीति करना पूरी तरह गलत है। महापुरुषों व संतों ने समाज सुधार व समाज में फैली कुरीतियों को समाप्त करने में काम किया है। इसलिए इनके जयंती समारोह को सभी वर्गों व जातियों के लोगों को मिलकर पूरे सद्भाव व सौहार्दपूर्ण तरीके से मनानी चाहिए, क्योंकि संतों व महापुरुषों ने एक वर्ग के लिए नहीं बल्कि पूरे समाज की दिशा व दशा बदलने का काम किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने महापुरुषों व संतों की जयंती को सरकारी तौर मनाने की जो नई परंपरा शुरू की है, उससे सभी संतों व महापुरुषों का न केवल सम्मान बढ़ा है बल्कि सरकार उन्हें पूरे श्रद्धाभाव से नमन भी करती है, ताकि सभी वर्गों में आपसी सौहार्द बना रहे। इसलिए विशेष जाति वर्ग से अपील है कि जयंती समारोहों को एक वर्ग से जोड़कर कार्यकमों का आयोजन करना अनुचित है। Post navigation इग्नू फ्रेश एडमिशन की अंतिम तिथि 16 अगस्त, 2021 तक प्रदेश में स्पेशल गायों की सुरक्षा के लिए टास्क फोर्स गठन